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सेमीकंडक्टर सेक्टर में मिलेंगी बंपर नौकरियां, जानिए कौन सा कोर्स करें

भारत सरकार ने सेमीकंड्क्टर सेक्टर में आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य रखा है। आने वाले सालों में इस सेक्टर में नौकरियों के कई अवसर पैदा होगें। जानिए आप कैसे इस सेक्टर में करियर बना सकते हैं।

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सांकेतिक तस्वीर, Photo Credit: Freepik

भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है। भारत सरकार भी इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इस क्षेत्र में करियर के भी कई विकल्प मौजूद हैं और आने वाले कुछ सालों में इस सेक्टर में नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे। भारत सरकार भी इस बात पर जोर दे रही है कि आने वाले समय में भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में प्रतिभावान लोगों की जरूरत होगी। भारत सरकार ने साल 2030 तक 10 लाख युवाओं को सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए तैयार करने का लक्ष्य रखा है। 

 

अगर आप भी सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में करियर बनाना चाहते हैं तो आप 12वीं के बाद ही अपने कोर्स का चयन इस हिसाब से करें की आप भविष्य में इस इंडस्ट्री में जॉब पा सकें। 12वीं के बाद कई ऐसे कोर्स हैं जो आप इस इंडस्ट्री में जॉब पाने के लिए कर सकते हैं। इसके साथ ही सरकार की एक रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि स्कूल से ही बच्चों के मन में इस सेक्टर के बारे में रुचि पैदा करने के लिए कोर्स और सब्जेक्ट शुरू किए जाने चाहिए।

 

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कौन सा कोर्स करें?

  • बी.टेक / बी.ई. इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (ECE)
  • बी.टेक / बी.ई. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (EE)
  • बी.टेक / बी.ई. कंप्यूटर इंजीनियरिंग (चिप डिजाइन, VLSI, एम्बेडेड सिस्टम्स के लिए)
  • बी.एससी / बी.टेक फिजिक्स या मैटेरियल साइंस (सेमीकंडक्टर फिजिक्स और फैब्रिकेशन के लिए)
  • एम.टेक / मास्टर ऑफ साइंस  (VLSI डिजाइन)
  • एम.टेक / मास्टर ऑफ साइंस  ( माइक्रोइलेक्ट्रोनिक्स) 
  • एम.टेक / मास्टर ऑफ साइंस (सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी)
  • एम.टेक / मास्टर ऑफ साइंस   (Embedded सिस्टम)
  • मास्टर ऑफ साइंस / पीएचडी  (मटेरियल साइंस)

इन सभी अंडर ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट कोर्स के अलावा कई डिप्लोमा कोर्स और सर्टिफिकेट कोर्स भी करवाए जाते हैं। 

किस यूनिवर्सिटी कॉलेज से करें कोर्स?

भारत में कई मान्यता प्राप्त संस्थान इन कोर्सेज को करवाते हैं। इन कोर्सेज को करने के लिए आपके पास 12वीं का सर्टिफिकेट या फिर पोस्टग्रेजुएश कोर्सेज के लिए संबंधित अंडरग्रेजुएट डिग्री होना जरूरी है। भारत में आईआईटी, एनआईटी के साथ-साथ कई और भी संस्थान हैं जो इन कोर्सेज को करवाते हैं। संस्थान का चयन करने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि वह संस्थान मान्यता प्राप्त संस्थान हो। 

 

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जॉब और सैलरी

सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में पढ़ाई पूरी करने के बाद आपको भारत और विदेश दोनों जगह नौकरी के अच्छे अवसर मिलते हैं। भारत में Intel, Qualcomm, NVIDIA, AMD, MediaTek, Tata Electronics, Vedanta-Foxconn, Cadence, Synopsys जैसी कंपनियां VLSI Design Engineer, Verification Engineer, Test Engineer, Process Engineer और Embedded Systems Engineer जैसे रोल्स ऑफर करती हैं। विदेशों में TSMC, जैसी बड़ी कंपनियों में काम करने का मौका मिलता है।

 

शुरुआती सैलरी की बात करें तो शुरुआती सैलरी आपकी प्रतिभा पर निर्भर करती है। भारत में इस इंडस्ट्री में शुरुआती सैलरी 6 से 12 लाख सालाना हो सकती है और अनुभव के साथ यह सैलरी 20 से 40 लाख सालाना तक पहुंच सकती है। विदेश में यह सैलरी और भी ज्यादा होती है। सैलरी इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस कंपनी में और किस देश में काम कर रहे हैं। 

इंजीनियर और टेक्नीशियन के लिए बंपर नौकरियां

हाल ही में एनएलबी कंपनी की ओर से प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सेमीकंडक्टर सेक्टर में इंजीनियर, ऑपरेटर, टेक्नीशियन और क्वालिटी कंट्रोल, खरीद और प्रोडक्ट इंजीनियरिंग के विशेषज्ञों सहित कुशल कार्यबल की मांग होगी। सेमीकंडक्टर सेक्टर को सरकार अपना पूरा समर्थन दे रही है इसके साथ ही कई प्राइवेट कंपनियों ने भारत में नई सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण सुविधाओं के निर्माण में निवेश करने की बात कही है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आने वाले समय में भारत में सेमीकंडक्टर सेक्टर में महत्वपूर्ण क्रांति आएगी।

 

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स्कूली करिकुलम का हिस्सा होगा?

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की इंडिया सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम वर्कफोर्स डेवलपमेंट स्ट्रेटजी रिपोर्ट में सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए डिटेल्ड रोडमैप दिया गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे स्कूल स्तर से ही इस क्षेत्र में छात्रों की रुचि को बढ़ाते हुए डिप्लोमा, ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन में नया करिकुलम जोड़ा जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि समीकंडक्टर सेक्टर से जुड़ा करिकुलम ग्रेजुएशन के पहले दो सालों में ही शामिल किया जाना चाहिए। इसके साथ ही कुछ विशेष प्रोग्राम शुरू करने की भी बात कही गई है। 

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