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संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के वादे का क्या हुआ?

आम आदमी पार्टी ने 2020 में वादा किया था कि राजधानी में सरकार के साथ संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित करेंगे। पांच साल बाद अरविंद केजरीवाल की पार्टी का यह वादा कितना जमीन पर उतरा है आइए जाने हैं।

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Creative Image: (Photo Credit: Khabargaon)

वादा- संविदा कर्मचारियों को नियमित करना

 

'हम ये सुनिश्चित करेंगे कि दिल्ली सरकार के साथ कार्यरत सभी संविदा कर्मचारियों को स्थायी किया जाए।'

 

आम आदमी पार्टी ने पिछले चुनाव में दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले विभागों में संविदा (Contractual Employees) पर काम कर रहे युवाओं से वादा किया था कि 2020 में सरकार बनने पर संविदा कर्मचारियों को नियमित कर देंगे। पांच साल सरकार चलाने के बाद अभी राजधानी में संविदा कर्मचारियों का मुद्दा सुलझा नहीं है, बल्कि इसको लेकर कई सरकारी विभागों के संविदा कर्मचारी अपने नियमतीकरण को लेकर प्रदर्शन करते रहते हैं।

 

दरअसल, आम आदमी पार्टी ने 2020 में अपने वादे में कहा था कि 'हम ये सुनिश्चित करेंगे कि दिल्ली सरकार के साथ कार्यरत सभी संविदा कर्मचारियों को स्थायी किया जाए।'

 

सरकार की तरफ से कोई एक्शन नहीं 

 

अब हम आंकड़ों के अंदर जाते हैं तो पता चलता है कि दिल्ली सरकार के ही कई ऐसे विभाग हैं, जहां संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया है। यह एक्शन दिल्ली महिला आयोग से लेकर डीटीसी तक फैला हुआ है।

 

इसी साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी 2025 को दिल्ली ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (DTC) के संविदा कर्मचारियों ने राजधानी में प्रदर्शन किया था। संविदा कर्मचारी लंबे समय से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। 

 

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डीटीसी कर्मचारियों का प्रदर्शन

 

दिल्ली की 'आप' सरकार डीटीसी में ठेके पर कर्मचारियों को नौकरी पर रख रही है। इसी डीटीसी में कई कर्मचारी पिछले 15 सालों से सेवा दे रहे हैं लेकिन उनको अभी तक नियमित नहीं किया गया है। वहीं, AAP सरकार के विरोध में दिल्ली सयुक्त मोर्चा ने दिल्ली सरकार में काम कर रहे सभी संविदा कर्मचारियों को एक विशाल हड़ताल करने की चेतावनी दी थी।

 

महिला आयोग ने दर्जनों लोगों को निकाला

 

ऐसे ही पिछले साल अक्टूबर में दिल्ली महिला आयोग ने अपने सभी संविदा कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। आयोग के सहायक सचिव गौतम मजूमदार की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि आयोग में अब तक कार्य रहे संविदा कर्मचारी भले ही किसी भी समय नियुक्त हुए हो सभी को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाता है। आयोग ने लगभग 45 संविदा कर्मचारियों को हटाया है। बता दें कि इनमें कुछ कर्मचारी साल 1990 से यहां नौकरी कर रहे थे।

 

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दिल्ली महिला की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल इस मुद्दों को उठाया था। उन्होंने अप्रैल 2024 में, डब्ल्यूसीडी विभाग द्वारा आयोग में कार्यरत अपने सभी संविदा कर्मचारियों को तुरंत हटाने के आदेश का विरोध किया था।

 

विरोध कर रहे सिविल डिफेंस वालंटियर्स 

 

इसके अलावा दिल्ली में सरकार की तरफ से 10,000 सिविल डिफेंस वालंटियर्स को प्रदूषण विरोधी उपायों को लागू करने के लिए काम पर लगाया जाना था. मगर, सिविल डिफेंस वालंटियर्स चार महीने के अस्थायी कॉट्रैक्ट अनुबंध के बजाय स्थायी रोजगार की मांग करते हुए अपना विरोध जारी रहे हैं।

 

कुल मिलाकर आम आदमी पार्टी का संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा ठंडे बस्ते में जाते हुए दिखाई देता है। संविदा कर्मचारियों को सरकार ने नियमित करने के बजाय उनको नौकरी से निकाला है।

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