मौजूदा वित्तीय वर्ष के शुरुआती दस महीनों में हाईवे के कॉन्सट्र्क्शन में 8.5 प्रतिशत की गिरकर 7000 किलोमीटर हो गई है। हालांकि, इस साल की टारगेट को पूरा किया जा सकता है।
सरकार ने इस फाइनेंशियल ईयर में 10,421 किलोमीटर हाईवे बनाने का एक प्रोविजनल टारगेट रखा था, जो कि कई राज्यों में चुनाव होने के कारण पिछले साल की तुलना में 15 फीसदी कम था क्योंकि चुनाव की वजह से क्लियरेंस मिलना और मानसून की वजह से बनना मुश्किल था।
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अंतिम चार महीनों में हुए ज्यादातर निर्माण
पिछले चार सालों के काम पर नजर डालें तो हम पाते हैं कि टारगेट का 51-58 प्रतिशत फाइनेंशियल ईयर के अंतिम चार महीनों में पूरा हुआ है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में अंतिम चार महीनों में कुल टारगेट का 58 प्रतिशत पूरा हुआ था। अगर यही ट्रेंड रहता है तो साल के अंत तक कुल 10 हजार से लेकर 10,500 किलोमीटर तक सड़क निर्माण हो सकता है।
कौन देता है फंडिंग
हाईवे निर्माण के लिए नेशनल हाईवेज़ अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) द्वारा 5 हजार किलोमीटर के निर्माण के लिए फंड दिया गया है जबकि बाकी का पैसा नेशनल हाईवेज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएचआईडीसीएल) द्वारा दिया जाएगा। एनएचएआई ने 4553 किलोमीटर रोड का निर्माण कर दिया है।
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पिछले साल से ज्यादा रहा खर्च
स्लाडाउन के बावजूद हाईवे के निर्माण में कैपिटल एक्सपेंडीचर अप्रैल-जनवरी के दौरान 2.4 ट्रिलियन रहा जो कि पिछले साल के उसी अवधि के दौरान खर्च 2.28 ट्रिलियन की तुलना में थोड़ा ज्यादा रहा।