वादा- 10 लाख बुजुर्गों को कराएंगे तीर्थयात्रा
बुजुर्गों का पूरा जीवन बच्चों और परिवार की देख-रेख में निकल जाता है, वो खुद की इच्छाओं पर पर ध्यान नहीं दे पाते हैं जैसे कि तीर्थ यात्रा पर जाना। आम आदमी पार्टी ने बुजुर्गों की इच्छाओं को पूरा करने का बेड़ा उठाया है। हमारी सरकार अगले पांच साल में 10 लाख बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा कराएगी।
दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने आज से सात साल पहले दिल्ली में 'मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना' की शुरुआत की थी। दिल्ली की कैबिनेट ने 9 जनवरी, 2018 को इस महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी थी। इसके तहत दिल्ली में रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों (60 साल से अधिक) को दिल्ली सरकार मुफ्त में तीर्थस्थलों की यात्रा करवाती है।
पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली में बुजुर्गों के लिए योजना की घोषणा करते हुए कहा, 'श्रवण कुमार से प्रेरित होकर मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत दिल्ली के लगभग एक लाख बुजुर्ग देश के कोने-कोने में स्थित तीर्थ स्थलों की यात्रा कर चुके हैं। तीर्थ यात्रा का पूरा खर्च सरकार उठाती है।'
क्या है योजना?
इस योजना में दिल्ली में रहने वाला 60 साल या उससे ज्यादा उम्र का कोई भी निवासी स्थानीय विधायक से प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद इस योजना का लाभ उठा सकता है। प्रत्येक यात्री के साथ 21 साल या उससे ज्यादा उम्र का एक अटेंडेंट जा सकता है। अटेंडेंट का खर्च भी सरकार उठाती है। एक विधानसभा क्षेत्र में कुल 1,100 निवासी एक साल में इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। इस हिसाब से दिल्ली में कुल 70 विधानसभाएं हैं, जिससे हर साल कुल 77,000 बुजुर्ग तीर्थयात्रा कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें: 1984 सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को न्याय का वादा कितना पूरा हुआ?
योजना के अंतर्गत बुजुर्गों के लिए एसी ट्रेनों की व्यवस्था की जाती है और ठहरने के लिए अच्छे होटलों का प्रबंध किया जाता है। उनकी यात्रा के दौरान रहने, खाने-पीने, और तीर्थ स्थलों पर दर्शन की पूरी व्यवस्था दिल्ली सरकार करती है। इसके लिए बुजुर्गों को केवल अपना रजिस्ट्रेशन कराना होता है और बाकी का सारा खर्च दिल्ली सरकार उठाती है।
ये तीर्थस्थल हैं शामिल
मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना में बुजुर्गों को देशभर के प्रमुख तीर्थ स्थलों की यात्रा कराई जाती है, जिनमें रामेश्वरम्, द्वारकाधीश, पुरी, अयोध्या, तिरुपति, हरिद्वार, ऋषिकेष, मथुरा, वाराणसी, वृंदावन, वैष्णों देवी और शिरडी साईं बाबा आदि शामिल हैं। इस योजना में अब तक 92 ट्रेनों के माध्यम से लगभग एक लाख बुजुर्ग मुफ्त तीर्थ यात्रा का लाभ उठा चुके हैं।
2020 में क्या था 'आप' का वादा
2020 के चुनावी घोषणा पत्र में आम आदमी पार्टी ने 10 लाख बुजुर्गों को तीर्थयात्रा करवाने का वादा किया था। जबकि पिछले दिनों खुद पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल खुद कह चुके हैं कि इस योजना के अंतर्गत दिल्ली के लगभग एक लाख बुजुर्ग तीर्थ स्थलों की यात्रा कर चुके हैं। इस बार दिल्ली का बजट पेश करते हुए तत्कालीन वित्त मंत्री और अब मुख्यमंत्री अतिशी ने मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना को जारी रखने के लिए 80 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था।
आतिशी ने बजट पेश करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत अब तक करीब 87,000 बुजुर्ग और उनके परिवार 92 ट्रेनों के जरिए तीर्थ यात्रा पर जा चुके हैं। अगर पांच साल में 10 लाख लोगों को तीर्थ यात्रा पर भेजने के वादे से तुलना करें तो अभी यह आंकड़ा बेहद कम है। हालांकि, योजना के तहत बहुत सारे बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा पर भेजा भी गया है।
यह भी पढ़ें: कच्ची कॉलोनियों को पक्का करने का वादा कितना पूरा हुआ?
कब-कब रुकी ये योजना
मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना को दो बार रोक दिया गया था। सबसे पहली बार कोविड-19 महामारी के दौरान तीर्थयात्रा योजना पर रोक लगाई गई थी। वहीं, दूसरी बार इस योजना को पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के दौरान रोक दिया गया था, लेकिन बाद में इसे फिर से शुरू कर दिया गया था।
अभी क्या है स्थिति?
मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना अभी भी चल रही है। अरविंद केजरीवाल ने इस बार भी इस योजना की घोषणा की है। पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए केजरीवाल ने कहा था कि श्रवण कुमार से प्रेरित होकर उन्होंने मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना शुरू की है।
कुल मिलाकर आम आदमी पार्टी मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना दिल्ली के बुजुर्गों को रूक-रूक कर मुफ्त में तीर्थयात्रा करवा रही है, लेकिन इसकी रफ्तार काफी धीमी है।