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EVM को रखने का रूल क्या है, जिस पर AAP नेता ने उठाए सवाल?

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए वोटिंग जारी है। सुबह 7 बजे से लोग अपने मतों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में EVM को लेकर कुछ खास नियम जो आपको जानना जरूरी है। यहां पढ़ें।

Delhi Assembly Election 2025 EVM

EVM दिल्ली चुनाव, Photo Credit: AI generated pic

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आज सभी सीटों के लिए मतदान हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली की जनता से अपील की है कि वे लोकतंत्र के इस उत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। इस बीच आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बड़ा EVM को लेकर बड़ा आरोप लगाया है। 

 

चिराग दिल्ली पोलिंग बूथ के बाहर खड़े सौरभ भारद्वाज ने मीडिया से बातचीत की और आरोप लगाते हुए कहा, 'किसी भी मतदान केंद्र पर EVM मशीनों को अंधेरे में रखने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्हें बस सीधे धूप से बचाने की जरूरत है। मुझे यहां (चिराग दिल्ली) से शिकायत मिली थी, इसलिए मैं आया और जांच की, मैंने पाया कि 5-6 कमरों में लाइटें बंद थीं, जिससे मशीनें अंधेरे में थीं। ऐसा नहीं होना चाहिए।'

 

पुलिस बैरिकेडिंग लगाकर रोक रही

दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हुए AAP नेता ने कहा कि जिन सीटों पर आम आदमी पार्टी (AAP) मजबूत है, उन इलाकों में पुलिस मतदाताओं को बूथ तक जाने से खुल्लम खुल्ला रोक रही है। उन्होंने पुलिस के इस रवैये पर सख्त नाराजगी जाहिर की। दरअसल, दिल्ली पुलिस ने वाहन को आगे ले जाने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगाई हुई है। 

 

दिल्ली में वोटिंग चल रही है और चुनावी दौर में EVM पर सवाल उठाना वाजिब है। भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को रखने और सुरक्षा से जुड़े नियम बहुत सख्त होते हैं। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) इन नियमों को निर्धारित करता है। ऐसे में EVM को रखने का रूल क्या है, आइये जानें।

 

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EVM को रखने और सुरक्षा से जुड़े नियम
चुनाव से पहले 

सुरक्षित गोदाम EVM की स्टोरेज

EVM को चुनाव से पहले सुरक्षित गोदामों में रखा जाता है।
इन गोदामों में CCTV कैमरा, सुरक्षा बल और सील बंद सुरक्षा होती है।
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को गोदामों का निरीक्षण करने की अनुमति होती है।

 

मॉक टेस्टिंग

EVM का फर्स्ट लेवल चेक (FLC) किया जाता है।
सभी मशीनों को टेस्ट कर राजनीतिक दलों की मौजूदगी में जांच की जाती है।


मतदान के दिन 

सुरक्षा व्यवस्था

EVM को सुरक्षा बलों के साथ मतदान केंद्रों तक पहुंचाया जाता है।
मतदान शुरू होने से पहले मॉक पोल (Mock Poll) किया जाता है।
सभी पोलिंग एजेंट्स इसकी जांच करते हैं और संतुष्ट होने के बाद ही मतदान शुरू होता है।

 

सीलिंग और सुरक्षा

मतदान खत्म होने के बाद EVM को सील कर दिया जाता है।
उम्मीदवारों के एजेंट्स सीलिंग की प्रक्रिया देखते हैं और उनके सामने ही मशीनों को सुरक्षित किया जाता है।


मतदान के बाद 

EVM की सुरक्षित स्टोरेज

मतदान खत्म होने के बाद EVM को सील करके स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाता है।
स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर CCTV और सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं।
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को स्ट्रॉन्ग रूम की निगरानी करने की अनुमति होती है।

 

EVM को खोलने के नियम

EVM केवल गिनती के दिन (Counting Day) ही खोली जाती है।
गिनती के दिन सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि वहां मौजूद रहते हैं।


चुनाव के बाद 

EVM का स्टोरेज और डिस्पोजल

गिनती के बाद EVM को 45 दिन तक सुरक्षित रखा जाता है।
अगर कोई उम्मीदवार चुनाव परिणाम को कोर्ट में चुनौती देता है, तो EVM को निर्णय आने तक सुरक्षित रखा जाता है।
उसके बाद पुराने मॉडल्स की EVM को निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार नष्ट किया जाता है।

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