हाल ही में संपन्न हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जीत के बाद, नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। सूत्रों के अनुसार, भाजपा इस समारोह को भव्य बनाने के लिए जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित करने पर विचार कर रही है। दरअसल, इस स्टेडियम की विशाल क्षमता और आधुनिक सुविधाओं के कारण इसे प्राथमिकता दी जा रही है।
वहीं, ऐतिहासिक महत्व के कारण रामलीला मैदान भी एक ऑप्शन माना जा रहा है, जहां पहले भी कई महत्वपूर्ण राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित हो चुके हैं। इसके अलावा यमुना नदी के किनारे और अरुण जेटली स्टेडियम जैसे स्थानों पर भी विचार किया जा रहा है।
19 या 20 फरवरी को होगा आयोजन?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्रा से वापसी के बाद, 19 या 20 फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होने की संभावना है। इसमें एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, सांसद, पूर्व सांसद, और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। भाजपा की 27 वर्षों बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी को देखते हुए, पार्टी इस अवसर को भव्य और यादगार बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।
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जेएलएन स्टेडियम ही क्यों?
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने गुरुवार को खुलासा किया कि 27 साल बाद दिल्ली में भाजपा की सत्ता में वापसी से उत्साहित कार्यकर्ताओं से शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की मांग की गई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि जेएलएन स्टेडियम को आयोजन स्थल के रूप में अंतिम रूप नहीं दिया गया है लेकिन प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों के लिए कई वीआईपी द्वार होने की वजह से इस ऑप्शन को सबसे आगे रखा जा रहा है।
200 से अधिक सांसदों और पूर्व सांसदों को किया जाएगा आमंत्रित
एनडीए शासित राज्यों के कई सांसद भी शपथ ग्रहण में मौजूद रहेंगे। पदाधिकारी ने कहा, 'भाजपा शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।' उन्होंने उम्मीद जताई कि दिल्ली से पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ चुनाव प्रचार में भाग लेने वाले 200 से अधिक सांसदों और पूर्व सांसदों को भी आमंत्रित किया जाएगा। एक अन्य पदाधिकारी ने बताया कि भाजपा के जमीनी स्तर के अभियान में प्रमुख भूमिका निभाने वाले 700 से अधिक विस्तारकों को भी शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया जाएगा।
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70 में से 48 सीटों पर भाजपा का कब्जा
बता दें कि समारोह को भव्य बनाने के लिए तैयारियां की जा रही हैं, जिसमें सुरक्षा व्यवस्था, अतिथियों की सूची, और अन्य व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नई सरकार के एजेंडे में यमुना नदी की सफाई और आयुष्मान भारत योजना का कार्यान्वयन प्रमुख रूप से शामिल हैं। भाजपा ने 70 में से 48 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि आम आदमी पार्टी को 22 सीटें मिली हैं।