नए वित्तीय वर्ष 2025-26 की शुरुआत 1 अप्रैल 2025 से हो रही है। इसके साथ ही टैक्स, बचत, पेंशन, बैंकिंग और डिजिटल भुगतान से जुड़े कई नए नियम लागू होंगे। ये बदलाव आम नागरिकों, कारोबारियों और सरकारी कर्मचारियों पर असर डालेंगे। बता दें कि इसका असर सभी लोगों पर अलग-अलग तरीके से पड़ेगा, साथ ही UPI से जुड़े भी कुछ नियम लागू होने जा रहे हैं। आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में विस्तार से।
इंकम टैक्स में होंगे बड़े बदलाव
नए इंकम टैक्स नियमों में बताया गया है कि 12.75 लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं होगा। साथ ही वेतन वाले कर्मचारियों को 75,000 रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। करदाता पुरानी या नई टैक्स प्रणाली में से किसी को भी चुन सकते हैं। नई कर प्रणाली में निवेश पर टैक्स छूट नहीं मिलेगी लेकिन पुराने टैक्स सिस्टम में टैक्स छूट पहले की तरह जारी रहेगी।
यह भी पढ़ें: वेल्थ घटने के बाद भी अंबानी देश में सबसे अमीर, अडाणी दूसरे नंबर पर
नई कर प्रणाली के कर स्लैब में 0-4 लाख रुपए वार्षिक आय पर 5% टैक्स दर, 4-8 लाख रुपए पर 10% टैक्स दर, 8-12 लाख रुपए रुपए पर 15%, 12-16 लाख रुपए पर 20%, 16-20 लाख रुपए पर 25% और 20 लाख से ज्यादा पर 30% टैक्स दर लगेगा।
बचत योजनाओं पर ब्याज से जुड़े बदलाव
इसके बचत योजनाओं पर ब्याज से जुड़े भी बदलाव किए गए हैं, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों को 1 लाख रुपए तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगेगा (पहले यह सीमा 50,000 रुपए थी)। वहीं अन्य करदाताओं के लिए नॉन-टैक्सेबल इंटरेस्ट की सीमा 40,000 रुपए से बढ़कर 50,000 रुपए कर दी गई है। साथ ही एफडी, आरडी और अन्य बचत योजनाओं के तहत ज्यादा लाभ मिलेगा।
मकान किराए पर मिलने वाली छूट
इसके साथ मकान मालिकों के लिए भी नए नियम लागु होंगे। जिसमें मकान किराए देने वाले आमदनी पर लगने वाले टैक्स की सीमा बढ़ाकर 6 लाख रुपए हो जाएगी। इससे मकान मालिकों की आमदनी बढ़ेगी।
बैंकिंग और यूपीआई से जुड़े बदलाव
नए बैंकिंग नियमों में 50,000 रुपए से ज्यादा के चेक पर नया नियम लागू होगा। इसमें 50,000 रुपए से ज्यादा के चेक जारी करने से पहले बैंक को उसकी जानकारी देनी होगी। इसके साथ 'पॉजिटिव पे सिस्टम' के तहत बैंक पहले चेक की जानकारी को वेरीफाई करेगा, जिससे धोखाधड़ी के मामलों में कमी आ सकती है।
साथ ही अगर किसी UPI आईडी से जुड़ा मोबाइल नंबर बंद है, तो उससे कोई लेनदेन नहीं किया जा सकेगा। NPCI ने यह नया नियम लागू किया है, जिससे ऑनलाइन पेमेंट में हो रही गड़बड़ी को रोका जा सके।
नई पेंशन योजना (UPS) होगी 1 अप्रैल से लागू
1 अप्रैल से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू होगी। जिसमें केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारी योजना का लाभ उठा सकेंगे। इसमें 25 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को उनकी अंतिम 12 महीनों की औसत सैलरी का 50% पेंशन दी जाएगी।
यह भी पढ़ें: 24% ही क्यों? वह फॉर्मूला जिससे 1 से 1.24 लाख हुई सांसदों की सैलरी
नए नियमों के तहत अब 10 लाख रुपए तक भेजने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा (पहले यह सीमा 7 लाख रुपए थी)। इससे विदेश में पढ़ाई कर रहे छात्रों के माता-पिता को राहत मिलेगी। साथ ही अब 10,000 रुपए तक के डिविडेंड पर टैक्स नहीं लगेगा, जिसकी पहले यह सीमा 5,000 रुपए थी। इससे शेयर बाजार में निवेश करने वालों को फायदा मिलेगा।
GST से जुड़े बदलाव
नए GST से जुड़े बदलाव में जिन कारोबारियों का वार्षिक टर्नओवर 10 करोड़ रुपए से ज्यादा है, उन्हें 30 दिनों के अंदर ई-इनवॉइस की जानकारी इनवॉइस रजिस्ट्रेशन पोर्टल (IRP) पर देनी होगी। अगर किसी व्यापारी का GST पंजीकरण कई राज्यों में अलग-अलग है, तो उसे ‘इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर’ के तौर पर अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।