IRCTC और IRFC बनीं नवरत्न कंपनियां, जानें क्राइटीरिया और फायदे
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• DELHI 03 Mar 2025, (अपडेटेड 03 Mar 2025, 4:54 PM IST)
सरकार ने IRCTC और IRFC को नवरत्न कंपनी का दर्जा दिया है। इसके साथ ही देश में नवरत्न कंपनियों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है।

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: PTI
भारत सरकार ने रेलवे से जुड़ी दो कंपनियों को नवरत्न का दर्जा देने का फैसला किया है। इंडियन रेलवे के लिए टिकट बुकिंग और कैटरिंग सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनी IRCTC (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज़म कॉर्पोरेशन) और IRFC (इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड ) को नवरत्न कंपनियो में शामिल करने की मंजूरी मिल गई है।
इस फैसले के साथ ही देश में नवरत्न कंपनियों की संख्या 26 हो गई है। IRCTC देश की 25वीं और IRFC 26वीं नवरत्न कंपनी बनेगी। जहां एक तरफ शेयर मार्केट में गिरावट देखी जा रही है वहीं इसके शेयर में सोमवार को एक प्रतिशत की बढ़त देखी गई। इन दोनों कंपनियों के बेहतरीन प्रदर्शन के मद्देनज़र सरकार ने इन्हें नवरत्न कंपनी का दर्जा देने का फैसला किया है।
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कितना रहा मुनाफा
आईआरसीटीसी रेल मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली कंपनी है जिसका सालाना टर्नओवर 4,270.18 करोड़ रुपये है। मुनाफे की बात करें तो पिछले साल की तीसरी तिमाही में 14 प्रतिशत बढ़कर 341 करोड़ हो गया। वहीं कंपनी के रेवेन्यू में सालाना आधार पर करीब 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। FY25 की तीसरी तिमाही में ऑपरेशन से रेवेन्यू ₹1224.7 करोड़ रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में रेवेन्यू ₹1,115.5 करोड़ था।
क्वार्टरली मुनाफे की बात करें तो पिछले साल मार्च में 284 करोड़, जून में 308 करोड़, सितंबर में 308 करोड़ और दिसंबर में 341 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हुआ।
किस आधार पर मिलता है दर्जा
कंपनियों को नवरत्न का दर्जा दिए जाने के लिए कुछ शर्तें होती हैं-
- कंपनी को पिछले तीन सालों में 'एक्सिलेंट' या 'वेरी गुड' रेटिंग मिली हो।
- नवरत्न के पहले कंपनी मिनीरत्न रह चुकी हो।
- कंपनी को कंपोजिट स्कोर कम से कम 60 या उससे ऊपर हो। दरअसल, कंपनियों को उनकी परफॉर्मेंस, मुनाफा और वैल्युएशन इत्यादि के आधार पर अंक दिए जाते हैं जिसका कुल एवरेज उसका कंपोजिट स्कोर होता है।
- पीबीडीआईटी और कुल कैपिटल का रेशियो 15 प्रतिशत होना चाहिए। नुकसान, ब्याज और टैक्स काटने के पहले का जो प्रॉफिट होता है उसे पीबीडीआईटी कहते हैं।
- पीबीडीआईटी और टर्नओवर का औसत 15 प्रतिशत होना चाहिए।
- प्रति शेयर कमाई 10 प्रतिशत होनी चाहिए।
- इंटर-सेक्टोरल परफॉर्मेंस 20 प्रतिशत होना चाहिए।
क्या होगा फायदा
नवरत्न कंपनी बनने के बाद IRCTC को फैसले लेने की स्वतंत्रतता थोड़ी और मिल जाएगी। दरअसल सरकारी कंपनियों पर सरकार का पूरा नियंत्रण होता है इसलिए कंपनी के बोर्ड को लगभग हर फैसले के लिए सरकार से इजाज़त लेनी पड़ती है।
पर नवरत्न का दर्जा मिलने के बाद अपने फैसलों को लेकर उसे कुछ और स्वतंत्रताएं मिल जाएंगी। जैसे कि अब एक हजार करोड़ तक के निवेश के लिए कंपनी को सरकारी मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। इसकी सीमा को ध्यान में रखते हुए अपनी वैल्युएशन का 15 प्रतिशत किसी भी प्रोजेक्ट में लगा सकती है।
इसके अलावा नवरत्न का दर्जा मिलने के बाद अब यह कंपनी विदेश में ज्वाइंट वेंचर या फिर सब्सिडियरी भी स्थापित करने में स्वतंत्र होगी।
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तीन कैटेगरी की है कंपनी
इन कंपनियों की कैटेगरी में दो और भी कंपनियां होती हैं- महारत्न और मिनीरत्न। मिनीरत्न कंपनी नवरत्न से नीचे आती है जबकि महारत्न कंपनी का दर्जा नवरत्न से ऊपर होता है। इन कंपनियों को उनके फाइनेंशियल परफॉरमेंस, मैनेजमेंट और राष्ट्रीय महत्त्व के आधार पर दर्जा दिया जाता है।
IRFC को भी मिला नवरत्न का दर्जा
IRCTC के अलावा IRFC को भी नवरत्न का दर्जा मिला है। इस कंपनी का पिछले साल का मार्च का कुल प्रॉफिट 1717 करोड़, जून का प्रॉफिट 1577, सितंबर का प्रॉफिट 1613 करोड़ और दिसंबर 2024 को प्रॉफिट 1631 करोड़ रुपये रहा।
कौन कौन सी नवरत्न कंपनियां
1. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
2. कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड
3. इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड
4. महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड
5. नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड
6. नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड
7. नैवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन लिमिटेड
8. NMDC लिमिटेड
9. राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड
10. शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड
11. रेल विकास निगम लिमिटेड
12. ONGC विदेश लिमिटेड
13. राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड
14. IRCON
15. राइट्स
16. नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड
17. सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन
18. हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड 19. इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी लिमिटेड 20. मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड
21. रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड
22. सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) लिमिटेड
23. NHPC लिमिटेड
24. SJVN लिमिटेड
25. IRCTC
26. IRFC
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