नई शिक्षा नीति में शिक्षा ढांचे में कई बड़े बदलाव किए गए। इस नीति में प्री स्कूल शिक्षा के महत्तव पर जोर दिया गया है। प्री स्कूल को अब औपचारिक शिक्षा में शामिल कर लिया गया है। पहले शिक्षा प्रणाली 10+2 पर आधारित थी लेकिन अब इसे 5+3+3+4 ढांचे में बदला गया है। इसमें शुरुआती पांच साल का फाउंडेशन स्टेज आता है, जिसमें तीन साल का प्ले स्कूल या आंगनवाड़ी और उसके बाद कक्षा 1 और 2 शामिल होंगे। इस नीति के बाद प्ले स्कूल के शिक्षकों की मांग बढ़ी है लेकिन ज्यादातर लोगों को नहीं पता होता कि इसके लिए कौन सा कोर्स करना होता है।
नई शिक्षा नीति में बालवाटिका का प्रावधान किया गया है। इसमें नर्सरी में जाने से पहले बच्चे को खेल-खेल में सीखने की तैयारी कराई जाएगी। इसके लिए अलग से प्ले स्कूल भी खोले गए हैं या फिर प्राइमरी स्कूल के साथ इन्हें जोड़ा गया है। 12वीं के बाद कुछ कोर्स करके आप भई प्ले स्कूल, बालवाटिका या फिर आंगनवाड़ी केंद्रों में टीचर बन सकते हैं।
यह भी पढ़ें- चंडीगढ़ में बनना है JBT टीचर, बस 2 दिन के अंदर ऐसे करें आवेदन
क्या पढ़ाई करें?
प्ले स्कूल में टीचर बनने के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं करना जरूरी है। 12वीं किसी भी स्ट्रीम से की जा सकती है। इसके बाद आप कुछ कोर्स कर सकते हैं।
एनटीटी या डीएलएड
12वीं के बाद अगर आप कम समय में प्ले स्कूल में टीचर बनना चाहते हैं तो आप एनटीटी यानी नर्सरी टीचर ट्रेनिंग का कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) भी कर सकते हैं। इन दोनों कोर्स में बच्चों को पढ़ाने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है।
यह भी पढ़ें- UP-बिहार से राजस्थान-दिल्ली तक निकली बंपर भर्तियां, जानिए पूरा प्रोसेस
ग्रेजुएशन या बीएड
कुछ प्ले स्कूलों में टीचर बनने के लिए बैचलर ऑफ एजुकेशन की डिग्री भी जरूरी हो सकती है। इसके साथ ही आप ग्रेजुएशन भी कर सकते हैं लेकिन यह जरूरी नहीं है। इसके अलावा डिप्लोमा इन अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन (ईसीसीई), प्री-प्राइमरी टीचर ट्रेनिंग (पीपीटीटी) या फिर मॉन्टेसरी ट्रेनिंग का कोर्स भी किया जा सकता है।
कहां से करें कोर्स?
इन कोर्सेज को करवाने के लिए देशभर में कई कॉलेज हैं। आपको किसी भी कोर्स में एडमिशन लेने से पहले इस बात का ध्यान रखना है कि वह मान्यता प्राप्त संस्थान हो।
- दिल्ली टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, दिल्ली
- बाल भारती टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, जयपुर
- आईजीएनओयू (IGNOU), नई दिल्ली
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS)
- सेंट जोसेफ्स टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, चेन्नई
- जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर्स एजुकेशन, हैदराबाद
- ग्लोबल टीचर्स एकेडमी, बैंगलोर
- सेंट जेवियर्स इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, मुंबई
जॉब और सैलरी
नई शिक्षा नीति के लागू होने के बाद से प्ले स्कूल में टीचर की मांग बढ़ गई है। आप शुरुआत में प्ले स्कूल या प्राइवेट संस्थानों में टीचर बन सकते हैं। अनुभव बढ़ने पर आप सीनियर टीचर, हेड टीचर, सेंटर कोऑर्डिनेटर, प्रिंसिपल या करिकुलम प्लानर बन सकते हैं। इसके अलावा, आप अपना प्ले स्कूल भी खोल सकते हैं।
यह भी पढ़ें- बिहार में AEDO के 935 पदों पर निकली भर्ती, फॉर्म से तक सिलेबस सब जानिए
सैलरी की बात करें तो प्ले स्कूल टीचर की सैलरी अलग-अलग हो सकती है। आपका स्कूल किस शहर में है और वहां कितनी सुविधाएं हैं उन सब चीजों के आधार पर आपकी सैलरी कम या ज्यादा हो सकती है। शुरुआत में प्राइवेट प्ले स्कूलों में सैलरी लगभग 8,000 रुपये से 15,000 रुपये मासिक सैलरी हो सकती है। बड़े शहरों या नामी स्कूलों में यह शुरुआती सैलरी 15,000 से 25,000 रुपये हर महीने तक हो सकती है।
सरकारी आंगनवाड़ी या बालवाटिका शिक्षकों की सैलरी राज्य सरकार की नीतियों के अनुसार होती है, जो लगभग 20,000 से 30,000 रुपये मासिक हो सकती है। अनुभव और पद बढ़ने के साथ-साथ सैलरी भी बढ़ेगी। बढ़े पदों पर सैलरी 40,000 से 60,000 रुपये तक पहुंच सकती है।