कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने रविवार को बीजेपी और जेडीएस के भी तर मतभेदों और खींचतान की ओर इशारा किया है। उन्होंने चन्नपटना विधानसभा उपचुनाव में जेडीएस उम्मीदवार निखिल कुमारस्वामी की हार का श्रेय इन पार्टियों के नेताओं को दिया।
चन्नपटना उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार सी. पी. योगेश्वर ने 25,413 वोटों के बड़े अंतर से एनडीए उम्मीदवार निखिल कुमारस्वामी को हराया। शनिवार को घोषित परिणामों में कांग्रेस ने कर्नाटक की तीनों सीटें - चन्नपटना, संदर और शिगगांव - पर जीत हासिल की।
निखिल कुमारस्वामी केंद्रीय मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी के बेटे और पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा के पोते हैं। सितंबर 2023 में जेडीएस ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा बनने का फैसला किया था।
जेडीएस और भाजपा ने की मदद- डीके शिवकुमार
शिवकुमार ने कहा, ‘इस चुनाव में कई लोग विभिन्न दलों से हमारी मदद के लिए आगे आए। पिछली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को केवल 16,000 वोट मिले थे, जो इस लोकसभा चुनाव में बढ़ा है।’ उन्होंने कहा कि जेडीएस और बीजेपी के कई नेताओं ने कांग्रेस का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष समर्थन किया। शिवकुमार ने कहा कि अगर बीजेपी और जेडीएस के नेताओं ने हमारा समर्थन नहीं किया होता, तो हमें इतने वोट नहीं मिलते। मैं उनका धन्यवाद करता हूं।’
उन्होंने यह भी चुटकी ली कि जेडीएस, जिसकी विधानसभा में 19 सीटें थीं, अब 18 पर सिमट गई है। शिवकुमार ने इसे जनता का फैसला बताया और सी. पी. योगेश्वर को चन्नपटना क्षेत्र के विकास के लिए चुने जाने का श्रेय दिया।
वहीं, कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने शिवकुमार पर बीजेपी और जेडीएस के बीच फूट डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘शिवकुमार को बीजेपी को जेडीएस के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।’ उन्होंने पूछा कि बेंगलुरु ग्रामीण सीट से शिवकुमार के भाई डी. के. सुरेश की हार का जिम्मेदार कौन है।
अशोक ने आरोप लगाया कि कांग्रेस चन्नपटना में अपना उम्मीदवार नहीं खोज पाई, इसलिए उसने बीजेपी के योगेश्वर को अपनी पार्टी में शामिल किया। उन्होंने कहा, 'क्या कांग्रेस के पास चन्नपटना में कोई कार्यकर्ता नहीं था?'