दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने बुधवार को घोषणापत्र जारी कर दिया है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में महिलाओं से लेकर युवाओं और हर वर्ग को लेकर वादे किए हैं। इसके साथ ही कांग्रेस ने गरीबों को 5 रुपये में भोजन देने का वादा भी किया है।
कांग्रेस के घोषणापत्र में क्या-क्या?
- युवाओं के लिएः एक साल का अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम चलाया जाएगा। युवाओं को हर महीने 8,500 रुपये मिलेंगे। स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं को डीटीसी बस के पास मिलेंगे। अनुसूचित जाति के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की रकम बढ़ाई जाएगी।
- दलितों के लिएः सरकार बनने पर दलितों को फ्री में तीर्थयात्रा कराई जाएगी। उन्हें गौतम बुद्ध की स्थलियों, सारनाथ, बोधगया, संत रविदास की स्थली और बाबा साहेब की जन्मस्थली महू ले जाया जाएगा। 15 फीसदी सरकारी ठेके दलितों को मिलेंगे।
- ओबीसी के लिएः पहली कैबिनेट बैठक में दिल्ली में जातिगत सर्वे कराने का फैसला लिया जाएगा। ओबीसी की क्रीमी लेयर को बढ़ाकर 12 लाख रुपये किया जाएगा। राज्य सरकार की नौकरियों में ओबीसी के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा।
- अल्पसंख्यकों के लिएः वक्फ बोर्ड का गठन किया जाएगा। इमामों और मुअज्जिनों को तय समय पर सैलरी और भत्ते मिलेंगे। मदरसों के विकास में आने वाली बाधाओं को दूर किया जाएगा। JNU में पंजाबी चेयर का गठन होगा। गुरु तेग बहादुर के नाम पर यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी। जैन वेलफेयर बोर्ड स्थापित किया जाएगा।
- महिलाओं के लिएः प्यारी दीदी योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत गरीब परिवार की एक महिला को हर महीने 2,500 रुपये मिलेंगे। विधवा महिलाओं की बेटी की शादी पर 1.10 लाख रुपये दिए जाएंगे।
- गरीबों के लिएः 500 रुपये में गैस सिलेंडर दिया जाएगा। हर महीने 5 किलो चावल, 2 किलो चीनी, 1 किलो कुकिंग ऑयल, 6 किलो दाल और 250 ग्राम चाय पत्ती समेत एक मुफ्त राशन किट दी जाएगी। दिल्ली में 100 इंदिरा कैंटीन खोली जाएंगी, जहां गरीबों को 5 रुपये में खाना मिलेगा।
- बिजली-पानी पर क्याः दिल्लीवालों को हर महीने 300 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी। नए मीटर पर लगने वाली फीस को कम किया जाएगा। किसानों का बकाया बिजली बिल माफी होगा। 24X7 पानी की सप्लाई होगी।
- हेल्थ के लिएः 25 लाख रुपये तक का फ्री हेल्थ कवरेज मिलेगा। 24X7 काम करने वाली डिस्पेंसरीज खोली जाएंगी। अगले 5 साल में दिल्ली में 10 नए सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल खोले जाएंगे।
दिल्ली में सियासी जमीन तलाशती कांग्रेस
दिल्ली में कांग्रेस लगातार कमजोर होती जा रही है। पिछले तीन लोकसभा और विधानसभा चुनाव से कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी है। 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 40 फीसदी से ज्यादा वोट लेकर 43 सीटें जीती थीं और सरकार बनाई थी। 2013 में कांग्रेस महज 8 सीटें जीत सकी। उसे करीब 25 फीसदी वोट मिले थे। 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी। उसका वोट शेयर भी घट गया। 2015 में कांग्रेस को 9.7 तो 2020 में 4.3 फीसदी वोट ही मिले।
यही ट्रेंड लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिला। 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने दिल्ली की सभी सातों सीटें जीती थीं। उसे वोट भी 57 फीसदी से ज्यादा मिले थे। 2014 के चुनाव में कांग्रेस को करीब 15 फीसदी मिले, लेकिन वो एक भी सीट नहीं जीत सकी। 2019 के चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर बढ़कर 23 फीसदी तो हुआ लेकिन इस बार भी सीट नहीं मिल सकी। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 19 फीसदी वोट मिले थे और तब भी वो एक सीट भी नहीं जीत पाई।
दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। 8 फरवरी को चुनाव नतीजे घोषित किए जाएंगे। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बीजेपी ने 68 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि एक सीट जेडीयू और एक एलजेपी (रामविलास) के लिए छोड़ दी है।