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9 साल का इंतजार कैसे हुआ खत्म? टेस्ला की इंडिया में एंट्री की कहानी

एलन मस्क की टेस्ला भारत आ गई है। कंपनी ने मॉडल Y के दो वैरिएंट भारत में लॉन्च कर दिए हैं। मुंबई में कंपनी का पहला एक्सपीरियंस सेंटर भी शुरू हो गया है।

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टेस्ला का मुंबई में एक्सपीरियंस सेंटर। (Photo Credit: Social Media)

सालों से कोशिश कर रहे एलन मस्क की आखिरकार भारत में एंट्री हो ही गई। मंगलवार को मुंबई में उनकी कंपनी टेस्ला का पहला 'एक्सपीरियंस सेंटर' खुला। यह मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में खुला है। यह 'शोरूम' की तरह नहीं है, बल्कि एक्सपीरियंस सेंटर हैं, जहां ग्राहकों को टेस्ला की टेक्नोलॉजी और इनोवेशन देखने को मिलेगी।

 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने टेस्ला के पहले एक्सपीरियंस सेंटर का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा, 'यह हमारे लिए खुशी की बात है कि टेस्ला ने भारत में अपना पहला एक्सपीरियंस सेंटर मुंबई में शुरू किया। टेस्ला यहां लॉजिस्टिक और सर्विसिंग सिस्टम बना रही है। कंपनी चार बड़े चार्जिंग स्टेशन भी खोलेगी।' उन्होंने उम्मीद जताई कि जब टेस्ला भारत में मैनुफैक्चरिंग प्लांट खोलने का फैसला करेगी तो महाराष्ट्र को चुनेगी।

 

टेस्ला ने भारत में मॉडल Y लॉन्च कर दिया है, जिसकी शुरुआती कीमत 60 लाख रुपये रखी गई है। अगर अमेरिकी बाजार से तुलना की जाए तो भारत में टेस्ला की गाड़ियां काफी महंगी हैं।

 

भारत में कितनी है टेस्ला की कीमत?

टेस्ला ने भारत में मॉडल Y के दो वैरिएंट- रियर-व्हील ड्राइव (RWD) और लॉन्ग रेंज रियर-व्हील ड्राइव (LRRWD) लॉन्च किए हैं। इसकी शुरुआती कीमत 60 लाख रुपये के आसपास है। अगर रेड कलर में खरीदते हैं तो 1.85 लाख रुपये ज्यादा चुकाने पड़ेंगे।

 

टेस्ला की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, RWD वैरिएंट की एक्स-शोरूम कीमत 59.89 लाख रुपये है। इसकी मैक्सिमम स्पीड 500 किलोमीटर प्रति घंटा है। वहीं, LRRWD वैरिएंट की कीमत 67.89 लाख रुपये है। यह 622 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है।

 

विदेशी बाजारों से इसकी तुलना करें तो पाएंगे तो भारत में टेस्ला के मॉडल Y की कीमत ज्यादा है। अमेरिका में इसकी शुरुआती कीमत 44,990 डॉलर है। भारतीय करंसी में देखें तो यह 38.62 लाख रुपये होती है। यानी, अमेरिका की तुलना में भारत में मॉडल Y मोटा-मोटा 20 लाख रुपये महंगा है।

 

 

लेकिन इतना अंतर क्यों? ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारत में टेस्ला ने शंघाई प्लांट से मॉडल Y की 5 यूनिट इम्पोर्ट की हैं। इसकी एक यूनिट पर कथित तौर पर 21 लाख रुपये की इम्पोर्ट ड्यूटी लगी है, क्योंकि भारत में 40 हजार डॉलर से कम कीमत की इम्पोर्टेड गाड़ियों पर 70% टैक्स लगता है।

 

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भारत में लंबे वक्त से इंतजार में थे एलन

एलन मस्क सालों से टेस्ला को भारतीय बाजार में उतारने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, बात नहीं बन सकी।

 

इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब अमेरिका गए थे, तब एलन मस्क ने भी उनसे मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि इसी मुलाकात के बाद एलन की टेस्ला की भारत में एंट्री का रास्ता साफ हो सका।

 

इसी साल फरवरी में टेस्ला ने भारत में 13 पदों पर वैकेंसी निकाली थी। इसके बाद तय हो गया था कि टेस्ला जल्द ही भारत में आने वाली है।

 

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बताया था कि टेस्ला ने भारत में मुंबई और दिल्ली में शोरूम के लिए जगह देखी है। मुंबई के BKC में तो टेस्ला का पहला एक्सपीरियंस सेंटर तो खुल गया है। दिल्ली में Aerocity में टेस्ला का दूसरा सेंटर खुल सकता है।

 

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भारत में कैसे हुआ टेस्ला का रास्ता साफ?

टेस्ला ने 2016 में भारत में अपने मॉडल 3 के लिए प्रीबुकिंग शुरू की थी। हालांकि, जिन लोगों ने इसकी बुकिंग की थी, बाद में उन्हें उनका पैसा लौटा दिया गया। 2017 में एलन मस्क ने खुले तौर पर कहा था कि भारत में टैक्स की वजह से टेस्ला को लॉन्च करने में दिक्कत आ रही है।

 

जनवरी 2021 में टेस्ला ने भारत में खुद को एक कंपनी के तौर पर रजिस्टर किया। बेंगलुरु में टेस्ला इंडिया मोटर्स एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से यह रजिस्टर हुई। यहां तक कि उसी साल केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा था कि इस साल तक टेस्ला की बिक्री भारत में शुरू हो जाएगी। हालांकि, फिर बात नहीं बन सकी।

 

2023 में टेस्ला ने मुंबई में 13 पदों पर वैकेंसी निकाली। इससे लगा कि इस साल टेस्ला भारत में आ ही जाएगी। टेस्ला ने महाराष्ट्र और गुजरात में 2 अरब डॉलर के इन्वेस्टमेंट का प्लान भी रखा। हालांकि, भारत के हाई टैरिफ और लोकल मैनुफैक्चरिंग पर जोर दिया, जिससे बात फिर अटक गई।

 

एलन मस्क की टेस्ला की भारत में एंट्री का रास्ता भारत में तब बना, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में इम्पोर्टेड कारों पर कस्टम ड्यूटी घटाने का ऐलान किया। उन्होंने 40 हजार डॉलर से ज्यादा महंगी कारों पर कस्टम ड्यूटी 110% से घटाकर 70% कर दी है। टेस्ला को भारत आने से यही रोक रहा था। बजट आने के कुछ दिन बाद ही एलन मस्क ने अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की थी।

 

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फिर आई नितिन गडकरी की पॉलिसी

भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मैनुफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के मकसद से नितिन गडकरी के सड़क और परिवहन मंत्रालय ने मार्च 2024 में नई स्कीम शुरू की थी। इसे 'स्कीम टू प्रमोट मैनुफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक पैसेंजर्स कार इन इंडिया' यानी SPMEPCI नाम दिया गया। हालांकि, इसकी पॉलिसी की गाइडलाइंस इस साल 3 जून को आईं।

 

इस नई पॉलिसी के तहत, अगर कोई ऑटो कंपनी भारत में आकर EV बेचना चाहती है तो उसे कुछ शर्तों के साथ कई तरह की छूट देने का प्रावधान है। इसका मकसद भारत में इलेक्ट्रिक कार की मैनुफैक्चरिंग बढ़ाना है।

 

इस पॉलिसी के मुताबिक, अगर कोई ऑटो कंपनी भारत में कम से कम 4,150 करोड़ रुपये का निवेश करती है तो उसे 8,000 गाड़ियां इम्पोर्ट करने पर सिर्फ 15% इम्पोर्ट ड्यूटी देनी होगी। यह छूट 5 साल तक उन गाड़ियों पर मिलेगी, जिनकी कीमत 35 हजार डॉलर से ज्यादा होगी। खास बात यह है कि इस छूट के लिए कंपनी को भारत में मैनुफैक्चरिंग करने की जरूरत नहीं है। अगर कोई ऑटो कंपनी पूरी तरह से बनी हुई 35 हजार डॉलर से ज्यादा की कीमत वाली इलेक्ट्रिक कार को भारत में इम्पोर्ट करता है तो उसे 70% की बजाय सिर्फ 15% ड्यूटी देनी होगी। हालांकि, एक कंपनी को 6,484 करोड़ रुपये तक की ही छूट होगी।

 

हालांकि, टेस्ला ने भारत में अभी सिर्फ मॉडल Y लॉन्च किया है। इसकी 5 यूनिट शंघाई से इम्पोर्ट की है। यह भी साफ है कि टेस्ला का फिलहाल भारत में मैनुफैक्चरिंग करने का कोई प्लान नहीं है। इसलिए यह पूरी तरह से नहीं माना जा सकता कि इस पॉलिसी ने टेस्ला की भारत में एंट्री का रास्ता साफ किया। हालांकि, यह जरूर है कि सरकार की यह पॉलिसी को टेस्ला को भारत में निवेश करने के लिए लुभा सकती है, क्योंकि अगर एलन मस्क इन्वेस्ट करते हैं तो उन्हें कई फायदे मिल सकते हैं।

 

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तो क्या है भारत में टेस्ला का प्लान?

टेस्ला को भारत में लॉन्च करना एक तरह से एलन मस्क की मजबूरी भी है। हाल के सालों में दुनियाभर में टेस्ला की बिक्री में भारी गिरावट आई है। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 की दूसरी तिमाही में टेस्ला की बिक्री में 13.5% की गिरावट आई है।

 

इतना ही नहीं, टेस्ला के लिए अब तक चीन सबसे बड़ा मार्केट हुआ करता था। 2020 में चीन के बाजार में टेस्ला का मार्केट शेयर 15% से ज्यादा था, जो अब घटकर 7.6% पर आ गया। टेस्ला को सबसे ज्यादा चुनौती चीन की ऑटो कंपनी BYD से मिल रही है। CNN की रिपोर्ट बताती है कि BYD के कारण टेस्ला से दुनिया की सबसे बड़ी EV मेकर का खिताब भी छीन सकता है।

 

 

फिलहाल, टेस्ला भारत में सिर्फ मॉडल Y की बिक्री करेगी। इसे चीन से इम्पोर्ट किया जाएगा। यह कार पूरी तरह से तैयार होकर चीन से ही भारत आएगी। यानी, भारत में यह सिर्फ बिकने के लिए ही आएगी। भारत में ज्यादा से ज्यादा बिक्री बढ़ाने के मकसद से टेस्ला दिल्ली और मुंबई में 4-4 चार्जिंग स्टेशन खोलेगी। हर एक चार्जिंग स्टेशन पर 4-4 सुपर चार्जर लगे होंगे। इनसे मात्र 15 मिनट की चार्जिंग में 267 किलोमीटर तक का सफर किया जा सकेगा।

 

टेस्ला ने बताया कि मॉडल Y के RWD वैरिएंट की बिक्री तीसरी तिमाही और LRRWD की बिक्री चौथी तिमाही में शुरू होगी। सबसे पहले दिल्ली, मुंबई और गुरुग्राम में इसकी डिलीवरी होगी।

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