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ट्रंप के टैरिफ ने सूरत की 'डायमंड सिटी' की चमक कैसे फीकी कर दी? समझें

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 50% टैरिफ लागू हो गया है। इसका असर सूरत की डायमंड इंडस्ट्री पर भी पड़ रहा है। सूरत के हीरों का अमेरिका बड़ा खरीदार है लेकिन अब टैरिफ से यह महंगा हो जाएगा।

trump tarrif on diamond

प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)

पहले रूस-यूक्रेन की जंग और अब अमेरिकी टैरिफ... गुजरात के सूरत की हीरा इंडस्ट्री पर साढ़े तीन साल के भीतर दूसरी बड़ी मार पड़ी है। सूरत को दुनिया की 'डायमंड सिटी' भी कहा जाता है। इसकी वजह भी है। क्योंकि सूरत हीरे की कटिंग और पॉलिंशिंग का सबसे बड़ा सेंटर है। सूरत के 'हीरा' का अमेरिका सबसे बड़ा खरीदार है। अब टैरिफ बढ़ने से सूरत से होने वाले हीरे के एक्सपोर्ट पर असर पड़ सकता है।


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय इम्पोर्ट पर 50% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया है। भारत से एक्सपोर्ट होने वाले हीरे-जवाहरात पर पहले 2.1% टैरिफ लगता था। अब 52.1% टैरिफ लगेगा। टैरिफ बढ़ने से भारत के सूरत से जाने वाला हीरा अमेरिका में काफी महंगा हो जाएगा। 

सूरत में फीकी पड़ रही हीरे की चमक!

रूस और यूक्रेन की जंग के कारण सूरत की डायमंड इंडस्ट्री पहले ही संकट से गुजर रही थी। अब ट्रंप के एक्स्ट्रा 50% टैरिफ ने इस संकट को और गहरा कर दिया है।


रूस के अलरोसा से सबसे ज्यादा हीरा निकलता है। दुनिया का 30% कच्चा हीरा अलरोसा से ही आता है। फरवरी 2022 से पहले रूस दुनिया को जितना कच्चा हीरा सप्लाई करता था, उसका 60% अकेला भारत खरीदता था। भारत में इस कच्चे हीरे को पॉलिश किया जाता था और फिर एक्सपोर्ट किया जाता था।


यूक्रेन जंग के बाद अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसने कच्चे हीरे की सप्लाई को प्रभावित किया। इस कारण पहले ही हजारों लोगों का काम बंद हो चुका है। 


रिपोर्ट्स बताती हैं कि डायमंड में मंदी के चलते सूरत की कई फैक्ट्रियां पहले ही बंद हो चुकी हैं। इस कारण नौकरियां भी खत्म हो गई हैं। सूरत की इन डायमंड फैक्ट्रियों में काम करने के लिए लोग गांव-देहात से आते हैं। इनका काम हीरा तराशना होता है। 


गुजरात की डायमंड वर्कर्स यूनियन ने पिछले साल अक्टूबर में बताया था कि पिछले 6 महीने में 60 से ज्यादा मजदूर आत्महत्या कर चुके हैं। ये वे मजदूर थे, जिनकी नौकरियां चली गई थीं। 


इतना ही नहीं, दिसंबर 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूरत में 'सूरत डायमंड बोर्स' का उद्घाटन किया था। यह दुनिया का सबसे बड़ा ट्रेड सेंटर है। यहां 4,700 से ज्यादा ऑफिस के लिए जगह है। यह 67 लाख वर्ग फीट में फैला हुआ। यह अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन से भी ज्यादा बड़ा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, 15 मंजिला इस इमारत में अभी 250 ऑफिस ही खुले हैं।

 

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कितनी बड़ी है सूरत की डायमंड इंडस्ट्री?

हीरे को तराशने का सबसे बड़ा सेंटर सूरत है। दुनिया के हर 5 में से 4 हीरों को सूरत में ही तराशा और चमकाया जाता है। हीरे को तराशने और चमकाने का काम यहां के लोग पीढ़ियों से करते आ रहे हैं। उन्हें इसके अलावा दूसरा काम भी नहीं आता। 


दुनिया का 90 फीसदी कच्चा हीरा कटिंग और पॉलिशिंग के लिए सूरत भेजा जाता है। सूरत की डायमंड इंडस्ट्री में 8 लाख से ज्यादा लोग काम करते हैं। जबकि, पूरे देशभर में इस काम से 13 लाख लोग जुड़े हैं। 


हालांकि, सूरत में पॉलिश होने वाले बहुत कम हीरों का ही भारतीय इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि यह ज्यादातर एक्सपोर्ट होता है।  


पिछले कुछ सालों से भारत से हीरों का एक्सपोर्ट लगातार कम हो रहा है। जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) के मुताबिक, 2024-25 में भारत से 13.3 अरब डॉलर के हीरे एक्सपोर्ट हुए थे। यह 2023-24 की तुलना में लगभग 17 फीसदी कम था। 2023-24 में करीब 16 अरब डॉलर के हीरों का एक्सपोर्ट हुआ था।

 

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ट्रंप के टैरिफ से क्या-क्या हो सकता है?

अब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने 50% टैरिफ लगा दिया है। इससे लाखों नौकरियों पर खतरा खड़ा हो गया है। GJEPC के अध्यक्ष शौनक पारिख का कहना है कि अगर टैरिफ कम करने को लेकर भारत और अमेरिका में डील नहीं होती है तो इससे 1.5 से 2 लाख कारीगरों की नौकरी जा सकती है।


इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का मानना है कि अमेरिकी खरीदार भारत की बजाय इजरायल, बेल्जियम और बोत्सवाना जैसे देशों से हीरा खरीदना शुरू कर देंगे। 


GJEPC के पूर्व रीजनल चेयरमैन दिनेश नवादिया ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि ट्रंप के टैरिफ से भारतीय हीरा अमेरिका में महंगा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि 2024-25 में भारत 13.3 अरब डॉलर का हीरा निर्यात किया था। इसमें से 4.8 अरब डॉलर के हीरे अकेले अमेरिका को निर्यात किए गए थे। इसका मतलब हुआ कि भारत के हीरों का 40% निर्यात सिर्फ अमेरिका को ही होता है।


हालांकि, सूरत डायमंड एसोसिएशन (SDA) के अध्यक्ष जगदीश खूंट का मानना है कि टैरिफ का असर कुछ वक्त के लिए ही होगा, क्योंकि पॉलिश डायमंड का अमेरिका के पास कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि 10 में से 9 हीरे भारत में ही तराशे और चमकाए जाते हैं, इसलिए ट्रंप क टैरिफ का असर कुछ वक्त के लिए ही रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे भारतीय गोल्ड से प्यार करते हैं, वैसे ही अमेरिकी डायमंड से जुड़े हुए हैं। डायमंड कितना भी महंगा हो जाए, अमेरिकी इसे खरीदना बंद नहीं करेंगे।


दिनेश नवादिया का कहना है कि टैरिफ के असर को कम करने के लिए UAE, UK और ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) का फायदा उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह रूस और चीन भी हमारे लिए अपना बाजार खोल दें तो बड़ी राहत की बात होगी।


कुल मिलाकर, ट्रंप के टैरिफ ने सूरत के हीरा कारोबारियों और कारीगरों की चिंता बढ़ा दी है। कई फैक्ट्रियां बंद हो सकती हैं और लाखों कारीगरों की नौकरी जा सकती है।

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