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₹350 लाख करोड़ स्वाहा, अमेरिकी मार्केट में अचानक क्यों आई उथल-पुथल?

अमेरिका के शेयर मार्केट में सोमवार को भारी गिरावट देखी गई। इससे निवेशकों को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ। कुछ ही दिन में 4 ट्रिलियन डॉलर का घाटा हो चुका है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)

अमेरिका के शेयर बाजार में सोमवार को जबरदस्त गिरावट हुई। तीनों इंडेक्स लाल निशान के साथ खुले और लाल निशान के साथ बंद हुए। इससे निवेशकों को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ। अमेरिकी मार्केट में गिरावट का असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिल सकता है। 


अमेरिका के टेक इंडेक्स Nasdaq में सोमवार को 4% तक की गिरावट देखने को मिली जो 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट रही। Dow Jones में 890 पॉइंट्स की गिरावट दर्ज की गई। वहीं, S&P 500 में 2.7% की गिरावट आई। 


अमेरिकी बाजार में यह गिरावट ऐसे वक्त आई, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंदी की आशंका को खारिज कर दिया था। हालांकि, इसके बाद भी वॉल स्ट्रीट में गिरावट आई।

 

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गिरावट से कितना नुकसान?

सोमवार को अमेरिकी मार्केट में गिरावट के कारण 1.7 ट्रिलियन डॉलर (करीब 150 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो गया। S&P 500 19 फरवरी को अपना हाई लेवल छूने के बाद से अब तक 8.6% तक गिर गया है। इससे निवेशकों के 4 ट्रिलियन डॉलर (करीब 350 लाख करोड़ रुपये) डूब गए हैं। 


सबसे ज्यादा गिरावट टेक कंपनियों के शेयरों में आई। Apple और Nvidia के शेयरों में 5 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई। S&P 500 में टेक शेयरों में 4.3 फीसदी की गिरावट देखी गई। एलन मस्क की कंपनी Tesla के शेयरों में 15.4% से ज्यादा की गिरावट आई। इससे कंपनी की वैल्यू एक दिन में ही 125 अरब डॉलर घट गई।

गिरावट का कारण क्या?

अमेरिका में जब से डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने हैं, तब से ही बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। ट्रंप के टैरिफ अटैक से भी बाजार में अनिश्चितता है। लाजार्ड के सीईओ पीटर ओर्सजैग का कहना है कि कनाडा-मेक्सिको और यूरोप के साथ टैरिफ वॉर से जो अनिश्चितता पैदा हुई है, उससे बिकवाली बढ़ गई है।


इसके अलावा अमेरिका में मंदी की आशंका भी तेज हो गई है। हालांकि, ट्रंप ने मंदी की आशंकाओं को खारिज किया है। हालांकि, ट्रंप ने यह भी कहा कि अभी अमेरिका पीरियड ऑफ ट्रांजिशन यानी बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। इससे निवेशकों में डर पैदा हो गया है। 

 

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एशियाई बाजारों पर भी दिखा असर

अमेरिकी मार्केट में गिरावट का असर एशियाई बाजारों में भी देखने को मिला। जापान के निक्केई में 1.74%, हॉन्गकॉन्ग के हैंगसेंग में 1.18% और चीन के शंघाई कंपोजिट में 0.45% की गिरावट देखी गई। 


भारत के स्टॉक मार्केट पर भी इसका असर दिखा। सोमवार को Sensex 217 पॉइंट गिरकर 74,115 पर बंद हुआ। वहीं, Nifty में भी 92 पॉइंट की गिरावट आई और यह 22,460 पर बंद हुआ। 

आगे क्या हो सकता है?

जानकारों का मानना है कि शेयर मार्केट में अनिश्चितता का दौर लंबे समय तक रह सकता है। मंगलवार को भी भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ ही खुला। Sensex और Nifty 50, दोनों ही इंडेक्स में गिरावट देखी जा रही है। जानकारों का मानना है कि आने वाले महीनों में आर्थिक उथल-पुथल देखने को मिल सकती है।

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