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दिल्ली हाई कोर्ट ने 660 B.Ed. कॉलेजों की मान्यता रद्द करने पर लगाई रोक

दिल्ली हाई कोर्ट ने 660 टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स की मान्यता रद्द करने पर रोक लगा दी है। इन संस्थानों को इस साल एडमिशन करवाने की इजाजत मिल गई है।

Delhi High Court,

दिल्ली हाई कोर्ट, Photo Credit: PTI

दिल्ली हाई कोर्ट ने देश के 660  ऐसे टीचर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स को बड़ी राहत दी है जिनकी मान्यता राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) की ओर से रद्द कर दी गई थी। NCTE ने परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट जमा न करने के कारण इसी साल जून में मान्यता रद्द कर दी थी। कुल 2962 संस्थानों की मान्यता रद्द की गई थी इन में से 660 संस्थानों की मान्यता रद्द करने के फैसले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट के इस फैसले के बाद यह टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट इस सत्र यानी 2025-26 के लिए बीएड , एनटीटी, बीपीएड और डीएलएड जैसे कोर्स में एडमिशन कर पाएंगे। 

 

NCTE ने 23 जुलाई से 1 अगस्त के बीच जारी नोटिस में कहा कि अदालत का आदेश इन संस्थानों को काउंसलिंग में भाग लेने और 2025-26 शैक्षणिक सत्र के लिए छात्रों को प्रवेश देने की अनुमति देता है। नोटिस में संस्थानों के नाम भी शामिल हैं। हालांकि, इन संस्थानों ने अभी तक  2021-22 और 2022-23 के लिए ऑनलाइन पर्फोर्मेंस रिपोर्ट जमा नहीं की है। इसी रिपोर्ट को जमा न करने के कारण इन संस्थानों की मान्यता रद्द हुई थी।

 

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पूरा मामला समझिए

NCTE ने 20 दिसंबर 2024 तक इन सभी टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स को परफॉर्मेंस रिपोर्ट जमा करवाने के लिए कहा था। इस रिपोर्ट में संस्थान और कोर्स से जुड़ी जानकारी मांगी गई थी। इससे पहले भी एनसीटीई ने रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तारीख को दो बार बढ़ाया था। इसके बावजूद कई संस्थान इस रिपोर्ट को जमा नहीं कर पाए। एनसीटीई ने फरवरी 2025 में इस मामले को लेकर एक कमेटी का गठन किया। इस कमेटी की अध्यक्षता एनसीटीई की उत्तरी क्षेत्रीय कमेटी के हरीश चंद्र सिंह राठौर ने की और यह कुल पांच सदस्यों का पैनल था।

 

इस कमेटी ने रिपोर्ट जमा न करवाने वाले संस्थानों पर कार्रवाई की सिफारिश की। इस कमेटी की रिपोर्ट के बाद इन सभी संस्थानों को एक नोटिस जारी किया गया और उसके बाद अप्रैल और मई में 2,962 ऐसे संस्थानों की मान्यता रद्द कर दी, जिन्होंने एनसीटीई के नियमों का पालन नहीं किया था।

उत्तरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा संस्थान

जिन संस्थानों की मान्यता रद्द हुई थी उनमें सबसे ज्यादा संस्थान उत्तरी क्षेत्र के थे। बता दें कि भारत के टीचर एजुकेशन इंस्टीट्यूट को चार क्षेत्रों ( उत्तरी, दक्षिणी, पश्चमी और पूर्वी) में बांटा गया है।

 

जिन संस्थानों की मान्यता रद्द करने की गई है उनमें सबसे ज्यादा संख्या उत्तरी क्षेत्र (1,225) में थी, उसके बाद दक्षिणी (960), पश्चिमी (748) और पूर्वी (29) क्षेत्रों का स्थान था। जिन 660 संस्थानों की मान्यता रद्द करने पर अंतरिम रोक लगाई गई है, उनमें से सबसे ज्यादा 467 उत्तरी क्षेत्र से हैं, उसके बाद पश्चिमी क्षेत्र में 115, दक्षिणी क्षेत्र में 71 और पूर्वी क्षेत्र में 7 संस्थान हैं।

 

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क्या है NCTE?

नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन, भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्थापित एक नई संस्था है। इस संस्था का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को सुधारना और आधुनिक बनाना है। यह संस्था पूरे देश में टीचर ट्रेनिंग पर नजर रखती है और इसके लिए मानक तैयार करती है। यह UGC, AICTE और NCERT जैसे निकायों के साथ मिलकर काम करती है ताकि पूरे देश में समान शिक्षक प्रणाली लागू हो सके।

 

अगर कोई भी संस्थान टीचर ट्रेनिंग के कोर्स करवाना चाहता है तो उसे एनसीटीई से मान्यता लेनी होगी। इसकी मान्यता के बिना कोई भी संस्थान टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम नहीं करवा सकता। चार साल का इंटीग्रेटीड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम एनसीटीई के अंतर्गत ही आता है। अगर कोई भी संस्थान एनसीटीई की शर्तों को नहीं मानता तो भविष्य में भी एनसीईटी ऐसे संस्थानों की मान्यता रद्द कर सकता है। जिन संस्थानों की मान्यता रद्द करने पर अंतरिम रोक लगी है उन संस्थानों को सिर्फ इसी साल के लिए एडमिशन करवाने की इजाजत मिली है। इन सभी संस्थानों को एनसीटीई की शर्तों को मानना ही होगा। अगर यह संस्थान ऐसे नहीं करते तो आने वाले समय में इनकी मान्यता फिर से रद्द हो सकती है।

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