इस साल सितंबर-अक्टूबर में बैंक कर्ज पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 100 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गया। इसका मुख्य कारण कम जीएसटी दरें और दिवाली का त्योहार रहा है, जिससे लोगों का खर्च तेजी से बढ़ा। बैंकों ने बताया कि गाड़ी खरीदने, घरेलू सामान और निजी इस्तेमाल की चीजों के लिए रिटेल लोन में काफी बढ़ोत्तरी हुई है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की हर पखवाड़े की रिपोर्ट के मुताबिक, 5 सितंबर से 17 अक्टूबर 2025 तक बैंक लोन 188 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 192.192 लाख करोड़ रुपये हो गए। थे जो कि 4.1 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी को दर्शाता है। पिछले साल इसी त्योहारी समय में 6 सितंबर 2024 से 18 अक्टूबर 2024 तक लोन में 170.47 लाख करोड़ से 172.38 लाख करोड़ रुपये तक की बढ़ोत्तरी हुई थी जो कि सिर्फ 1.91 लाख करोड़ रुपये बढ़े थे तक की बढ़ोत्तरी को दर्शाता है।
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क्या रहीं वजहें
लोन बढ़ने के पीछे अन्य भी कई वजहें रहीं। त्योहारी सीजन, आसान लोन और जीएसटी कट की वजह से लोगों में खरीदारी के प्रति सकारात्मक रवैया। इन सभी वजहों से लोन में काफी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। एक्सपर्ट्स का कहना है कि नवंबर में भी साल के अंत के ऑफर और त्योहारों से जुड़ी प्रमोशन से मांग बनी रहेगी। साल-दर-साल आधार पर 17 अक्टूबर 2025 तक बैंक क्रेडिट 11.45 प्रतिशत बढ़ा है जो कि करीब 9 महीनों में सबसे ज्यादा है।
जीएसटी सुधार का बड़ा असर
केयरएज रेटिंग्स की हालिया रिपोर्ट में कहा गया, क्रेडिट ग्रोथ मुख्य रूप से त्योहारी मांग और जीएसटी कटौती के अनोखे असर से आई। खासकर घर, गाड़ियां और सफेद सामान (व्हाइट गुड्स) पर।' सरकार ने 22 सितंबर से नई जीएसटी व्यवस्था शुरू की, जिसमें सिर्फ दो स्लैब – 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत। इससे त्योहारी सीजन में घरेलू मांग बढ़ी।
कैनरा बैंक के एमडी और सीईओ के सत्यनारायण राजू ने बताया, जीएसटी कटौती 22 सितंबर से लागू हुई। सितंबर के आखिरी हफ्ते में गाड़ी के लोन की मांग बहुत बढ़ी। हमारा बैंक जुलाई-सितंबर 2025 तिमाही में वाहन ऋण में 25 प्रतिशत से ज्यादा की ग्रोथ दर्ज की।'
वाहन ऋण के अलावा एमएसएमई सेक्टर में भी लोन की मांग मजबूत हुई। सितंबर 2025 तिमाही में 12.7 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई। राजू ने कहा, खपत बढ़ी है। खपत बढ़ने से एमएसएमई पर असर पड़ता है। उत्पादन की मांग बढ़ती है, इसलिए क्रेडिट की मांग भी।'
जीडीपी में होगा इजाफा
हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री गोयल और सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि जीएसटी कटौती के फायदे उपभोक्ताओं तक पहुंच रहे हैं। इससे खरीदारी बढ़ी, जो निवेश को बढ़ावा देगी।
सरकार को विश्वास है कि ज्यादा खपत से इस साल जीडीपी में अच्छा इजाफा होगा। वैष्णव ने कहा, पिछले साल जीडीपी 335 लाख करोड़ रुपये थी। इसमें खपत 202 लाख करोड़ और निवेश 98 लाख करोड़। खपत हर साल आय बढ़ने से बढ़ती है, लेकिन जीएसटी सुधार से इस साल 10 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ सकती है। यानी अतिरिक्त 20 लाख करोड़ रुपये की खपत।'
क्रेडिट ग्रोथ मजबूत रहेगी
विश्लेषकों का कहना है कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बैंक लोन की ग्रोथ मजबूत रहेगी। जीएसटी कटौती, बजट 2025-26 में आयकर राहत, अच्छा मानसून और कम महंगाई से मदद मिलेगी।
बैंक ऑफ बड़ौदा के अर्थशास्त्रियों की रिपोर्ट में कहा गया, तीसरी तिमाही रोमांचक होगी। त्योहारों से बड़ा रिवाइवल आएगा। सितंबर की शुरुआत में लोग इंतजार कर रहे थे, क्योंकि 22 सितंबर से नई जीएसटी लागू होनी थी।'
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कम हुई हैं कीमतें
कई सामानों की कीमतें 10 प्रतिशत कम हुईं, इससे घरों में बचत हुई और अतिरिक्त खर्च के लिए पैसे बचे। महंगाई कम होने से असली आय बढ़ी, खर्च बढ़ा। सितंबर में सीपीआई महंगाई 1.5 प्रतिशत पर आई, जो अगस्त के 2.1 प्रतिशत से कम है। यह जून 2017 के बाद सबसे कम है।
अर्थशास्त्रियों ने कहा, कम महंगाई से खरीदने की ताकत बढ़ेगी। बिक्री बढ़ेगी, कुछ चीजों में दो अंकों की तेज ग्रोथ। बजट की आयकर राहत साल भर फायदा देगी, लेकिन पहले 6 महीनों की बचत दूसरी छमाही में खर्च बढ़ाएगी।'