दरभंगा ग्रामीण विधानसभा बिहार के दरभंगा जिले में आती है, जो एक सामान्य वर्ग की सीट है। दरभंगा ग्रामीण मधुबनी जिले के बॉर्डर के करीब है। यह दरभंगा लोकसभा सीट का हिस्सा है। यह क्षेत्र दरभंगा शहर की नगरपालिका सीमा से सटा हुआ है। पूरे इलाके में मैथिली भाषा बोली जाती है। ग्रामीण इलाका होने की वजह से यह क्षेत्र एक कृषि प्रधान क्षेत्र है। हालांकि, दरभंगा ग्रामीण की दरभंगा शहर से दूरी मात्र 25 किलोमीटर है। शहर से नजदीरी होने से यहां ग्रामीण के साथ कुछ-कुछ शहरी परिवेश भी फैल रहा है।
मौजूदा समीकरण?
दरभंगा ग्रामीण सीट सन 2000 से ही राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पास है। 25 सालों से यहां पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की पार्टी का कब्जा है। बीजेपी और जेडीयू एक साथ मिलकर भी कभी यहां से चुनाव नहीं जीत पाई हैं। यहां से ललित कुमार यादव लगातार तीन बार से विधायक हैं। 2020 में उन्होंने दरभंगा ग्रामीण जेडीयू को हराया था। 2015 में जेडीयू-आरजेडी का गठबंधन था और दोनों क्षत्रप पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ी थी। इस चुनाव में यह सीट आरजेडी के हिस्से में आई थी। 2015 के चुनाव में ललित कुमार हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा के नौशाद अहमद को 34,491 वोटों से मात दी थी।
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दरभंगा ग्रामीण पर ललित कुमार यादव की पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है। उनकी पकड़ को देखते हुए इस बात की उम्मीद है कि इस बार भी आरजेडी उन्हीं को अपना उम्मीदवार बनाएगी। ऐसे में जेडीयू को यहां से हराने के लिए ललित कुमार यादव के मुकाबले कोई मजबूत कैंडिडेट उतारना होगा।
2020 में क्या हुआ था?
दरभंगा ग्रामीण पर 2020 में राष्ट्रीय जनता दल ने जीत दर्ज की थी। जनता दल यूनाइटेड दूसरे नंबर पर रही थी। 2020 में आरजेडी से ललित कुमार यादव ने जेडीयू के फराज़ फातमी को करीबी मुकाबले में हराया था। हार का अंतर 2,141 वोटों का था। आरजेडी के ललित कुमार यादव ने 41.26 फीसदी वोट पाते हुए 64,929 वोट हासिल किया था, जबकि फराज़ फातमी को 62,788 वोट मिले थे। वहीं, इस सीट पर लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के प्रदीप कुमार ठाकुर को 17,605 (11.19) वोट मिले थे।
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विधायक का परिचय
मौजूदा विधायक ललित कुमार यादव एक बिहार के पुराने नेताओं में शुमार किए जाते हैं। वह दरभंगा जिले के दरभंगा ग्रामीण विधानसभा से लगातार तीन बार से आरजेडी के विधायक हैं। वह यहां से सबसे पहले 2010 में आरजेडी के टिकट पर विधायक बने थे। ललित कुमार साल 1995 से ही राष्ट्रीय जनता दल से जुड़े हुए हैं।
54 साल के ललित कुमार की पढ़ाई की बात करें तो वह समाजशास्त्र से एमए पास हैं। उन्होंने साल 1989 में ललित नारायण विश्वविद्यालय, दरभंगा से पढ़ाई की है। 2020 के उनके चुनावी हलफनामों के मुताबिक, उनकी आय का मुख्य स्रोत विधायकी रूप में उनका वेतन, कृषि और किराया है। पिछले हलफनामों के मुताबिक उनके पास 17 कोरोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है।
विधानसभा सीट का इतिहास
निर्मली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र संसदीय एवं विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन आदेश के बाद साल 2008 में अस्तित्व में आई थी। इस पर अभी तक कुल 3 ही चुनाव हुए हैं। इस सीट की संख्या 41 है। विधानसभा में निर्मली, राघोपुर और सरायगढ़ भपटियाही सामुदायिक विकास खंड हैं। निर्मली विधानसभा सीट सुपौल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है।
दरभंगा ग्रामीण विधानसभा सीट साल 1977 में अस्तित्व में आई थी। शुरुआत में इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया था लेकिन 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद यह सीट सामान्य श्रेणी में बदल दी गई। साल 2010 में यह प्रभावी हुआ। हालांकि, इस बदलाव के बावजूद आरजेडी लगातार छह चुनावों से इस सीट पर जीत दर्ज करती आ रही है।
1977- जगदीश चौधरी (जनता पार्टी)
1980- जगदीश चौधरी (जनता पार्टी)
1985- रामचंद्र पासवान (कांग्रेस)
1990- जगदीश चौधरी (जनता दल)
1995- मोहन राम (जनता दल)
2000- पितांबर पासवान (आरजेडी)
2005- पितांबर पासवान (आरजेडी)
2005- पितांबर पासवान (आरजेडी)
2010- ललित कुमार यादव (आरजेडी)
2015- ललित कुमार यादव (आरजेडी)
2020- ललित कुमार यादव (आरजेडी)