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लोन फ्रॉड मामले में अनिल अंबानी से होगी पूछताछ, ED ने किया समन

उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।17 हजार करोड़ के लोन फ्रॉड मामले में ED ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया है।

Anil Ambani,

अनिल अंबानी, Photo Credit- PTI

प्रवर्तन निदेशालय ( ED) ने अनिल अंबानी को कई हजार करोड़ के लोन फ्रॉड मामले में समन जारी किया है। उन्हें 5 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। समन की खबर के बाद अनिल अंबानी की दो प्रमुख कंपनियों, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के शेयरों में 3% की गिरावट है। इससे पहले ED ने पिछले हफ्ते अनिल के मुंबई और दिल्ली समेत 50 से ज्यादा कंपनियों पर छापेमारी की थी। 25 से ज्यादा लोगों से भी पूछताछ की गई थी। इनमें रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबनी ग्रुप के कई बड़े अधिकारी भी शामिल थे। 

 

रिपोर्ट के मुताबिक अनिल अंबानी की 2 कंपनियों को मिले जिस लोन पर जांच की जा रही है, उसे यस बैंक ने दिया था। मामले में CBI ने यस बैंक के पूर्व चेयरमैन राणा कपूर को आरोपी बनाया है।

 

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क्या है ED की कार्रवाई की वजह?

2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने अनिल अंबानी से जुड़े रिलायंस ग्रुप की 2  कंपनियों रिलायंस होम फाइनेंस और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस को लगभग 3,000 करोड़ रुपए का लोन दिया था।  शुरुआती जांच में पता चला है कि एक सोची समझी स्कीम के तहत इस लोन को फर्जी कंपनियों और दूसरी जगहों पर डायवर्ट किया गया।

 

ऐसा कर बैंक और निवेशकों  को धोखा दिया गया। जांच में यह भी सामने आया कि ऐसा करने के लिए यस बैंक के बड़े अधिकारियों को शायद रिश्वत दी गई है। जांच में कई और गड़बड़ी सामने आई हैं। जैसे बिना ठीक से वेरिफिकेशन वाली कंपनियों को लोन देना, लोन से जुड़े जरूरी दस्तावेजों का न होना। पुराने लोन चुकाने के लिए नए लोन देना।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ED के एक अफसर ने बताया कि वित्त वर्ष 2017-18 से 2018-19 में रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड को मिलने वाले कॉर्पोर्ट लोन में हैरान करने वाला इजाफा हुआ। 2017-18 में यह 3,742.60 करोड़ था जो 2018-19 में बढ़कर 8,670.80 करोड़ हो गया। ED इसकी भी जांच कर रही है।

 

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कौन हैं अनिल अंबानी 

अनिल अंबानी, धीरूभाई अंबानी के छोटे बेटे हैं। 2006 में रिलायंस ग्रुप के बंटवारे के बाद उन्होंने टेलीकॉम, पावर, फाइनेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में अपना बिजनेस खड़ा किया था। हालांकि, धीरे-धीरे उनकी कंपनियां घाटे में जाने लगी। कई कंपनियों ने खुद को दिवालिया घोषित किया।

 

अनिल अंबानी फ्रॉड भी घोषित हो चुके हैं। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने खुद संसद में इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और इसके प्रमोटर डायरेक्टर अनिल डी. अंबानी को फ्रॉड घोषित कर दिया है। कार्रवाई RBI के फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट के नियमों और बैंक की फ्रॉड पर बनी पॉलिसी के मुताबिक की गई है।

 

SBI का कहना है कि रिलायंस कम्युनिकेशंस ने बैंक से लिए गए 31,580 करोड़ रुपए के लोन का गलत इस्तेमाल किया। इसमें से करीब 13,667 करोड़ रुपए दूसरी कंपनियों के लोन चुकाने में खर्च किए। 12,692 करोड़ रुपए रिलायंस ग्रुप की दूसरी कंपनियों को ट्रांसफर किए।

 

 

 

 

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