भारत ने विदेशों को दी जाने वाली फंडिंग में बड़ी कटौती कर दी है। ये कटौती 300 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की है। सबसे ज्यादा कटौती भूटान की फंडिंग में हुई है। भूटान की फंडिंग में लगभग 400 करोड़ रुपये की कटौती हो गई है। इसके उलट मालदीव की फंडिंग में 50% की बढ़ोतरी हुई है।
किन देशों की फंडिंग में कटौती?
बजट दस्तावेज के मुताबिक, सरकार ने 2024-25 में विदेशों को 5,806 करोड़ रुपये से ज्यादा की मदद की थी। ये संशोधित अनुमान है। जबकि, बजट में 4,883 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान लगाया गया था। वहीं, 2025-26 के बजट में सरकार ने विदेशी मदद के लिए कुल 5,483 करोड़ रुपये रखे हैं।
सबसे ज्यादा कटौती भूटान की फंडिंग में हुई है। भूटान को सरकार ने 2024-25 में लगभग 2,544 करोड़ रुपये की मदद दी थी। 2025-26 में सरकार ने भूटान के लिए 2,150 करोड़ रुपये रखे हैं। वहीं, अफगानिस्तान की फंडिंग दोगुनी कर दी है। अफगानिस्तान में पिछले साल सरकार ने 50 करोड़ दिए थे। इस बार 100 करोड़ रुपये की मदद करने का अनुमान है।
किसे कितनी मदद? |
भूटान |
2,150 करोड़ रुपये |
अफगानिस्तान |
100 करोड़ रुपये |
बांग्लादेश |
120 करोड़ रुपये |
नेपाल |
700 करोड़ रुपये |
श्रीलंका |
300 करोड़ रुपये |
मालदीव |
600 करोड़ रुपये |
म्यांमार |
350 करोड़ रुपये |
मंगोलिया |
5 करोड़ रुपये |
अफ्रीकी देश |
225 करोड़ रुपये |
यूरेशियाई देश |
40 करोड़ रुपये |
लैटिन अमेरिकी देश |
60 करोड़ रुपये |
मॉरिशस |
500 करोड़ रुपये |
सेशेल्स |
19 करोड़ रुपये |
चाबहार पोर्ट (ईरान) |
100 करोड़ रुपये |
अन्य विकासशील देश |
150 करोड़ रुपये |
कुल |
5,483 करोड़ रुपये |
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मालदीव की फंडिंग 50% बढ़ी
मालदीव हमेशा से भारत का अच्छा दोस्त रहा है। हालांकि, नवंबर 2023 में जब से वहां मोहम्मद मुइज्जू राष्ट्रपति बने हैं, तब से भारत और मालदीव के रिश्तों में थोड़ी खटास भी आई है। उसकी वजह भी है। मुइज्जू ने अपना पूरा चुनाव 'इंडिया आउट' के नारे पर लड़ा था। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर मालदीव के मंत्रियों ने आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं।
हालांकि, इसके बावजूद भारत ने मालदीव को दी जाने वाली मदद काफी बढ़ा दी है। बजट दस्तावेज के मुताबिक, 2025-26 में सरकार मालदीव को 600 करोड़ रुपये की मदद करेगा। जबकि, 2024-25 में सरकार ने 400 करोड़ का फंड रखा था। इस हिसाब से मालदीव की फंडिंग 50 फीसदी बढ़ गई है। हालांकि, 2024-25 के संशोधित अनुमान के मुताबिक, मालदीव को सरकार ने 470 करोड़ रुपये की मदद दी है।
देखा जाए तो थोड़ी कटौती के बाद मालदीव की फंडिंग फिर बढ़ गई है। 2023-24 में भारत ने मालदीव को 833 करोड़ रुपये की मदद दी थी। 2024-25 में ये मदद लगभग आधी कर दी थी। हालांकि, अब फिर 2025-26 में फंडिंग को बढ़ा दिया गया है।