नौकरी की तलाश करने के लिए अधिकांश युवा ऑनलाइन प्लैटफॉर्म्स का इस्तेमाल करते हैं। इस दौरान कई लोगों की नौकरी लगती है और कुछ लोगों को निराशा हाथ आती है। इसी फायदा धोखाधड़ी करने वाले लोग उठाते हैं और नौकरी दिलाने या देने का झांसा देकर बड़ी रकम मांगते हैं। हालही में आए एक रिपोर्ट के अनुसार, 75% से अधिक लोगों का मानना है कि नौकरी पाने की चाह में उम्मीदवार खुद ही आंशिक रूप से जिम्मेदार हैं।
धोखाधड़ी का कारण यह है कि वे कंपनी की साख की जांच किए बिना भुगतान कर देते हैं या निजी जानकारी साझा कर देते हैं। बता दें कि यह रिपोर्ट जीनियस कंसल्टेंट्स ने जारी की है, जो वर्कफोर्स स्टाफिंग और एचआर सेवाएं प्रदान करती है।
रिपोर्ट में क्या आया सामने
यह सर्वेक्षण 1,427 कर्मचारियों पर किया गया था, जो विभिन्न क्षेत्र जैसे एफएमसीजी, तकनीकी, मैन्युफैक्चरिंग, टेलीकॉम, ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स, रियल एस्टेट और बीएफएसआई (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा) में कार्यरत थे।
इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि केवल 28% लोगों ने माना कि सरकार या नियामक निकायों ने नौकरी धोखाधड़ी रोकने के लिए उचित कदम उठाए हैं। वहीं, 55% लोगों का कहना है कि इस दिशा में अभी भी कड़े उपायों की कमी है।
इसके साथ 87% का मानना है कि यह धोखाधड़ी मुख्य रूप से स्कैमर्स द्वारा की जाती है, जो नौकरी के बाजार का फायदा उठाते हैं। केवल 7% ने इसे साइबर अपराध से जोड़ा। इसमें कहा गया है कि इससे पता चलता है कि नौकरी संबंधी धोखाधड़ी अक्सर अधिक व्यक्तिगत और भ्रामक होती है, जिसमें उम्मीदवारों को धोखाधड़ी वाली योजनाओं में फंसाने के लिए रणनीति का इस्तेमाल किया जाता है।
धोखाधड़ी के प्रकार
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 70% लोगों का कहना कि उन्होंने फर्जी नौकरी पोस्टिंग देखी हैं, जो उम्मीदवारों को गलत तरीके से आकर्षित करती हैं। वहीं 26% ने फर्जी भर्ती एजेंसियों का सामना किया। 3% को ऐसे मामले झेलने पड़े जहां पैसे मांगे गए। वहीं 1% ने पहचान चोरी के मामले रिपोर्ट किए।
किन क्षेत्रों पर ज्यादा असर?
43% लोगों ने आईटी क्षेत्र को सबसे अधिक धोखाधड़ी-संवेदनशील बताया। इसके पीछे मुख्य कारण इस क्षेत्र में प्रतिभा की मांग और ऑनलाइन जॉब पोर्टल्स पर निर्भरता है। 29% रिटेल और ई-कॉमर्स, 22% वित्तीय क्षेत्र और 4% ने स्वास्थ्य क्षेत्र में धोखाधड़ी होने की बात कही है।
ऑनलाइन जॉब पोर्टल्स का प्रभाव
रिपोर्ट बताती है कि ऑनलाइन जॉब पोर्टल्स ने भर्तियां आसान बना दी हैं, लेकिन इसने धोखाधड़ी के नए रास्ते भी खोल दिए हैं। 65% का मानना है कि इन प्लेटफॉर्म्स की बढ़ोतरी ने धोखाधड़ी में इजाफा किया है। 22% का कहना है कि इसने समस्या को थोड़ा बढ़ाया है।