संजय सिंह, पटना। बिहार में राजनीतिक गहमा गहमी शुरू हो गई है। कहीं पूर्व बिहार में महागठबंधन की यात्रा राहुल और तेजस्वी के नेतृत्व में चाल रही है तो गयाजी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आकर एनडीए के नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम किया। इस बार का विधानसभा चुनाव कड़े मुकाबले के बीच होगा। पक्ष और विपक्ष एक-एक सीट का मूल्याकन बेहतर तरीके से कर रहा है।
पिछले विधानसभा चुनाव में नौ सीटें ऐसी थी जिस पर हार जीत का अंतर बहुत कम था। हिलसा में तो जेडीयू प्रत्याशी महज बारह वोट से जीत पाए थे। इसी तरह रामगढ़ में आरजेडी प्रत्याशी की जीत मात्र 189 वोट से हो पाई। ऐसे अन्य सीटों पर भी पक्ष और विपक्ष की गहरी नजर है। इन सीटों पर कड़ा इम्तेहान होने की संभावना है। पिछले चुनाव में दो सीटों पर आरजेडी और दो-दो पर बीजेपी और जेडीयू ने कम अंतर पर जीत हासिल की थी।
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शह और मात की लड़ाई
जानकारी के अनुसार 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए 125 सीट और महागठबंधन ने 110 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस चुनाव में ओवेसी की पार्टी को पांच और बीएसपी के उम्मीदवार एक सीट पर जीत पाने में सफल हुए थे। आगामी चुनाव में राजनीतिक दलों के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। जहां कम अंतर से हार जीत हुआ था वहां दोनों गठबंधन प्रोफेशनल की मदद से अपना मूल्यांकन कर रहे है। दोनों गठबंधन की कोशिश है कि एक भी सीट दूसरे के खाते में न जाए।
हिलसा में मात्र 12 वोट से जीत
पिछले चुनावी आकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि हिलसा विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी कृष्ण मुरारी शरण मात्र 12 वोट से चुनावी बाजी जीतने में सफल हुए थे। इस चुनाव में आरजेडी प्रत्याशी की हार हुई थी। रामगढ़ में भी आरजेडी प्रत्याशी सुधाकर सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 189 वोट से हराया था। सुधाकर सिंह बाद में सांसद बन गए थे। सुधाकर ने बहुजन समाजवादी पार्टी को हराया था। बेगुसराय के मटिहानी विधानसभा क्षेत्र का हाल भी कुछ ऐसा ही था। यहां एलजेपी प्रत्याशी राजकुमार सिंह ने जेडीयू प्रत्याशी को 333 वोट से पराजित कर जीत हासिल की थी।
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भोरे विधानसभा सीट पर 462 वोट से जीत
बेगुसराय के ही बछवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी उम्मीदवार सुरेद्र कुमार मेहता ने सीपीआई के अवधेश राय को 484 वोट से हराया था। यह सिलसिला यही नहीं थमाl गोपालगंज के भोरे विधानसभा सीट से जेडीयू के सुनील कुमार 462, डेहरी ऑन सोन में आरजेडी प्रत्याशी फतेह बहादुर सिंह 464 और चकाई से निर्दलीय प्रत्याशी सुमित कुमार सिंह ने 581 वोट से जीत हासिल की थी।
दोनों गठबंधन की गिद्ध वाली नजर
बखरी, कुढनी और परवत्ता में भी हार जीत का अंतर 700 वोटों से कम हुआ था। इस बार एनडीए और महागठबंधन दोनों आरपार की लड़ाई के मूड में हैं। महागठबंधन को राहुल और तेजस्वी के नेतृत्व पर भरोसा है तो एनडीए को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उम्मीद है। दोनों गठबंधन में काउंटर और एनकाउंटर जारी है। कम अंतर वाली सीटों पर दोनों गठबंधन की गिद्ध वाली नजर लगी है।