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फायदे में हैं प्राइवेट कंपनियां, फिर भी नहीं बढ़ रही लोगों की सैलरी

मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन ने रिपोर्ट का जिक्र करते हुए सुझाव दिया है कि भारतीय उद्योग जगत को अपने भीतर झांकने की जरूरत है। साथ ही कहा है कि इस दिशा में जरूरी कदम उठाने की जरूरत है।

ficci quess corp report

प्रतीकात्मक तस्वीर। Source- Freepik

जुलाई से सितंबर तक का जीडीपी आंकड़ा सामने आ गया है। जीडीपी के इस आंकड़े ने केंद्र सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इस तिमाही में आर्थिक विकास दर में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जो महज 5.4 प्रतिशत पर आ गई है। इसने नीति निर्माताओं की चिंता बढ़ा दी है कि पिछले चार सालों में 4 गुना से अधिक बढ़ोतरी के बावजूद कॉर्पोरेट सेक्टर में लोगों की सैलरी उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ी है। 

कॉरपोरेट बोर्डरूम और प्रमुख आर्थिक मंत्रालयों के बीच प्राइवेट कर्मचारियों की सैलरी को लेकर काफी चर्चा है। यह चर्चा इसलिए की गई है कि फिक्की और क्वेस कॉर्प लिमिटेड द्वारा सरकार के लिए तैयार की गई रिपोर्ट में प्राइवेट कंपनियों के मुनाफे और कर्मचारियों की सैलरी को लेकर चौंकाने वाली बात पता चली है। 

कंपनियों में सैलरी का इजाफा

फिक्की और क्वेस कॉर्प लिमिटेड की रिकोर्ट में सामने आया है कि साल 2019 और 2023 में बीत छह क्षेत्रों में कंपाउंड वार्षिक वेतन बढ़ोतरी दर विनिर्माण, इंजीनियरिंग, प्रक्रिया और बुनियादी ढांचा कंपनियों के लिए 0.8 प्रतिशत रहा, जबकि FMCG कंपनियों में सैलरी का इजाफा महज 5.4 प्रतिशत के बीच रहा। 

प्राइवेट क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए हालात बदतर इसलिए हुए हैं क्योंकि उनकी बेसिक सैलरी में मामूली बढोतरी हुई हुई है। साथ ही उनकी सैलरी महंगाई के हिसाब से नहीं बढ़ी है। 2019-20 से 2023-24 तक के पांच सालों में खुदरा मुद्रास्फीति क्रमशः 4.8, 6.2, 5.5, 6.7 और 5.4 प्रतिशत बढ़ी है।

जरूरी कदम उठाने की जरूरत- नागेश्वरन 

मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन ने कॉर्पोरेट सम्मेलनों में फिक्की-क्वेस रिपोर्ट का जिक्र करते हुए सुझाव दिया है कि भारतीय उद्योग जगत को अपने भीतर झांकने की जरूरत है। साथ ही कहा है कि इस दिशा में जरूरी कदम उठाने की जरूरत है।

सरकार के सूत्रों ने कहा है कि कमजोर आय स्तर शहरी क्षेत्रों में कम खपत का एक कारण था। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, 'कोविड के बाद, दबी हुई मांग के साथ खपत बढ़ी, लेकिन धीमी वेतन वृद्धि ने कोविड से पहले के चरण में पूर्ण आर्थिक सुधार के बारे में चिंताओं को सामने ला दिया है।'

प्राइवेट सेक्टर में कितना इजाफा?

 

फिक्की-क्वेस रिपोर्ट बताती है कि 2019-23 के दौरान मजदूरी के लिए चक्रवृद्धि वार्षिक दर EMPI क्षेत्र के लिए सबसे कम 0.8 प्रतिशत रही है। FMCG सेक्टर में यह सबसे ज्यादा 5.4 प्रतिशत रही।

कंपनियों का मुनाफा और सैलरी के बीच संतुलन

 

साल 2023 में FMCG सेक्टर के लिए एवरेज सैलरी सबसे कम 19,023 रुपये होगा, 2023 में आईटी सेक्टर के लिए सबसे ज्यादा 49,076 रुपये होगा। आर्थिक सलाहकार नागेश्वरन ने कहा है कि कंपनियों को मिलने वाले मुनाफा और कर्मचारियों के मिलने वाली सैलरी के बीच संतुलन होना चाहिए। बता दें कि इस बीच प्राइवेट सेक्ट की कंपनियों को 4 गुना मुनाफा हुआ है।

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