भारत में छोटे से स्कूटर से लेकर बड़े-बड़े कारखाने डीजल-पेट्रोल जैसे अन्य पेट्रोलियम पदार्थों से चलते हैं। डीजल-पेट्रोल की खपत गाड़ियों में, बड़े इंजनों में और छोटी-बड़ी फैक्ट्रियों में होता है। भारत में कच्चे तेल की उपलब्धता कम होने की वजह से एक बड़ी मात्रा में इसका आयात करना पड़ता है। केंद्र सरकार ने बताया है कि भारत अपनी जरूरत भर के तेल का 85 पर्सेंट हिस्सा आयात ही करता है। इस आयातित तेल को कई तरीकों से बेचा जाता है, जिसका इस्तेमाल आम उपभोक्ता करते हैं। राज्य की सरकारें और केंद्र सरकार इस तेल पर टैक्स लेती है। अब पता चला है कि पिछले 5 साल में राज्य सरकारों और केंद्र सरकार ने मिलकर लगभग 36 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई तेल पर लगने वाले टैक्स से ही की है।
इस तेल पर केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी लेती है, डीलर अपना कमीशन लेते हैं, राज्य सरकार वैट लेती है। राज्य और केंद्र सरकारों को इसी से खूब कमाई होती है क्योंकि हर दिन लाखों लीटर डीजल, पेट्रोल की बिक्री पूरे देश में होती है। इस साल अप्रैल महीने की तुलना में नवंबर महीने में कच्चे तेल की कीमतें काफी कम हुई हैं लेकिन आम उपभोक्ता को ज्यादा राहत नहीं मिली है। अब इसी को लेकर कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय से एक सवाल पूछा है, जिसके जवाब में सरकारों को होने वाली कमाई के आंकड़े सामने आए हैं।
कितनी हुई सरकारों की कमाई?
पिछले 5 साल में पेट्रोलियम क्षेत्र से केंद्र सरकार को लगभग 22.11 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई है। इसमें वित्त वर्ष 2019-20 से लेकर, जून 2024 तक के आंकड़े शामिल हैं। इसी तरह राज्य सरकारों को लगभग 14 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई है। कुल मिलाकर राज्य और केंद्र सरकारों को लगभग 36 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई है।
साल दर साल के आंकड़ों की बात करें तो 2019-20 में कुल 5.55 लाख करोड़, 2020-21 में 6.72 लाख करोड़, 2021-22 में 7.74 लाख करोड़, 2022-23 में 7.48 लाख करोड़, 2023-24 में 7.51 लाख करोड़ और 2024-25 में अप्रैल से जून महीने तक 1.55 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई है।
दो बार घटाई गई एक्साइज ड्यूटी
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने इस संबंध में जवाब दिया है। उनके जवाब के मुताबिक, केंद्र सरकार ने नवंबर 2021 और मई 2022 में एक्साइज ड्यूटी में क्रमश: 13 और 16 रुपये प्रति लीटर की कमी की है। सरकार का कहना है कि इस कटौती की बदौलत ही दिल्ली में डीजल और पेट्रोल की कीमतें 98.42 रुपये और 110.04 रुपये लीटर से घटकर 18 नवंबर को 87.67 रुपये और 94.77 रुपये प्रति लीटर हुई हैं। हालांकि, रोचक बात यह है कि केंद्र सरकार के इन आंकड़ों में कच्चे तेल की मौजूदा कीमत का जिक्र नहीं किया गया है।