logo

ट्रेंडिंग:

दिल्ली में बाजारों और इंडस्ट्रियल ग्रोथ के वादे का क्या हुआ?

आम आदमी पार्टी ने 2020 में दिल्ली के लोगों से वादा किया था कि दिल्ली के बाजारों और इंडस्ट्रियल ग्रोथ के विकास के लिए पर्याप्त धन आवंटित करेंगे। जानते हैं कि उस वादे का क्या हुआ?

Creative Image । Photo Credit: Khabargaon

क्रिएटिव इमेज । Photo Credit: Khabargaon

क्या था वादा

हम दिल्ली के बाजारों और औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए पर्याप्त धन आवंटित करेंगे।

क्या क्या हुआ?

साल 2020 में दिल्ली के तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया कि राष्ट्रीय राजधानी में न्यू इंडिस्ट्रियल एरिया में किसी भी तरह की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को जगह नहीं दी जाएगी। इसके पीछे सर्विस सेक्टर और हाई-टेक इंडस्ट्री को बढ़ावा देने का उद्देश्य था। इसके लिए नोटिफिकेशन केंद्र सरकार ने जारी किया था लेकिन प्रस्ताव दिल्ली सरकार द्वारा भेजा गया था।

 

केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से सर्विस सेक्टर की इंडस्ट्री पर आधारित है इसलिए उन्होंने हाई-टेक सर्विस इंडस्ट्री को सस्ते दामों पर स्पेस उपलब्ध कराने की नीति अपनाई।

 

इसकी वजह से दिल्ली सरकार का मानना था कि इससे महंगे होने के नाते जो सर्विस सेक्टर की ऑफिस दिल्ली के बाहर जा रही थीं वे अब दोबारा दिल्ली में आ जाने की संभावना थी।

 

यह भी पढ़ें: कच्ची कॉलोनियों को पक्का करने का वादा कितना पूरा हुआ?

 

नॉन-कन्फॉर्मिंग एरिया का विकास

साल 2023 में दिल्ली में  नॉन कन्फॉर्मिंग एरिया के विकास की योजना बनाई गई। नॉन-कन्फॉर्मिंग एरिया वे होते हैं जहां पर किसी रिहायशी इलाके में धीरे-धीरे औद्योगिक इकाइयां शुरू हो जाती है और धीरे-धीरे वे इतना बढ़ जाती हैं कि कुल क्षेत्र के 70 प्रतिशत या इससे ज्यादा पर रिहायश के बजाय उद्योगों का ही प्रसार हो जाता है।

 

दिल्ली में लगातार कम होती भूमि की समस्या से निपटने और इंडस्ट्रियल ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया। इसके लिए केजरीवाल सरकार ने तीन स्तरों पर योजना बनाई। पहले चरण में उसका ले आउट बनाना था, उसके बाद दूसरे चरण में जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना था और तीसरे चरण में जरूरी पब्लिक सुविधाएं विकसित करनी थी।

 

केजरीवाल सरकार का मानना था कि इसकी वजह से करीब 10 से 15 लाख नौकरियां पैदा होंगी जिससे अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा और लाखों लोगों की जिंदगियों में गुणात्मक सुधार आएगा। इसके अलावा पिछले साल जनवरी 2024 में दिल्ली के तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल उत्तर पश्चिम दिल्ली के रानी खेड़ा में 147 एकड़ भूमि पर इंडस्ट्रियल हब बनाने की घोषणा की।

 

इस कदम का उद्देश्य नौकरियों का सृजन करना था। इसके तहत सरकार का उद्देश्य था सस्ते रेट पर भूमि उपलब्ध कराना और इंडस्ट्री सेटअप करना ताकि इसके जरिए अप्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराया जा सके।

 

इस इनीशिएटिव के तहत भी सरकार द्वारा ईको-फ्रेंडली इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देना था।

 

इसके अलावा केजरीवाल ने 32 अन्य दुकानों और कॉमर्शियल संस्थानों को 24 घंटे ऑपरेट करने का भी 24 घंटे ऑपरेट करने की भी अनुमति दी थी।

क्या है निष्कर्ष

दिल्ली में औद्योगिक विकास के लिए प्रयास किए गए हैं और काफी कदम भी उठाए गए हैं लेकिन बीच में कोविड की वजह से इसमें दिक्कत का सामना करना पड़ा और अभी भी कई फ्रंट्स पर इसमें काम किया जाना बाकी है।


यह भी पढ़ें: 1984 सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को न्याय का वादा कितना पूरा हुआ?

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap