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ट्रंप बता रहे 'डेड इकॉनमी', उधर बढ़ गई भारत की रेटिंग, क्या है BBB?

एजेंसी ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ का भारत पर बहुत असर नहीं पड़ेगा क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था काफी कुछ घरेलू खपत पर आधारित है।

Representational image।  Photo Credit: AI Generated

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: AI Generated

कुछ दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की अर्थव्यवस्था को डेड इकॉनमी बताया था और अब एक अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने ही इसकी रेटिंग बढ़ा दी है। अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एस एंड पी ने भारत को लॉन्ग टर्म सॉवेरीन क्रेडिट को BBB- कैटेगरी से बढ़ाकर BBB कर दिया है, वहीं शॉर्ट टर्म क्रेडिट रेटिंग को भी A-3 से बढ़ाकर A-2 कर दिया है।

 

एजेंसी के मुताबिक भारत ने महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए बेहतर मौद्रिक नीति को अपनाया और इससे मजबूत आर्थिक वृद्धि पाने मदद मिली। एजेंसी ने कहा कि स्टेबल आउटलुक लगातार नीतिगत स्थिरता और उच्च बुनियादी ढांचे के निवेश की उम्मीदों को दर्शाता है, जिससे कि भारत के दीर्घकालिक विकास को बल मिलेगा। एसएंडपी ने यह भी कहा कि भारत पर अमेरिकी टैरिफ के असर को मैनेज किया जा सकेगा, और मज़बूत आर्थिक बुनियादी ढांचे अगले दो से तीन वर्षों में देश की विकास गति को सहारा देंगे।

 

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'मज़बूत आर्थिक विस्तार का भारत के क्रेडिट मैट्रिक्स पर रचनात्मक प्रभाव पड़ रहा है, और हमें उम्मीद है कि मज़बूत आर्थिक बुनियादी ढांचे अगले दो से तीन वर्षों में विकास की गति को मज़बूती प्रदान करेंगे। इसके अलावा, मौद्रिक नीतियां महंगाई संबंधी अपेक्षाओं के प्रबंधन के लिए तेज़ी से अनुकूल होती जा रही हैं।'

सरकार ने किया स्वागत

सरकार ने इस रेटिंग का स्वागत किया है। सरकार ने कहा कि 18 साल पहले यानी कि जनवरी 2007 में इस रेटिंग को बीबीबी- किया गया था और अब 18 सालों के बाद रेटिंग का अपग्रेड किया जाना दिखाता है कि भारत की अर्थव्यवस्था सही राह पर है।

भारत पर नहीं होगा टैरिफ का असर

एजेंसी का मानना है कि अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ का ज्यादा असर नहीं होगा। इसमें कहा गया कि चूंकि भारत की 60 प्रतिशत इकोनॉमिक ग्रोथ घरेलू खपत पर निर्भर है, न कि निर्यात पर, इसलिए टैरिफ का बहुत असर नहीं पड़ने वाला है।  एस एंड पी ने कहा कि अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है लेकिन अगर अमेरिका 50 प्रतिशत टैरिफ लगाता है तो भी भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा.

क्या होगा फायदा?

रेटिंग बढ़ने से दुनिया के इन्वेस्टर्स का भरोसा भारत की अर्थव्यवस्था में बढ़ेगा इससे ज्यादा से ज्यादा इन्वेस्टर्स देश में आएंगे तो इससे देश की इकॉनमी को और भी ज्यादा गति मिलेगी। दूसरी बात भारत के लिए कर्ज लेना आसान और सस्ता हो जाएगा। यह भी जरूरत पड़ने पर देश की आर्थिक विकास को गति देने में मददगार साबित होगा।

क्या है एजेंसी

एस एंड पी (S&P) रेटिंग एजेंसी, का पूरा नाम Standard & Poor's है, एक प्रमुख वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है। यह कंपनियों, बैंकों, और सरकारों के वित्तीय स्वास्थ्य और कर्ज चुकाने की क्षमता का आकलन करती है। यह रेटिंग्स जारी करती है जो निवेशकों को यह समझने में मदद करती हैं कि कोई संस्था या सरकार अपने कर्ज को चुकाने में कितनी सक्षम है।

 

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क्या है BBB रेटिंग

BBB रेटिंग स्टैंडर्ड एंड पूअर (S&P) और अन्य क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा दी जाने वाली एक लॉन्ग-टर्म क्रेडिट रेटिंग है, जो किसी कंपनी, वित्तीय संस्थान, या सरकार की कर्ज चुकाने की क्षमता को दर्शाती है। यह इनवेस्टमेंट ग्रेड की सबसे निचली श्रेणी में आती है, जिसका मतलब है कि यह निवेश के लिए अभी भी सुरक्षित मानी जाती है, लेकिन इसमें मध्यम स्तर का जोखिम होता है।

 

BBB रेटिंग दर्शाती है कि कर्ज लेने वाला (जैसे सरकार या कंपनी) वर्तमान में अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में सक्षम है, लेकिन आर्थिक परिस्थितियों में बदलाव होने पर जोखिम बढ़ सकता है।



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