भारत के एक फैसले से बांग्लादेश को कैसे लगेगी 6570 करोड़ की चपत?
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• NEW DELHI 19 May 2025, (अपडेटेड 20 May 2025, 6:09 AM IST)
बांग्लादेश को कड़ा सबक सिखाते हुए भारत ने वहां से जमीनी रास्तों से आने वाले सामान पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब बांग्लादेश को अपना सामान निर्यात करने के लिए दूसरे रास्तों का इस्तेमाल करना होगा।

प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)
भारत ने बांग्लादेश से आने वाले सामान को लेकर बड़ा फैसला लिया है। मोदी सरकार ने जमीनी रास्ते से होने वाले बांग्लादेशी एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया है। यह बैन नॉर्थ ईस्ट के राज्यों से होने वाले एक्सपोर्ट पर लागू होगा। अब बांग्लादेश को अपना सामान एक्सपोर्ट करने के लिए कोलकाता और मुंबई के पोर्ट का इस्तेमाल करना होगा।
इसे लेकर डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। हालांकि, भारत के रास्ते से होकर नेपाल और भूटान जाने वाले सामान पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
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भारत ने क्या लिया है फैसला?
- लैंड पोर्ट से एक्सपोर्ट बंदः जमीनी रास्तों से आने वाले बांग्लादेशी सामानों पर प्रतिबंध लगाया है। असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम और पश्चिम बंगाल के फुलबाड़ी और चंग्रबंधा पोर्ट से आने वाले रास्तों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
- किन सामानों पर प्रतिबंध: बांग्लादेश से आने वाले रेडी मेड गारमेंट, प्लास्टिक, मेलामाइन, फर्नीचर, जूस, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, बेकरी आइटम और प्रोसेस्ड फूड पर बैन लगाया गया है।
- अब क्या रास्ता होगा: बांग्लादेश अब एक्सपोर्ट के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के लैंड पोर्ट का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। इसकी बजाय अब कोलकाता के श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट और मुंबई के नवा शेवा पोर्ट से ही सामान आ सकेगा।
- क्यों लिया यह फैसला: भारत ने यह फैसला बांग्लादेशी सरकार के प्रमुख मोहम्मद युनूस के उस बयान पर लिया है, जिसमें उन्होंने कहा था, 'भारत के पूर्वोत्तर राज्य, भारत के लैंडलॉक्ड क्षेत्र है। समंदर तक उनकी पहुंच नहीं है। इस पूरे क्षेत्र में समंदर के अकेले संरक्षक हम हैं।'
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बांग्लादेश पर इसका असर क्या?
भारत के इस फैसले से बांग्लादेश पर बहुत बड़ा असर पड़ने की संभावना है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के मुताबिक, बांग्लादेश ने भारत को 77 करोड़ डॉलर (करीब 6,570 करोड़ रुपये) का एक्सपोर्ट (निर्यात) किया था। यह बांग्लादेश के कुल एक्सपोर्ट का 42% है। इसका मतलब हुआ कि बांग्लादेश, भारत पर बहुत ज्यादा निर्भर है।
अब तक बांग्लादेश से जमीनी रास्तों के जरिए सामान भारत आ जाता था। मगर अब यह कोलकाता और मुंबई के पोर्ट से आएगा। समुद्री रास्ते से आने के कारण बांग्लादेश का सामान भारत में महंगा हो जाएगा। बांग्लादेश के एक्सपोर्टर को अब ज्यादा खर्च करना होगा।
बांग्लादेश के रेडी मेड गारमेंट्स की भारत में काफी मांग थी। आंकड़ों से पता चलता है कि 2024 में भारत ने बांग्लादेश से 63.4 करोड़ डॉलर (करीब 5,413 करोड़ रुपये) के गारमेंट्स इम्पोर्ट किए थे। पिछले 10 साल में बांग्लादेश से रेडी मेड गारमेंट्स का इम्पोर्ट 19 फीसदी की सालाना दर से बढ़ा है।
कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (CITI) के अध्यक्ष राकेश मेहरा ने PTI को बताया, 'अप्रैल 2025 में बांग्लादेश ने भारत के सूती धागे के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। भारत का 45% सूती धागा बांग्लादेश को जाता है। अब सरकार के इस कदम को बांग्लादेश के खिलाफ मजबूत प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा सकता है।' उन्होंन कहा, 'इससे बांग्लादेश से आने वाले गारमेंट्स की लागत बढ़ेगी, जिससे रेडी मेड गारमेंट के भारतीय मैनुफैक्चरर्स को फायदा होगा।'
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भारत या बांग्लादेशः फायदे में कौन?
- भारतः GTRI का कहना है कि भारतीय टेक्सटाइल कंपनियां लंबे से बांग्लादेश से आने वाले रेडी मेड गारमेंट्स का विरोध करती रही हैं, क्योंकि इन पर ड्यूटी भी नहीं लगती है। इससे बांग्लादेशी कंपनियां 15-20 फीसदी मुनाफा कमा लेती हैं। भारत के इस कदम से भारत की MSME को फायदा हो सकता है, क्योंकि बांग्लादेश कपड़े महंगे होने से उनकी बिक्री बढ़ने की उम्मीद है। एपेरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (AEPC) के उपाध्यक्ष ए. शक्तिवेल ने PTI से कहा कि यह सरकार का अच्छा फैसला है, क्योंकि इससे डोमेस्टिक इंडस्ट्री को फायदा होगा।
- बांग्लादेशः 2024-25 में बांग्लादेश से 67 करोड़ डॉलर से ज्यादा के रेडी मेड गारमेंट्स आए थे। 2023-24 की तुलना में यह लगभग 14 फीसदी ज्यादा है। इसमें से 51 करोड़ डॉलर से ज्यादा के गारमेंट्स अकेले पश्चिम बंगाल के पेट्रापोल पोर्ट से आए थे। AEPC के महासचिव मिथिलेश्वर ठाकुर ने बताया, 'जमीनी रास्ते आमतौर पर किफायती होते हैं लेकिन समुद्री रास्ते से एक्सपोर्ट करने से लागत बढ़ जाएगी, जिससे बांग्लादेशी गारमेंट्स की पहुंच भारत में सीमित हो जाएगी।'
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नॉर्थईस्ट में 11 रूट्स से होता है कारोबार
पिछले साल 5 अगस्त बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट हो गया था। इसके बाद मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का सलाहकार नियुक्त किया गया था। शेख हसीना की सरकार जाने के बाद से ही भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में खटास आई है। बांग्लादेश की सरकार ने भारत के कई एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया है।
भारत और बांग्लादेश के बीच पूर्वोत्तर राज्यों से 11 लैंड पोर्ट्स के जरिए कारोबार होता है। इनमें से 3 असम, 2 मेघालय और 6 त्रिपुरा में हैं।
अब तक भारत ने सभी जमीनी रास्तों और समुद्री रास्तों के जरिए बांग्लादेश के सामानों के निर्यात को बिना किसी रोक-टोक के आने की अनुमति दी थी। हालांकि, बांग्लादेश की सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों से सटी सीमा पर बने लैंड कस्टम स्टेशन (LCS) और इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICP) पर भारतीय निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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