बिहार की सीतामढ़ी लोकसभा के अंतर्गत जो 6 विधानसभा सीटें आती हैं, उनमें से एक बाजपट्टी भी है। 2008 में परिसीमन के बाद सीतामढ़ी और पुपरु के कुछ हिस्सों को काटकर यह सीट बनाई गई थी। शुरुआत में यहां लगातार दो बार जेडीयू जीती थी। हालांकि, पिछले चुनाव में यहां आरजेडी ने जीत हासिल की थी।
बाजपट्टी बिहार के उत्तरी मैदानी इलाके में स्थित है। आसपास बागमती, लखनदेई और अधवारा जैसी नदियों के कारण यहां बाढ़ का खतरा भी बना रहता है। खेती-बाड़ी यहां का मुख्य पेशा है। स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरतों की पहुंच अब भी सीमित हैं।
मौजूदा समीकरण
बाजपट्टी में मुस्लिम और यादव समीकरण काम करता है। यहां लगभग 30 फीसदी मुस्लिम वोटर्स हैं। लोकसभा चुनाव में जेडीयू बाजपट्टी विधानसभा में अच्छा प्रदर्शन किया था। इस बार यहां उलटफेर भी देखने को मिल सकता है। आरजेडी और जेडीयू में कांटे की टक्कर हो सकती है।
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2020 में क्या हुआ था?
2020 के विधानसभा चुनाव में यहां उलटफेर हो गया था। दो बार से जीत रही जेडीयू को हार का सामना करना पड़ा था। आरजेडी के मुकेश कुमार यादव ने जेडीयू की रंजू गीता को लगभग तीन हजार वोटों से हरा दिया था। मुकेश कुमार को 40.21% और रंजू गीता को 38.69% वोट मिले थे।
विधायक का परिचय
मुकेश कुमार यादव ने 2020 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था। पहली ही बार में उन्होंने यहां से दो बार की विधायक रंजू गीता को हरा दिया था।
2020 में दाखिल हलफनामे के मुताबिक, मुकेश कुमार यादव के पास 2.3 करोड़ रुपये की संपत्ति है। इसमें से 1.7 करोड़ की अचल संपत्ति उनके पास है। उनके ऊपर 2 क्रिमिनल केस दर्ज हैं।
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विधानसभा का इतिहास
इस सीट पर अब तीन बार चुनाव हुए हैं। 2010 और 2015 में यहां जेडीयू ने जीत हासिल की थी। 2020 के चुनाव में आरजेडी ने पहली बार यहां चुनाव जीता था।
- 2010: रंजू गीता (जेडीयू)
- 2015: रंजू गीता (जेडीयू)
- 2020: मुकेश कुमार यादव (आरजेडी)