तेजस्वी को CM कैंडिडेट घोषित करके सबकुछ ठीक कर लेगा महागठबंधन?
कांग्रेस आलाकमान के आदेश पर अशोक गहलोत और कृष्णा अल्लावरू, तेजस्वी यादव से मिलने पटना पहुंचे। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने लालू प्रसाद यादव से भी मुलाकात की।

आरजेडी सुप्रीमो से मिलते अशोक गहलोत। Photo Credit (@ashokgehlot51)
बिहार विधानसभा चुनाव अपने पूरे उफान पर पहुंच चुका है, लेकिन महागठबंधन के बीच मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर अभी तक स्थिती साफ नहीं हो पाई है। दूसरी तरफ एनडीए खेमें में बीजेपी से लेकर एलजेपी (रामविलास) और जीतनराम मांझी की पार्टी एक सुर में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) लगातार महागठबंधन में शामिल अपनी सहयोगी दलों से यह मांग कर रही है कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाए। मगर, कांग्रेस तेजस्वी को लेकर अपनी स्थिती साफ नहीं कर रही है। वाम दलों ने तेजस्वी को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार कर लिया है।
महागठबंधन में सीट बंटवारा
महागठबंधन के बीच सीटों को लेकर हो रही मचे घमासान की खबरें मीडिया के जरिए बाहर आ गई हैं। सीटों को लेकर आरजेडी और कांग्रेस के बीच अनबन की खबरें जब फैल गईं तब जाकर महागठबंधन में सीटों को लेकर ऑफिशियल अनाउंसमेंट की गई। इसमें आरजेडी 143, कांग्रेस 61, वीआईपी 16, सीपीआई (ML) 20, भाकपा 9 और माकपा 4 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। इस घोषणा के बाद भी महागठबंधन में कई विधानसभा सीटों को लेकर लड़ाई है।
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लालू से मिलने पहुंचे गहलोत
यही वजह है कि महागठबंधन ने कम से कम 10 सीटों पर एक दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारे हैं। एक दूसरे के खिलाफ प्रत्याशी उतारे जाने की घटना ने भी विपक्ष में आपसी टकराव की खबरों को बल दिया है। इन परिस्थितियों के बीच बुधवार को बिहार चुनाव के लिए कांग्रेस के पर्यवेक्षक अशोक गहलोत और बिहार के कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के आवास पर पहुंचे।
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गतिरोध हो पाएगा खत्म?
चुनाव के बीच में अशोक गहलोत का पार्टी के प्रभारी के साथ लालू प्रसाद के घर पहुंचना बड़ा घटनाक्रम है। यह दर्शाता है कि दोनों दलों के बीच सबकुछ सामान्य नहीं है। यही वजह है कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने महागठबंधन में गतिरोध खत्म करने के प्रयास के तहत ही आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात की। मुलाकात के बाद गहलोत ने उम्मीद जताई कि नामांकन वापसी की अंतिम तारीख तक सभी मुद्दे सुलझा लिए जाएंगे।
उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के नाम घोषणा से जुड़े सवाल का जवाब देने से बचने की भी कोशिश की। कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत को गठबंधन के सहयोगी के साथ सीट बंटवारे को लेकर पैदा हुए तनाव को दूर करने का जिम्मा सौंपा है। सीट बंटवारे पर पूरी तरह सहमति नहीं बनने से बिहार में विपक्षी महागठबंधन को असमंजस की स्थिति में डाल दिया है।
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बैठक के बाद क्या बोले गहलोत?
बैठक के बाद गहलोत ने कहा कि महाराष्ट्र जैसे अहम राज्य में हार के बाद बिहार का चुनाव विपक्षी गठबंधन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हालांकि, जब उनसे यह पूछा गया कि क्या कांग्रेस आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के लिए तैयार है, तो उन्होंने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा, 'आप मुझसे इस तरह की घोषणा क्यों करवाना चाहते हैं?'
तेजस्वी की अगुवाई में प्रेस कांफ्रेंस
हालांकि, इस बीच आरजेडी नेता और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर महागठबंधन में किसी विवाद के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'कोई विवाद नहीं है। आपको कल सभी जवाब मिल जाएंगे।' बता दें कि महागठबंधन में अगर सीटों का मुद्दा हल हो जाता है तो 23 अक्टूबर को तेजस्वी यादव की अगुवाई में इंडिया गठबंधन की साझा प्रेस कांफ्रेंस हो सकती है, जिसमें एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की जाएगी। संभव है कि इस दौरान तेजस्वी को सीएम उम्मीदवार भी घोषित किया जाए।
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राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'आपने दो महीने पहले वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की कैमिस्ट्री देखी थी, जब दोनों नेताओं ने राज्य भर में साथ यात्रा की थी। वे उपयुक्त समय पर उपयुक्त फैसला लेंगे।' माना जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से तेजस्वी यादव को औपचारिक समर्थन न मिलने से आरजेडी में असंतोष है। हालांकि वह तेजस्वी सरकार के नारे के साथ चुनावी अभियान चला रहे हैं।
वहीं, महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के बारे में पूछे जाने पर भाकपा(माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, 'जल्द ही आधिकारिक घोषणा की जाएगी। राज्य की जनता जानती है कि जब महागठबंधन को बहुमत मिलेगा, तो तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनेंगे। इसमें कोई भ्रम नहीं है। मुझे उम्मीद है कि कल संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके नाम की घोषणा हो जाएगी।'
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कब तक सुलझेंगे मुद्दे?
बिहार की कुल 243 विधानसभा सीटों में से आरजेडी 143 और कांग्रेस 61 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। हालांकि, कम से कम पांच सीटों पर दोनों दलों के बीच दोस्ताना मुकाबला होने जा रहा है। वहीं, तीन सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी गठबंधन सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) से भी मुकाबला करेंगे। लालू प्रसाद से मुलाकात के बाद गहलोत कहा, 'हमें उम्मीद है कि नामांकन वापसी की अंतिम तिथि तक सभी मुद्दे सुलझा लिए जाएंगे।'
लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद कृष्णा अल्लावरु ने कहा, 'हमने आगे की रणनीतियों और सरकार बनने के बाद राज्य के लोगों के लिए कैसे काम कर सकते हैं, इस पर चर्चा की। कल हर अधिक जानकारी दी जाएगी। एनडीए को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने पिछले 5 सालों में क्या किया है।'
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