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18 दिन में ही कैसे हट गया बैन? जेन स्ट्रीट के बाजार में लौटने की कहानी

शेयर मार्केट में हेराफेरी कर कथित तौर पर हजारों करोड़ का मुनाफा कमाने वाली अमेरिकी कंपनी जेन स्ट्रीट पर लगे प्रतिबंध को SEBI ने हटा दिया है। SEBI ने जेन स्ट्रीट को ट्रेडिंग करने की अनुमति दे दी है।

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SEBI ने जेन स्ट्रीट पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है। (Photo Credit: PTI)

सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अमेरिकी कंपनी जेन स्ट्रीट पर लगे प्रतिबंध हटा लिए हैं। अब SEBI ने जेन स्ट्रीट को भारतीय स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने की इजाजत दे दी है।

 

3 जुलाई को SEBI ने शेयर बाजार में हेराफेरी करने के आरोप में जेन स्ट्रीट पर बैन लगा दिया था। आरोप था कि जेन स्ट्रीट ने हेराफेरी कर हजारों करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। SEBI ने जेन स्ट्रीट को 4,843.57 करोड़ रुपये जमा कराने को कहा था। अब जेन स्ट्रीट ने यह रकम जमा करा दी है और SEBI ने उस पर लगा बैन हटा दिया है

  • क्या किया था जेन स्ट्रीट ने?: SEBI की जांच में सामने आया था कि जेन स्ट्रीट ने शेयर मार्केट में इंडेक्स में हेराफेरी की थी। कंपनी ने कैश मार्केट और F&O में एक साथ ट्रेडिंग कर बाजार को प्रभावित किया। इससे कंपनी ने गलत तरीके से मुनाफा कमाया
  • कितना मुनाफा कमाया?: जनवरी 2023 से मार्च 2025 के बीच JS ग्रुप ने 44,358 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया। हालांकि, उसे 7,687 करोड़ रुपये का नुकसान भी हुआ। लिहाजा कंपनी ने इस दौरान कुल 36,671 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था।
  • SEBI ने क्या किया?: जांच में सामने आया कि जेन स्ट्रीट ने 36,671 करोड़ रुपये का जो मुनाफा कमाया, उसमें से 4,843.57 करोड़ का मुनाफा 'गैर-कानूनी तरीके' से कमाया गया था। SEBI ने 3 जुलाई को आदेश जारी कर जेन स्ट्रीट पर बैन लगा दिया था।
  • जेन स्ट्रीट ने क्या किया?: बैन लगने के बाद जेन स्ट्रीट ने 4,843.57 करोड़ रुपये एस्क्रो अकाउंट में जमा करा दिए हैं। यह एक तरह का बैंक खाता होता, जिसमें जमा रकम का इस्तेमाल तब तक नहीं होता, जब तक शर्तें पूरी न हों। कंपनी की तरफ से पैसा जमा कराने के बाद उसे ट्रेडिंग करने की इजाजत मिल गई है।

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अब जेन स्ट्रीट को क्या करना होगा?

SEBI ने जेन स्ट्रीट पर लगे प्रतिबंधों को हटा लिया है लेकिन साथ ही साथ उस पर कई शर्तें भी लगाई हैं, जिसको उसे मानना होगा।

 

3 जुलाई को आदेश जारी कर SEBI ने JS ग्रुप की 4 कंपनियों- JSI इन्वेस्टमेंट, JSI2 इन्वेस्टमेंट, जेन स्ट्रीट सिंगापुर और जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग लिमिटेड पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब यह प्रतिबंध हट गया है।

 

अब SEBI ने साफ किया है कि जेन स्ट्रीट किसी भी तरह की धोखाधड़ी या हेराफेरी वाली ट्रेडिंग नहीं करेगी। इतना ही नहीं, मुनाफा कमाने के लिए गैर-कानूनी या किसी भी हेरफेर वाले तरीके का इस्तेमाल नहीं करना होगा।

 

 

SEBI ने स्टॉक एक्सचेंज को जेन स्ट्रीट की ट्रेडिंग एक्टिविटी और पोजिशन पर लगातार निगरानी करने का आदेश दिया है, ताकि जांच पूरी होने तक कोई गलत गतिविधि न हो।

 

SEBI ने अपने आदेश में कहा है कि यह फैसला 'सुविधा के संतुलन' यानी 'Balance of Convenience' के सिद्धांत के आधार पर लिया गया है। इसका मतलब है कि जेन स्ट्रीट को ट्रेडिंग की अनुमति दे दी है लेकिन स्टॉक मार्केट की पारदर्शिता और नियमों भी हो, जिसके लिए सख्त निगरानी की जाएगी।

 

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जेन स्ट्रीट ने कैसे किया था सारा खेल?

SEBI की जांच में सामने आया था कि जनवरी 2023 से मई 2025 के बीच 21 एक्सपायरी डेज के दौरान जेन स्ट्रीट ने मार्केट में हेराफेरी की थी। उन्होंने कैश मार्केट और फ्यूचर मार्केट में बड़ी ट्रेडिंग की, ताकि इंडेक्स को प्रभावित कर सके। इससे उन्हें ऑप्शंस मार्केट में भारी मुनाफा हुआ।

 

जांच में सामने आया था कि जेन स्ट्रीट ने इसके लिए दो तरह की रणनीति अपनाई। पहली- सुबह बैंक निफ्टी के शेयरों और फ्यूचर्स में खरीदारी करती थी और दोपहर में बेच देती थी। इससे क्लोजिंग के समय इंडेक्स कमजोर होता था, जिससे उसे ऑप्शन ट्रेडिंग में फायदा होता था। और दूसरी- एक्सपायरी डे के आखिरी दो घंटों में खास शेयरों में खरीदारी या बिकवाली करती थी। इससे इंडेक्स का स्तर उनकी मर्जी के मुताबिक ऊपर-नीचे होता था, जिससे ऑप्शंस मार्केट में मुनाफा मिलता था।

 

SEBI ने कहा था कि इन सब हेराफेरी से जेन स्ट्रीट को 4,843 करोड़ रुपये का अवैध मुनाफा हुआ था। जांच में यह भी आया था कि कंपनी को कैश और फ्यूचर मार्केट में ट्रेड करने से छोटा-मोटा नुकसान जरूर हुआ लेकिन कुल मिलाकर उसे भारी मुनाफा ही हुआ।

 

जेन स्ट्रीट के खिलाफ SEBI ने जुलाई 2024 में जांच शुरू की थी, क्योंकि उसे शक था कि कंपनी ने शेयर मार्केट में गड़बड़ी और हेराफेरी की है।

 

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क्या काम करती है जेन स्ट्रीट?

अमेरिका की जेन स्ट्रीट एक प्रोप्राइटरी ट्रेडिंग फर्म है। इसका मतलब है कि कंपनी अपनी है कैपिटल (पैसा) से ट्रेडिंग करती है, न कि क्लाइंट के पैसों से।

 

आरोप है कि इसी का इस्तेमाल करते हुए जेन स्ट्रीट ने हजारों करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया और इसे विदेश भेज दिया।

 

साल 2000 में जेन स्ट्रीट की शुरुआत हुई थी। अमेरिका, यूरोप और एशिया में इसके 5 ऑफिस हैं, जिनमें 2,600 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। कंपनी 45 से ज्यादा देशों में ट्रेडिंग करती है।

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