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PM मोदी की चेतावनी से पाकिस्तान के कारोबार पर क्या असर होगा?

भारत और पाकिस्तान के कारोबारी रिश्ते पहले ही खराब थे और अब इनके सुधरने की कोई उम्मीद भी नहीं है। पीएम मोदी ने साफ कर दिया है कि टेरर और ट्रेड एक साथ नहीं चल सकते। ऐसे में जानते हैं कि इससे असर क्या होगा?

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पीएम मोदी और शहबाज शरीफ। (AI Generated Image)

भारत और पाकिस्तान के बीच 'सीजफायर' भले ही हो गया हो लेकिन तनाव अभी भी है। सोमवार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर को अभी सिर्फ 'स्थगित' किया गया है। पीएम मोदी ने कहा, 'पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर अपनी जवाबी कार्रवाई को अभी सिर्फ स्थगित किया है।' इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोद ने यह भी साफ किया कि अगर पाकिस्तान से बात होगी तो आतंकवाद और PoK पर होगी। उन्होंने यह भी कहा कि 'टेरर और टॉक, एक साथ नहीं हो सकते। टेरर और ट्रेड, एक साथ नहीं चल सकते।'
 
वैसे तो भारत और पाकिस्तान के बीच बहुत लंबे समय से ही कारोबार लगातार कम हो रहा है। 2019 के पुलवामा अटैक के बाद कारोबार में तो जमकर गिरावट आई है। हालांकि, इसके बाद भी थोड़ा-बहुत कारोबार हो ही जा रहा था। मगर पहलगाम अटैक के बाद भारत ने पाकिस्तान से आने वाले हर सामान पर बैन लगा दिया है। 2 मई को भारत ने एक आदेश जारी कर पाकिस्तान के इम्पोर्ट पर बैन लगा दिया। 
 

पाकिस्तान के लिए कितना बड़ा झटका?

1947 में जब पाकिस्तान नया मुल्क बना, तब से ही उसके भारत के साथ अच्छे रिश्ते नहीं रहे हैं। भारत ने जब-जब दोस्ती का हाथ बढ़ाया है, तब-तब पाकिस्तान ने पीठ में छुरा घोंपा है। अगर आज दोनों के रिश्तों में कड़वाहट है तो उसकी वजह पाकिस्तान ही है।
 
2019 के पुलवामा अटैक के बाद भारत ने पाकिस्तान से आने वाले सामान पर 200% टैरिफ लगा दिया था। इससे पाकिस्तान का भारत को होने वाला एक्सपोर्ट बुरी तरह प्रभावित हुआ। 
 
कॉमर्स मिनिस्ट्री के आंकड़ों से पता चलता है कि 2018-19 के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले कारोबार में काफी गिरावट आई है। 2018-19 में भारत और पाकिस्तान के बीच करीब 18 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था। 2024-25 में यह घटकर 4,143 करोड़ रुपये पर आ गया।
 
पाकिस्तान के लिए कारोबार पर प्रतिबंध इसलिए झटका है, क्योंकि वह भारत से काफी चीजें खरीदता है। इसके उलट, भारत पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि उसका पाकिस्तान के साथ आयात लगभग न के बराबर है। आंकड़ों से पता चलता है कि 2024-25 में भारत ने पाकिस्तान को करीब 4,140 करोड़ रुपये का निर्यात (एक्सपोर्ट) किया था। जबकि, पाकिस्तान से भारत ने महज 3.6 करोड़ का ही आयात (इम्पोर्ट) किया था।
 
 

लेकिन, पाकिस्तान पहुंच जा रहा भारतीय सामान

भारत से पाकिस्तान सबसे ज्यादा ऑर्गनिक केमिकल, फार्मा प्रोडक्ट्स और प्लास्टिक खरीदता है। पाकिस्तान के साथ भारत ने कारोबार लगभग बंद कर दिया है। 
 
पाकिस्तान के साथ होने वाले कारोबार पर भारत ने कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं। हालांकि, इसका भी तोड़ निकाल लिया गया है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की 25 अप्रैल को ही आई एक रिपोर्ट बताती है कि भारतीय कारोबार थर्ड कंट्री के जरिए अपना सामान पाकिस्तान को बेच रहे हैं।
 
GTRI के फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया था कि दुबई, कोलंबो और सिंगापुर के जरिए भारतीय सामान पाकिस्तान बेचा जा रहा है। इससे दो फायदे हैं। पहला यह कि भारत-पाकिस्तान के व्यापारिक प्रतिबंधों का सामना नहीं करना पड़ता। दूसरा- थर्ड कंट्री के जरिए सामान बेचना मुनाफा भी बढ़ जाता है।
 
रिपोर्ट में उदाहरण देते हुए बताया गया था कि एक भारतीय कंपनी 1 लाख डॉलर के ऑटो पार्ट्स पहले दुबई एक्सपोर्ट करती है। यहां पर इन पर एक नया लेबल चढ़ाया जाता है और इसके बाद इसे 1.30 लाख डॉलर में पाकिस्तान भेज दिया जाता है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया था कि थर्ड कंट्री के जरिए हर साल भारतीय कंपनियां 10 अरब डॉलर का सामान पाकिस्तान को बेच रही हैं। 

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