अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर थोपा गया 50% टैरिफ लागू हो गया है। इससे भारत और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है। इस बीच ट्रंप सरकार में वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि भारत और अमेरिका के रिश्ते बहुत 'जटिल' हैं लेकिन उनका यह भी मानना है कि आखिरकार दोनों साथ आ ही जाएंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि ट्रेड टॉक में अमेरिका का पलड़ा भारी है।
स्कॉट बेसेंट ने कहा, 'मुझे लगता है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। आखिरकार हम साथ आएंगे।'
फॉक्स न्यूज के साथ इंटरव्यू के दौरान उन्होंने भारत पर रूसी तेल से 'मुनाफा कमाने' का आरोप फिर लगाया। हालांकि, उन्होंने आगे कहा, 'यह एक बहुत ही जटिल रिश्ता है। राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के इस स्तर पर बहुत अच्छे संबंध हैं।'
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ट्रेड डील को लेकर क्या बोले बेसेंट?
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर बात चल रही थी। हालांकि, यह डील अब तक नहीं हो पाई है। इसे लेकर स्कॉट बेसेंट ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि भारत उनमें से एक होगा, जिसके साथ अमेरिका की सबसे पहली ट्रेड डील होगी।
उन्होंने कहा, 'भारत ने 2 अप्रैल के बाद तुरंत टैरिफ पर बातचीत शुरू कर दी थी लेकिन अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है।' उन्होंने कहा कि उन्हें लगता था कि मई-जून तक भारत के साथ डील हो जाएगी।
बेसेंट ने कहा, 'मुझे लगा था कि भारत उनमें से एक हो सकता है जिसके साथ हम डील करेंगे। उन्होंने बातचीत के दौरान हमें भी शामिल किया और फिर रूस से कच्चे तेल खरीद का मुद्दा भी है जिसे बेचकर वे मुनाफा कमा रहे हैं। इसलिए यहां कई स्तरों पर बातचीत चल रही है।'
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रूसी तेल पर भारत की आपत्तियों पर क्या बोले?
ट्रंप ने रूसी तेल का हवाला देते हुए भारत पर 50% टैरिफ लगाया है। इस पर भारत का कहना है कि अमेरिका और यूरोपीय देश भी रूस के साथ कारोबार करते हैं।
हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था, 'अगर आपको भारत से तेल या रिफाइंड प्रोडक्ट खरीदने में कोई समस्या है तो उसे न खरीदें। कोई आपको उसे खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर रहा।' मीडिया से बातचीत के दौरान जयशंकर ने यह भी साफ किया कि ट्रेड टॉक के दौरान रूसी तेल पर कोई चर्चा नहीं हुई थी।
इस पर स्कॉट बेसेंट ने यूरोपीय नेताओं की आलोचना करते हुए माना कि यूरोप रूसी तेल से बने रिफाइंड प्रोडक्ट्स खरीदता है।
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भारत पर टैरिफ को लेकर क्या कहा?
ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ को भारत ने 'अनुचित' बताया है। वहीं, स्कॉट बेसेंट ने इसका बचाव किया है।
बेसेंट ने कहा, 'जब कारोबारी संबंधों में दरार आती है तो घाटे वाले देश को फायदा होता है। जो देश फायदे में है, चिंता उसे होनी चाहिए। इसलिए भारतीय हमें बेच रहे हैं। उनके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं और हमारा उनके साथ बहुत बड़ा घाटा है।'
जब उनसे भारत और BRICS देशों के बीच डॉलर के बजाय रुपये में कारोबार करने की संभावना पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इससे डॉलर के खतरे की चिंता को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि अमेरिकी डॉलर के मुाबले रुपया अपने अब तक के सबसे निचले स्तर के करीब है।'