दिल्ली की कृष्णा नगर विधानसभा कभी बीजेपी का गढ़ हुआ करती थी लेकिन 2015 में आम आदमी पार्टी ने यहां सेंध लगा दी। कृष्णा नगर पूर्वी दिल्ली जिले में ट्रांस-यमुना क्षेत्र में स्थित है। घोंडली गांव, लाल क्वार्टर मार्केट, पुरानी अनारकली, जगतपुरी, राम नगर, राम नगर एक्सटेंशन, ईस्ट कृष्णा नगर, कृष्णा नगर ब्लॉक ए से के, कृष्णा नगर एक्सटेंशन, शिवपुरी, शिवपुरी एक्सटेंशन, अर्जुन नगर, पुराना अर्जुन नगर, कांति नगर, राधे पुरी, राशिद मार्केट, चंदर नगर, न्यू लायल पुर और न्यू लायल पुर एक्सटेंशन जैसे इलाके इस विधानसभा में आते हैं।
इस सीट से बीजेपी के डॉ. हर्षवर्धन सिंह लगातार 5 बार विधायक चुने गए थे। 2015 में यहां से किरण बेदी ने चुनाव लड़ा था लेकिन वो हार गई थीं। कृष्णा नगर सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।
इस बार कौन-कौन मैदान में?
आम आदमी पार्टी ने मौजूदा विधायक विकास बग्गा पर ही एक बार फिर भरोसा जताया है। बीजेपी ने अनिल गोयल को यहां से टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने गुरचरण सिंह राजू को मैदान में उतारा है।
कृष्णा नगर में क्या हैं मुद्दे?
कृष्णा नगर में भी सड़क और सीवर की समस्या आम है। स्थानीय लोगों की शिकायत है कि यहां की ज्यादातर सड़कें टूटी-फूटी हैं, जिस कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं। लोगों का कहना है कि खराब सड़कों को लेकर कई बार शिकायत की जा चुकी है लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके अलावा नालों में कूड़ा भर गया है, जिससे पानी निकल नहीं पाता।
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2020 में क्या हुआ था?
2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के एसके बग्गा ने 72,111 वोट हासिल कर चुनाव जीता था। बीजेपी के डॉ. अनिल गोयल दूसरे नंबर पर रहे थे और उन्हें 68,116 वोट मिले थे। वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार को महज 5,079 वोट मिले थे।
क्या है इसका इतिहास?
कृष्णा नगर सीट पर लंबे समय तक बीजेपी का दबदबा रहा है। बीजेपी के हर्षवर्धन सिंह ने 1993 से 2013 तक लगातार 5 बार यहां से जीत हासिल की। 2015 में बीजेपी ने किरण बेदी को यहां से उम्मीदवार बनाया था। हालांकि, किरण बेदी करीब दो हजार वोटों के अंतर से हार गई थीं। 2015 और 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के एसके बग्गा ने यहां से चुनाव जीता।
क्या है जातिगत समीकरण?
कृष्णा नगर विधानसभा सीट पर मिली-जुली आबादी रहती है। यहां मुस्लिम आबादी करीब 15 फीसदी है। इनके अलावा ब्राह्मण, बनिया और सिंह जातियों के वोटर हैं।