भारत सरकार ने अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती करने का फैसला लिया था तो इस फैसले को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह था कि 4 साल बाद रिटायर होने के बाद युवा कहां जाएंगे। उन्हें नौकरी कहां मिलेगी और क्या सरकार के पास उनके लिए कोई योजना है या नहीं। इन सभी सवालों के जवाब लेने के लिए युवा सड़कों पर भी उतरे और यह योजना वापस लेने की मांग भी हुई लेकिन सरकार अपने फैसले पक अड़ी रही। सरकार ने इस योजना को लागू किया और अब जब इस योजना को लागू हुए कई साल हो गए हैं तब भी युवाओं के मन में यह सवाल जस का तस बना हुआ है 4 साल बाद क्या?
आपको बता दें कि इस योजना के ऐलान के समय ही यह घोषणा भी कर दी गई थी कि भारतीय सेना में भर्ती हुए अग्निवीरों में से एक-चौथाई को सेना में ही रिटेन किया जाएगा। इसके लिए चार साल की सर्विस के दौरान उन्हें परखा जाएगा। अग्निवीरों को उनके ऑपरेशनल एप्टीट्यूड, हथियार कौशल, शारीरिक फिटनेस व अन्य स्किल्स के टेस्ट्स में परफॉर्मेंस के आधार पर रेटिंग मिलेगी। इसके बाद शॉर्टलिस्ट किए गए अग्निवीरों को 15 साल सर्विस का मौका मिलेगा। इसके बाद जो अग्निवीर रिटायर हो जाएंगे उनके पास भी नौकरी के कई विकल्प मौजूद हैं।
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सेना में कैसे रिटेन होंगे अग्निवीर?
25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेना में रेगुलर सर्विस में रिटेन कर लिया जाएगा। इसके लिए अग्निवीरों की असेसमेंट की जाएगी। रेटिंग व्यवस्था में सबसे ज्यादा महत्व ऑपरेशनल एप्टीट्यूड को दिया गया है। हर साल चेन ऑफ कमांड के जरिए इसका आकलन किया जाएगा। इसका वेटेज 39 प्रतिशत रहेगा।
फिजिकल फिटनेस, फायरिंग एंड ड्रिल के क्वांटिफाइड टेस्ट दो साल में एक बार होंगे। इनका वेटेज 36 प्रतिशत होगा। पहले और चौथे साल में एक स्क्रीनिंग बोर्ड बनेगा जो अग्निवीरों को परखेगा। इसका बेटेज 25 प्रतिशत रहेगा। इसके अलावा जिन अग्निवीरों को गैलेंट्री अवार्ड मिलेगा, उन्हें एक्सट्रा मार्क्स मिलेंगे। इसके अलावा कुछ पहलुओं पर निगेटिव मार्किंग भी होगी। इसके बाद जो रेटिंग प्वाइंट बनेंगे उनके आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को रिटेन किया जाएगा।
सुरक्षा बलों में मिलेगा रिजर्वेशन
जो 75 प्रतिशत अग्निवीर सेना से रिटायर होंगे उनके लिए कई भर्तियों में कोटा रखा गया है। ऐसे उम्मीदवारों के लिए केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बलों (CAPF) की भ्रती में 10 फीसदी सीटें आरक्षित रहेंगी। इसमें केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), सशस्त्र सीमा बल (SSB), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और रेलवे पुलिस बल (RPF) में होने वाली भर्तियां शामिल है। रिजर्वेशन के अलावा पूर्व अग्निवीरों को उम्र सीमा और फिजिकल टेस्ट में भी छूट मिलेगी। 2022 में जब सरकार ने इस योजना की घोषणा की थी तो बताया था कि रिटायर होने के बाद अग्निवीरों को पैरानिल्ट्री फोर्स, असम राइफल्स सहित राज्य सरकारों के पुलिसबल में आरक्षण दिया जाएगा।
राज्य सरकारें भी देंगी आरक्षण
अग्निपथ योजना के तहत चार साल सेना में बिताने वाले अग्निवीरों के लिए अलग-अलग राज्य सरकारों ने भी आरक्षण का प्रावधान किया है। इसी साल जून महीने में उत्तर प्रदेश सरकार ने रिटायर अग्निवीरों के लिए यूपी पुलिस और प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (PAC) की भर्ती में 20 प्रतिशत रिजर्वेशन मिलेगा। उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य नहीं है जिसने अग्निवीरों को आरक्षण देने का फैसला किया हो। हरियाणा, राजस्थान और असम पहले ही अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का ऐलान कर चुके हैं।
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क्या है अग्निवीर योजना?
भारत सरकार ने साल 2022 में अग्निपथ योजना लागू की थी। इस योजना के तहत तीनों सेनाओं, थल सेना, वायु सेना और नौसेना में जवान, एयरमैन और नाविक जैसे पदों पर इस योजना के तहत भर्ती की जाती है। इस योजना के तहत जिन्हें भर्ती किया जाता है उन्हें अग्निवीर कहा जाता है। इस योजना में सिर्फ चार सालों के लिए ही भर्ती किया जाता है। चार साल बाद 25 प्रतिशत जवानों को रिटेन कर लिया जाता है और अन्य सभी को रिटायर कर दिया जाता है। रिटायर होने वाले जवानों को रिटायरमेंट पर 11.71 लाख रुपये फंड के तौर पर दिए जाते हैं। इस योजना में रिटायर होने वाले अग्निवीरों के लिए पेंशन का प्रावधान नहीं है।