देश के दिग्गज उद्योगपति अनिल अंबानी को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने बड़ा झटका दिया है। बैंक ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन अकाउंट को धोखाधड़ी की श्रेणी में डाल दिया है। कंपनी को 23 जून को एसबीआई से एक पत्र मिला है। कंपनी के पूर्व निदेशक अनिल अंबानी का नाम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को रिपोर्ट करने का फैसला भी लिया गया है। शेयर बाजार को दी गई सूचना में रिलायंस कम्युनिकेशंस ने खुद ही इसका खुलासा किया है।
एसबीआई ने अनिल अंबानी को भी एक खत भेजा है। इसमें बैंक ने बताया कि रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन खाते को धोखाधड़ी के तौर पर दर्ज करने और अनिल अंबानी का नाम रिजर्व बैंक को रिपोर्ट करने का निर्णय लिया गया है। यह कार्रवाई आरबीआई के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार की जा रही है। एसबीआई की धोखाधड़ी पहचान समिति को कंपनी के कर्ज के इस्तेमाल में गड़बड़ी मिली है। इसके बाद ही बैंक ने एक्शन लिया है।
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44 फीसदी रकम कर्ज और देनदारियों में खर्च
रिलायंस कम्युनिकेशंस और उसकी सहायक कंपनियों को बैंकों से कुल 31580 करोड़ रुपये का लोन मिला था। धोखाधड़ी समित ने जांच में पाया कि इस रकम का लगभग 44 फीसदी हिस्सा कर्ज और अन्य देनदारियों को चुकाने में खर्च किया गया। शेयर बाजार को दी गई सूचना में बताया गया है कि 6265.85 करोड़ रुपये से अन्य अन्य बैंकों का कर्जा चुकाया गया। वहीं 5,501.56 करोड़ रुपये का भुगतान संबंधित पक्षों को किया गया। यह भुगतान नियमों के विरुद्ध किया गया।
अपनी ही कंपनियों में ट्रांसफर की रकम
जांच में यह भी सामने आया कि देना बैंक से मिला 250 करोड़ रुपये का लोन भी नियम के विरुद्ध इस्तेमाल किया गया। लोन की रकम को रिलायंस कम्युनिकेंशन ग्रुप की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को अंतर-कॉरपोरेट जमा (आईसीडी) के तौर पर ट्रांसफर किया गया। दावा यह किया गया कि इसका इस्तेमाल बाह्य वाणिज्यिक कर्ज (ईसीबी) को चुकाने में किया गया।
पूंजीगत व्यय के लिए मिला लोन, कंपनियों को भुगतान कर दिया
धोखाधड़ी समित को यह भी जानकारी मिली की आईआईएफसीएल से 248 करोड़ रुपये का लोन मिला था। इसका इस्तेमाल पूंजीगत व्यय पर करना था। मगर कंपनी ने लोन चुकाने में इस्तेमाल किया और रिलायंस इन्फ्राटेल लिमिटेड को 63 करोड़ रुपये व आरआईईएल को 77 करोड़ रुपये का भुगतान किया। इन कंपनियों को सीधे पैसा नहीं भेजा गया, बल्कि आरसीआईएल के माध्यम से भेजा गया। अनिल अंबानी या कंपनी प्रबंधन ने इसकी वजह तक नहीं बताई। जांच समिति का कहना है कि यह फंड का दुरुपयोग और विश्वासघात है।
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एसबीआई की रिपोर्ट कहती है कि आरकॉम, आरआईटीएल और आरटीएल के बीच कुल 41,863.32 करोड़ रुपये का आईसीडी (अंतर-कॉरपोरेट जमा) लेनदेन हुआ। मगर सिर्फ 28,421.61 करोड़ रुपये के इस्तेमाल की सही जानकारी है।