संसद में ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन बिल, 2025 पास होने के बाद गेमिंग सेक्टर की कंपनियों में उथल-पुथल मच गई है। इसी कड़ी में नज़ारा टेक्नोलॉजीज़ के शेयरों में इस हफ्ते तेज़ बिकवाली देखने को मिली। कंपनी के शेयर एक दिन में करीब 7 प्रतिशत टूटकर 1085 रुपये तक पहुंच गए। इस गिरावट से निवेशकों की लगभग 916 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ।
हालांकि, दिलचस्प बात यह रही कि मशहूर निवेशक रेखा झुनझुनवाला पहले ही नज़ारा से बाहर निकल चुकी थीं। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की 25 जुलाई की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2025 तक उनके पास नज़ारा टेक्नोलॉजीज़ में 7.06 प्रतिशत हिस्सेदारी (61.8 लाख शेयर) थी। लेकिन जून तक उन्होंने अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी। औसतन 1,225 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बिक्री से उन्हें करीब 334 करोड़ रुपये मिले।
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25 कंपनियों में निवेश
इस फैसले से न केवल उनके पोर्टफोलियो को मौजूदा उतार-चढ़ाव से सुरक्षा मिली बल्कि यह कदम उनके दिवंगत पति और दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला की इस कंपनी में विरासत का भी समापन माना जा रहा है। फिलहाल रेखा झुनझुनवाला के पास भारत की 25 लिस्टेड कंपनियों में निवेश है, जिनकी कुल कीमत 40,000 करोड़ रुपये से अधिक बताई जाती है।
कई बड़े निवेशक शेयर होल्डर
जहां रेखा झुनझुनवाला समय रहते निकल गईं, वहीं कुछ अन्य बड़े निवेशकों ने अब भी नज़ारा में इन्वेस्ट कर रखा है। मार्केट के जाने-माने नाम मधुसूदन केला के पास 10.96 लाख शेयर (1.18 प्रतिशत हिस्सेदारी) हैं, जबकि ज़ेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामत अपनी कंपनी कमथ एसोसिएट्स के जरिए 15.04 लाख शेयर (1.62 प्रतिशत हिस्सेदारी) रखते हैं। इन निवेशकों के लिए यह विचार करने का समय है कि वे इन शेयर्स को बनाए रखें या कि बेच दें।
मूनशाइन से जुड़ाव ने बढ़ाई चिंता
बाज़ार में गिरावट की बड़ी वजह नज़ारा का मूनशाइन टेक्नोलॉजी (PokerBaazi ऑपरेटर) से अप्रत्यक्ष जुड़ाव माना जा रहा है। हालांकि कंपनी ने साफ किया है कि मूनशाइन की आमदनी उसके वित्तीय नतीजों में शामिल नहीं होती, लेकिन यह रिश्ता ही निवेशकों के बीच आशंका फैलाने के लिए काफी रहा।
ब्रोकरेज की रेटिंग में कटौती
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज़ ने नज़ारा के शेयर पर अपनी रेटिंग घटा दी है और टारगेट मूल्य को 1,500 रुपये से घटाकर 1,100 रुपये कर दिया है। ब्रोकरेज हाउस ने अपने पहले के 400 रुपये के मूनशाइन वैल्यूएशन को शून्य मान लिया है। हालांकि, उसने यह भी कहा है कि नज़ारा के अन्य सेगमेंट – जैसे गेमिफाइड अर्ली लर्निंग, पब्लिशिंग और गेमिंग आर्केड्स – पर इस नए कानून का असर नहीं पड़ेगा।
कंपनी ने भी ज़ोर देकर कहा है कि Q1 FY26 में रियल मनी गेमिंग (RMG) से कोई आमदनी नहीं हुई और आगे भी उसके रेवेन्यू व EBITDA पर कोई बड़ा असर पड़ने की उम्मीद नहीं है। लेकिन बाज़ार की धारणा यही है कि ज़रा-सी अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी भी भरोसे को हिला सकती है।
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2021 में हुई थी लिस्ट
1999 में स्थापित और 2021 में लिस्टेड हुई नज़ारा टेक्नोलॉजीज़ भारत की शुरुआती गेमिंग कंपनियों में से है जिसने अफ्रीका और नॉर्थ अमेरिका तक अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। FY20 से FY25 के बीच कंपनी की आय सालाना औसतन 46 प्रतिशत की दर से बढ़ी और FY25 में यह 1,624 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। कंपनी ने FY25 में 51 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा तो कमाया, लेकिन साथ ही 114 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग घाटा भी दर्ज किया। नज़ारा मैनेजमेंट का कहना है कि वह ग्लोबल एक्सपैंशन, अधिग्रहण, ई-स्पोर्ट्स और गेमिंग IP को मज़बूत करने के साथ-साथ AI आधारित दक्षता पर फोकस कर रही है।