डिजिटल टैक्स: ट्रंप की धमकी के आगे झुका कनाडा? समझिए पूरी कहानी
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• OTTAWA 30 Jun 2025, (अपडेटेड 30 Jun 2025, 12:59 PM IST)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बाद कनाडा ने डिजिटल सर्विस टैक्स को वापस लेने का फैसला लिया है। यह टैक्स 30 जून से लागू होने वाला था।

प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)
अमेरिका के आगे आखिर कनाडा झुक ही गया। कनाडा ने 'डिजिटल सर्विस टैक्स' को वापस ले लिया है। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने खुद इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब अमेरिका और कनाडा के बीच ट्रेड टॉक फिर शुरू हो जाएगी। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा के इस डिजिटल टैक्स को अमेरिका पर 'सीधा हमला' बताते हुए ट्रेड टॉक को सस्पेंड कर दिया था।
कनाडा का डिजिटल टैक्स सोमवार से ही लागू होने वाला था। हालांकि, अब कनाडा सरकार ने इसे वापस ले लिया है। कनाडा के वित्त मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 21 जुलाई तक किसी समझौते पर सहमत होने के लिए फिर से बातचीत शुरू करने वाले हैं।
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कनाडा ने क्यों वापस लिया यह टैक्स?
कनाडा का यह डिजिटल टैक्स अमेजन, गूगल, मेटा, उबर जैसी टेक कंपनियों पर लगता। इसका बड़ा असर इन पर पड़ता। इसलिए ट्रंप इस टैक्स का विरोध कर रहे थे।
मार्क कार्नी और ट्रंप के बीच इस साल मई में मुलाकात हुई थी। इस दौरान अमेरिका और कनाडा के बीच ट्रेड डील पर बातचीत भी हुई थी। इसी महीने G-7 समिट में शामिल होने के लिए ट्रंप कनाडा गए थे। तब उन्होंने कहा था कि अमेरिका और कनाडा के बीच 30 दिन में ट्रेड डील हो जाएगी।
हालांकि, अमेरिका और कनाडा के बीच होने वाली ट्रेड टॉक को झटका तब लगा जब कनाडा ने 30 जून से डिजिटल सर्विस टैक्स लागू करने की बात कही। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा के साथ होने वाली ट्रेड टॉक को रद्द करने की धमकी दी थी।
Canada is engaged in complex negotiations on a new economic and security partnership with the U.S.
— François-Philippe Champagne (FPC) 🇨🇦 (@FP_Champagne) June 30, 2025
Rescinding the DST will allow the negotiations to make vital progress and reinforce our work to create jobs and build prosperity for all Canadians.
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माना जा रहा है कि ट्रंप की धमकियों के बाद ही कनाडा ने डिजिटल सर्विस टैक्स को वापस लिया है। कनाडा के वित्त मंत्री फ्रेंकॉइस-फिलिप शैम्पेन ने कहा, 'डिजिटल सर्विस टैक्स को खत्म करने से अमेरिका के साथ एक नए आर्थिक और सुरक्षा संबंधों की बातचीत में अहम प्रगति होगी।'
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क्या था कनाडा का डिजिटल टैक्स?
2019 में जब कनाडा में जस्टिन ट्रूडो प्रधानमंत्री थे, तो उन्होंने डिजिटल सर्विस टैक्स ऐक्ट (DSTA) का प्रस्ताव रखा था। इस बिल को पिछले साल जून में पास किया गया था। इसके बाद 28 जून 2024 को इसे लागू किया गया। इस ऐक्ट के तहत डिजिटल और टेक कंपनियों को 30 जून 2025 को टैक्स की पहली किस्त अदा करनी थी।
इस कानून के तहत, जिन भी टेक कंपनियों का ग्लोबल रेवेन्यू 82 करोड़ डॉलर और कनाडा में 1.47 करोड़ डॉलर होगा, उन्हें कनाडा सरकार को 3% टैक्स चुकाना होगा।
यह टैक्स अमेजन जैसे ऑनलाइन मार्केट प्लेस, गूगल ऐड्स जैसे ऑनलाइन विज्ञापन और मेटा और X जैसी सोशल मीडिया कंपनियों पर लगता है।
इसमें दो बड़ी बातें थीं, जिन पर विवाद था। पहली- आमतौर पर कॉर्पोरेट टैक्स मुनाफे पर लगता है लेकिन डिजिटल सर्विस टैक्स ग्रॉस रेवेन्यू पर लगता है। ग्रॉस रेवेन्यू पर टैक्स का मतलब यह हुआ कि किसी टेक कंपनी को कनाडा में 1.47 करोड़ डॉलर का रेवेन्यू मिला है तो उसे 3% टैक्स भरना होगा, भले ही उसे मुनाफा हुआ हो या नहीं। दूसरी- यह टैक्स 1 जनवरी 2022 से लागू होता था। इसका मतलब हुआ कि अमेरिकी कंपनियों को 30 जून तक 2 अरब डॉलर चुकाना पड़ता।
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कनाडा के टैक्स पर ट्रंप का रवैया
इसी साल 11 जून को अमेरिकी सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चिट्ठी लिखकर कनाडा पर डिजिटल सर्विस टैक्स वापस लेने या रोक लगाने का दबाव बनाने को कहा था। इस चिट्ठी में अमेरिकी सांसदों ने लिखा था, 'अगर कनाडा इस पर आगे बढ़ता है तो इससे एक भयानक मिसाल कामय होगी, जिसका ग्लोबल टैक्स और ट्रेड प्रैक्टिस पर असर पड़ेगा।'
इसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखते हुए कनाडा के इस टैक्स को अमेरिकी टेक कंपनियों पर सीधा हमला बताया। उन्होंने धमकी दी कि अगर इसे खत्म नहीं किया जाता है तो कनाडा पर नए टैरिफ लगाए जाएंगे।
ट्रंप ने लिखा, 'कनाडा सालों से हमारे किसानों से डेयरी प्रोडक्ट्स पर 400% टैरिफ वसूल रहा है। हम अगले 7 दिन में बताएंगे कि अमेरिका के साथ कारोबार करने के लिए उन्हें कितना टैरिफ देना होगा।'
इसके बाद ओवल ऑफिस में ट्रंप ने अपनी बात को दोहराते हुए कहा था, 'हमारे पास सभी कार्ड्स हैं। अमेरिका के पास कनाडा के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए कई पावर हैं। हम इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहेंगे।' उन्होंने कहा था, 'यह कनाडा के लिए अच्छा नहीं होने वाला है। उन्होंने ऐसा करके मूर्खता की है।'
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अमेरिका-कनाडा और ट्रेड वॉर
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका और कनाडा के बीच कारोबारी रिश्ते ठीक नहीं रहे हैं। ट्रंप ने कनाडा से इम्पोर्ट होने वाले स्टील और एल्युमिनियम पर 50% और ऑटो पर 25% टैरिफ लगा दिया है।
यह तब है जब कनाडा, अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा कारोबारी देश है। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल कनाडा ने अमेरिका से 349.4 अरब डॉलर का सामान खरीदा था, जबकि अमेरिका को 412.7 अरब डॉलर का सामान बेचा था।
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