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भारतीय सेना में धर्मगुरु का पद क्या होता है, कौन और कैसे बन सकता है?

भारतीय सेना में सभी धर्मों की मान्यताओं के अनुसार धर्म शिक्षक रखे जाते हैं। सेना में धर्म गुरुओं का काम क्या होता है और इनका चयन कैसे होता है?

Religious Teacher

धर्म गुरु, Photo Credit: PTI

भारतीय में अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। भारतीय सेना में भी सभी धर्मों के लोग सेवाएं देने जाते हैं। ऐसे में अलग-अलग रेजिमेंट्स में अलग-अलग धर्मों के धार्मिक संस्थान भी स्थापित किए जाते हैं। इन संस्थानों की देखरेख, धार्मिक कार्यों को करने, धार्मिक पुस्तकों का व्याख्यान करने के लिए भारतीय सेना में धर्म गुरुओं को भी रखा जाता है। धर्म और आध्यात्म के साथ-साथ देश सेवा मे रुचि रखने वाले युवा सेना में धर्म शिक्षक बन सकते हैं। इसके लिए समय-समय पर सेना भर्ती निकालती रहती है। 

 

भारतीय सेना में धर्मगुरुओं को धर्म शिक्षक कहा जाता है और वे जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) के पद पर भर्ती होते हैं। धर्मगुरुओं का काम सैनिकों का धार्मिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शन करना, उनके धर्म के रीति-रिवाजों के अनुसार धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराना और सैनिकों का मनोबल बढ़ाना होता है। इसके अलावा सेना में धर्म शिक्षक के तौर पर अंतिम संस्कार कराने, अस्पतालों में बीमारों के स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना करने, सजा काट करे सिपाहियों से मिलने और सैन्य अधिकारियों, सिपाहियों के ब्च्चों और परिवार के अन्य सदस्यों को धार्मिक संदेश देने के काम करने होते हैं। विभिन्न धर्मों की मान्यताओं के अनुसार, पंडित, मौलवी, ग्रंथी और पादरी के पदों पर भर्ती होती है।

 

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कौन बन सकता है सेना में धर्म शिक्षक?

सेना में धर्म शिक्षक बनने के लिए उस धर्म की मान्यताओं के अनुसार वह व्यक्ति धर्म शिक्षक बनने के लिए योग्य होना चाहिए। आम तौर पर धर्म शिक्षक बनने के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है। इसके साथ-साथ अपने धर्म से संबंधित डिग्री या डिप्लोमा के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होना भी जरूरी है उम्र सीमा न्यूनतम 25 साल और अधिकतम 35 साल होती है। धर्म गुरुओं के लिए शारीरिक और मानसिक मापदंड वही होते हैं जो एक सैनिक के लिए होते हैं। साथ ही धर्म गुरुओं को भी कठिन ट्रेनिंग दी जाती है। अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग शैक्षणिक योग्यताएं हैं। 

 

  • पंडित: संस्कृत में शास्त्री या आचार्य की डिग्री और कर्मकांड का ज्ञान
  • मौलवी: अरबी और उर्दू की जानकारी के साथ अदीब-ए-माहिर या मौलवी आलिम की डिग्री
  • ग्रंथी: ज्ञानी की डिग्री और पंजाबी भाषा में ग्रेजुएट 
  • पादरी: संबंधित संस्थान से प्रीस्टहुड का अनुभव और स्थानीय बिशप द्वारा मान्यता प्राप्त होना
  • बौद्ध भिक्षु: जेशी या लोपोन सर्टिफिके

कैसे बनें धर्म शिक्षक?

धर्म शिक्षक बनने के लिए भारतीय सेना समय-समय पर भर्ती निकालती है। यह भर्ती जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) के पदों के लिए होती है। योग्य उम्मीदवार इन भर्तियों में शामिल होकर सेना में धर्म गुरु बन सकते हैं। सेना में धार्मिक शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन सेना की भर्ती वेबसाइट joinindianarmy.nic.in पर जाकर करना होता है। इस भर्ती से जुड़ी सारी जानकारी इसी वेबसाइट पर शेयर की जाती है।

 

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क्या है चयन प्रक्रिया?

इस भर्ती के लिए चयन प्रक्रिया के तीन फेज होते हैं। सबसे पहले फेज-1 में ऑनलाइन मोड में कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट होगा। इसमें आपकी विषय, भाषा और धर्म की समझ से जुड़े प्रश्न किए जाएंगे। इसे पास करने वाले फेज-2 यानी रिक्रूटमेंट रैली में हिस्सा लेंगे, जिसमें फिजिकल और मेडिकल टेस्ट होगा। फिजिकल और मेडिकल टेस्ट सेना की अन्य भर्तियों की तर्ज पर ही होता है। तीसरे और फाइनल फेज में इंटरव्यू होता है। इन तीनों फेज को पार करने वाले उम्मीदवारों को सेना की अलग-अलग यूनिटों और संस्थानों में धर्म गुरुओं के तौर पर तैनात किया जाता है। 

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