पिछले साल हुई गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) काउंसिल की मीटिंग में अलग-अलग तरह के पॉपकॉर्न के लिए अलग-अलग रेट तय किया गया था। जिसे लेकर सोशल मीडिया पर बहुत बवाल हुआ था। इस साल हुई GST काउंसिल की मीटिंग में पॉपकॉर्न के जीएसटी रेट में भी बदलाव किया गया है। 22 सितंबर से लागू होने वाले नए स्लैब में अलग-अलग तरह के पॉपकॉर्न को लेकर पूरी तरह से स्पष्टता की गई है।
इसके मुताबिक सादे नमक वाले पॉपकॉर्न पर चाहे वह लूज़ हो यानी कि खुला बेचा जा रहा हो या कि पहले से पैक्ड हो उस पर अब 5 फीसदी टैक्स लगेगा। साथ ही कैरेमल पॉपकॉर्न पर भी जीएसटी को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। पहले इस बात को लेकर बहस चल रही थी कि चूंकि इसमें चीनी होती है इसलिए इसे अलग टैक्स स्लैब में रखा गया होगा, लेकिन ऐसा नहीं है इसे भी 5 प्रतिशत के ही टैक्स स्लैब में रखा गया है। यानी कि किसी भी प्रकार के पॉपकॉर्न पर चाहे वह कैसे भी बेचा जा रहा हो, उस पर 5 फीसदी का ही जीएसटी लगेगा।
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पहले का टैक्स स्लैब
पिछले साल हुई GST काउंसिल में तय रेट में नमक वाले पॉपकॉर्न के लिए दो अलग-अलग स्लैब थे। नमक वाला पॉपकॉर्न अगर खुले में मिल रहा है तो 5% टैक्स लगता था। अगर इसी पॉपकॉर्न को पैक करके या लेबल लगाकर बेचा जा रहा हो तो इस पर 12 फीसदी का टैक्स लगता था। इसी तरह, कैरेमल पॉपकॉर्न पर 18 पर्सेंट टैक्स लगता था। अब इन दोनों तरह के पॉपकॉर्न के टैक्स स्लैब में बदलाव करके 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
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क्रीम बन पर लगने वाला टैक्स
क्रीम बन पर जीएसटी दरों को लेकर भी ऐसा ही विवाद हुआ था। पहले क्रीम बन पर 18% टैक्स लगता था क्योंकि यह पेस्ट्री की कैटेगरी में आता था। हालांकि, बन और क्रीम पर अलग-अलग 5% टैक्स लगता था।
नए जीएसटी बदलावों के बाद, पेस्ट्री, जिनमें क्रीम बन भी शामिल है, अब उस पर 5% टैक्स लगेगा। यानी क्रीम, बन और क्रीम बन पर 5% का एक समान टैक्स लगेगा।
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GST में नए बदलाव
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) को अब पूरी तरह से बदल दिया गया है। इसके पहले 4 स्लैब होते थे लेकिन अब केवल 2 ही स्लैब होंगे। इसके पहले 5%, 12%, 18% और 28% की स्लैब थीं।अब केवल दो मतलब 5% और 18% स्लैब ही होगी। कुछ चीजें जैसे सिगरेट-तंबाकू और लग्जरी आइटम पर 40% का स्लैब लगेगा। GST की यह नई दरें 22 सितंबर से लागू हो जाएंगी।