बिहार में विपक्षी गठबंधन महागठबंधन शुक्रवार तक सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बना पाया, जिसकी वजह से पहले चरण की 121 सीटों के लिए नामांकन की समयसीमा खत्म होने तक पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए। बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं, 121 सीटों के लिए नामांकन की आखिरी तारीख बीत चुकी है, अब दूसरे चरण की 122 सीटों के लिए नामांकन की आखिरी तारीख सोमवार है।
महागठबंधन में RJD, कांग्रेस, CPI (ML-L), CPI (M), CPI और विकसशील इंसान पार्टी (VIP) शामिल हैं, लेकिन एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर सहमति नहीं बन पाई। RJD और कांग्रेस के बीच कुछ सीटों को लेकर अब तक स्पष्टता नहीं है। कई सीटों पर महागठबंधन की पार्टियां ही आपस में लड़ेंगी। अभी तक किसी ने नाम वापस नहीं लिया है।
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किन सीटों पर आपस में भिड़ रहा है महागठबंधन?
कुटुंबा, वैशाली और लालगंज विधानसभा सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवार आपस में भिड़ रहे हैं। राष्ट्रीय जनता दल ने कुटुंबा (SC) विधानसभा सीट से सुरेश पासवान को उतारा है, वहीं कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम को उतार दिया है।
कहां फंस गया है पेच?
वैशाली में कांग्रेस के संजीव सिंह और RJD के अभय कुशवाहा और लालगंज में कांग्रेस के आदित्य राज और RJD की शिवानी सिंह आमने-सामने हैं। कांग्रेस ने 48 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की, जिसमें कहलगांव, प्राणपुर, जाले, चैनपुर और गया टाउन जैसी सीटें शामिल हैं। हालांकि, RJD कहलगांव सीट छोड़ने को तैयार नहीं है। यह परंपरागत रूप से कांग्रेस की रही है।
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कहां उलझ गया है महागठबंधन?
CPI (ML-L) ने भी 14 उम्मीदवारों की घोषणा की और VIP को 14 सीटें मिली हैं। मुकेश सहनी की अगुवाई वाली पार्टी बार-बार कह रही है कि उसे कम से कम 15 सीटें चाहिए। VIP के नेता मुकेश साहनी अपने लिए उपमुख्यमंत्री का पद मांग रहे हैं।
दोस्ताना मुकाबला होगा
कुछ सीटों पर 'दोस्ताना मुकाबला' होने के आसार हैं। बछवारा में कांग्रेस के शिव प्रकाश गरीब दास और CPI के अवधेश कुमार राय के बीच चुनावी मुकाबला होगा। बीजेपी इस पर चुटकी ले रही है। VIP और RJD के बीच भी तनाव रहा। मुकेश साहनी गठबंधन छोड़ने की कगार पर पहुंच गए थे।
मुकेश सहनी अब तक नाराज हैं
CPI (ML-L) के दीपंकर भट्टाचार्य और राहुल गांधी की मध्यस्थता के बाद साहनी गठबंधन में बने रहे। मुकेश साहनी ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई और कहा कि उनके लिए विचारधारा और सामाजिक रूप से वंचित वर्गों का मुद्दा अहम है।