वादा- विश्व स्तरीय सड़कें
आधुनिक डिजाइन, सुंदर-सपाट और सुरश्रित सड़कें विश्व स्तर के शहरों की सर्वोत्कृष्ट विशेषताएं हैं जो अपने सभी उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को पूरा करती हैं। दिल्ली की सड़कों को भी इसी अनुरूप बनाया जाएगा, जिसकी शुरुआत अगले एक साल के भीतर 40 किलोमीटर लंबी सड़कों के पायलट प्रोजेक्ट के साथ होगी।
आम आदमी पार्टी ने 2020 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली की जनता से वादा किया था कि सरकार आने पर राजधानी की सड़कों को 'विश्व स्तरीय' बना देंगे। अब दिल्ली में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं, सरकार का कार्यकाल खत्म होने वाला है। ऐसे में दिल्ली की जनता को यह जानने जरूरी है कि क्या आम आदमी पार्टी सरकार अपने वादे पर खरी उतरी है या नहीं।
सड़कों के किनारे लगे पौधे
देखा जाए तो सेंट्रल दिल्ली और पॉश कॉलोनियों की सड़कें पहले से ही अच्छी क्लालिटी की बनी हुई हैं। दिल्ली सरकार इन सड़कों की समय-समय पर मरम्मत करवाती रहती है। साथ ही इन सड़कों के किनारे सुंदरता बढ़ाने के लिए ग्रीन और आधुनिक किस्म के पौधे लगाए गए हैं। इसके साथ ही दिल्ली सरकार की तरफ से मेट्रो और फ्लाइओवरों के नीचे भी सौंदर्यीकरण का काम किया गया है।
'आप' सरकार दिल्ली की सड़कों का पुनर्विकास और सड़कों का सौंदर्यीकरण भी कर रही है ताकि यूरोपीय शहरों की तरह सुंदर और विश्व स्तरीय सड़कें बनाकर दिल्ली को विश्व स्तरीय शहर बनाया जा सके लेकिन दिल्ली सरकार के ये सभी दावे हर बारिश के मौसम में धराशायी हो जाते हैं। इसके अलावा दिल्ली के कुछ पॉश इलाकों को छोड़ दें तो बाकी के इलाकों में सड़का का बुरा हाल है। टूटी सड़कें, उन पर जलभराव और गंदगी की समस्या अभी भी बनी हुई है।
बरसात में राजधानी की सड़कों पर गड्ढे
बरसात में राजधानी की आम से लेकर प्रमुख सड़कों में जगह-जगह गड्ढे और सड़कें टूटी हुई दिखाई देती हैं। कई जगह तो सड़कों पर ऊपर की लेयर ही गायब हो जाती। इन सड़कों पर दोपहिया वाहन चालकों का चलना खतरनाक हो जाता है। इसका साफ मतलब है कि सड़कों को उच्च क्वालिटी का बनाने को बोलकर लो क्वालिटी का सामान भी लगा दिया जाता है।
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पिछले साल यानी 2024 में राजधानी की सड़कों का मानसून में बुरा हाल हो गया था। यह हाल तब था जब सड़कों का निर्माण और मरम्मत कार्य विश्वस्तरीय मानकों पर किया गया था। दिल्ली में लोक निर्माण विभाग के अधिकार क्षेत्र में 1260 किलोमीटर सड़कें हैं। सड़कों पर गड्ढों से लोगों के वाहन खराब हो रहे हैं, वहीं जाम भी लग जाता है।
पीडब्ल्यूडी के पिछले साल के आंकड़ों पर गौर करें तो बरसात के मौसम में ही विभाग को 10,000 शिकायतें मिलीं थीं, जिनमें गड्ढे, टूटी सड़कें, टूटे हुए डिवाइडर, जर्जर सतह, खराब फुटपाथ और जलभराव के मामले सबसे अधिक थे। इसके साथ ही सड़कों पर अंधेरा होने की भी शिकायतें मिलती रहती हैं।
बता दें कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की 540 किलोमीटर लंबी सड़कों को यूरोपियन शहरों की तर्ज पर खूबसूरत बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसमें कुछ हद तक काम भी हुआ है। मगर, अभी भी कई सड़कें ऐसी हैं जो अबतक विश्व स्तरीय न हीं बन पाई हैं। केजरीवाल ने दावा करते हुए कहा था कि साल 2023 की शुरूआत में इन सड़कों के सौंदर्यीकरण का काम पूरा कर लिया जाएगा।
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ये सुविधाएं सड़कों पर मिलेंगी
गौरतलब है कि इन सड़कों के किनारे रिक्शा के लिए पार्किंग, ग्रीन बेल्ट एरिया, पब्लिक ओपन स्पेस, साइकिल लेन, पैदल पाथ लेन के साथ कई और सुविधाएं भी मिलेंगी। केजरीवाल सरकार का प्लान है कि पहले चरण में दिल्ली में 540 किलोमीटर सड़कों के पुनर्विकास, सड़कों के निर्माण और सौंदर्यीकरण के लिए परियोजनाएं पूरी हो जाएं।
कुल मिलाकर आम आदमी पार्टी का दिल्ली की सड़कों को विश्व स्तरीय बनाने का वादा कुछ हद तक पूरा हुआ है, लेकिन सरकार को इसमें काफी काम करने की जरूरत है।