दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 27 साल बाद दिल्ली में कमल खिलाया है। आम आदमी पार्टी को करारी शिकस्त देने के बाद अब भाजपा से दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर अटकलें तेज हो गई है। सीएम के चेहरे के साथ-साथ मु्ख्यमंत्री आवास में रहने को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है।
हालांकि, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने शनिवार को साफ कर दिया है कि भाजपा का मुख्यमंत्री शीश महल में नहीं रहेगा। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, 'भाजपा के मुख्यमंत्री 'शीश महल' में नहीं रहेंगे, यह एक सरकारी बंगला है, जहां अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री के दौरान रह रहे थे।'
शीश महल बना चुनावी मुद्दा
दरअसल, सिविल लाइंस में 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगला पिछले साल केजरीवाल द्वारा महंगे रेनोवेशन के कारण विवादों में रहा था। भाजपा ने इस घर को 'शीश महल' नाम दिया है।
सचदेवा ने कहा, 'कोई भी भाजपा मुख्यमंत्री 'शीशमहल' पर कब्जा नहीं करेगा। आवास का भविष्य कानून के अनुसार तय किया जाएगा।' इस समय लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पास आवास का कब्जा है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने चुनावी अभियान के दौरान शीश महल मुद्दे को कई बार उजागर किया था।
क्या है शीश महल विवाद?
आरोप है कि केजरीवाल सरकार ने सीएम आवास के रेनोवेशन पर करोड़ों रुपये खर्च किए, जिसे 'शीश महल' कहा जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस पर करीब 45 करोड़ रुपये खर्च हुए, जिसमें महंगे इटालियन मार्बल, शानदार इंटीरियर, और हाई-एंड सुविधाएं जोड़ी गईं। बीजेपी और कांग्रेस ने इसे 'आप सरकार की फिजूलखर्ची' करार दिया, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) ने इसे जरूरी मरम्मत बताया।
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आप सरकार की सफाई
AAP का दावा है कि यह बंगला अत्यधिक जर्जर हालत में था, इसलिए इसकी मरम्मत जरूरी थी। पार्टी के मुताबिक, कोई अनियमितता नहीं हुई और यह खर्च सरकारी नियमों के तहत हुआ। हालांकि, बीजेपी ने इसे 'राजा केजरीवाल का महल' बताया और कहा कि जो नेता आम आदमी की बात करता था, वही शाही ठाट-बाट अपना रहा है। इसके अलावा कांग्रेस ने भी AAP पर हमला बोलते हुए कहा कि जनता के पैसों का दुरुपयोग हो रहा है।