भारत में पिछले एक-दो दशक में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। इंटरनेट गांव-गांव तक पहुंचा है। कभी केबल से पहुंचने वाला इंटरनेट पहले टावर के जरिए पहुंचा और अब इसे सैटलाइट से पहुंचाने की तैयारी चल रही है। इस बीच भारत सरकार ने बताया है कि भारत में 31 जनवरी 2025 तक इंटरनेट यूजर्स की संख्या 97 करोड़ पहुंच चुकी है। अगर पिछले 10 साल पहले के आंकड़े से इसकी तुलना की जाए तो लगभग इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में लगभग 4 गुना का इजाफा हुआ है। लगभग एक दशक पहले देश में 2G इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा रहा था लेकिन अब भारत में 6G इंटरनेट का ट्रायल चल रहा है।
मोबाइल इंटरनेट आने, डेटा पैक सस्ते होने और स्मार्टफोन सुलभ होने के साथ-साथ भारत में डिजिटल क्रांति तेजी से आगे बढ़ी है। UPI आने के बाद यह काम और तेज हो गया है। मौजूदा समय में 2 रुपये की चीजों के लिए भी लोग UPI से लेनदेन कर रहे हैं। सुबह दूध मंगाने के लिए किसी ग्रोसरी डिलीवरी ऐप का इस्तेमाल करना हो, अखबार पढ़ने के लिए ई-पेपर डाउनलोड करना हो, ऑफिस या कहीं दूसरी जगह जाने के लिए कैब का इस्तेमाल करना हो या फिर होटल, ट्रेन या अन्य चीजों की बुकिंग हो, हर काम में इंटरनेट का इस्तेमाल हो रहा है।
यह भी पढ़ें- वक्फ बिल के कानून बन जाने से देश में क्या बदलेगा? आज ही समझ लीजिए
भारत में कितने हैं इंटरनेट यूजर्स?
हाल ही में लोकसभा सांसद स्मिता उदय वाघ ने संसद में पूछा था कि देश में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या कितनी है और 2014 की तुलना में इसमें कितना इजाफा हुआ है। उन्होंने महाराष्ट्र और अपनी जलगांव लोकसभा में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या भी पूछी थी। साथ ही, देश में ब्रॉडबैंड कनेक्शन की संख्या और वायरलेस डेटा सब्सक्राइबर्स के साथ-साथ औसत डेटा खर्च के बारे में भी जानकारी मांगी गई थी।
टेलीकॉम विभाग के राज्यमंत्री पी चंद्रशेखर ने 2 अप्रैल को संसद में इसका जवाब दिया है। उन्होंने बताया है कि 1 अप्रैल 2014 तक देश में 25.15 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हुआ करते थे। ये आंकड़े टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के मुताबिक दिए गए हैं।
यह भी पढ़ेंः वाकिफ, मुतवल्ली... अमित शाह ने जो अरबी में बोला उनके मतलब क्या हैं?
31 जनवरी 2025 तक भारत में ब्रॉडबैंड का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 94.5 करोड़ थी। एक और रोचक डेटा सामने आया है। अप्रैल से जून 2014 के बीच जहां प्रति सब्सक्राइबर प्रति माह डेटा की खपत 70.10 MB डेटा थी जो जनवरी 2025 में 22,765 MB तक पहुंच गई है। यानी प्रति व्यक्ति डेटा की खपत कई गुना बढ़ चुकी है।
भारत में ई-कॉमर्स
इंडिया ब्रांड एक्विटी फाउंडेशन (IBEF) के डेटा के मुताबिक, भारत में ई-कॉमर्स का मार्केट पिछले 5 साल में लगभग दोगुना हो गया है। 2021 में जहां भारतीय ई-कॉमर्स सेक्टर ने 67 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कारोबार किया। वही, 2024 में बढ़कर 123 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। अनुमानित है कि यही कारोबार इस साल यानी 2025 में 145 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।
यह भी पढ़ें- हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पास पेड़ काटने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
UPI ने आसान किया काम
UPI को बैंक खाते सो जोड़ने और पैसे देने या लेने की प्रक्रिया आसान होने से यह तेजी से पॉपुलर हुआ है। NPCI के डेटा के मुताबिक, भारत में हर महीने 15 से 20 हजार करोड़ UPI लेनदेन हो रहे हैं। हर महीने 20 से 25 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन UPI के जरिए हो रहा है। मार्च 2025 के आंकड़ों को ही देखें तो कुल 661 बैंकों के यूजर्स ने 18.30 लाख करोड़ लेनदेन किए जिनके जरिए खुल 24.77 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।