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गौरा बौराम विधानसभा: 2020 में VIP ने मारी थी बाजी, BJP-JDU से मुकाबला

गौरा बौराम विधानसभा मुस्लिम और अनुसूचित जाति बाहुल्य सीट है। यहां 2020 के विधानसभा चुनाव के मुताबिक यहां 62,571 मुस्लिम मतदाता (24.80%) और 43,926 अनुसूचित जाति (17.41%) शामिल थे।

Gaura Bauram Assembly constituency

गौरा बौराम विधानसभा। Photo Credit- Khabargaon

गौरा बौराम बिहार के दरभंगा जिले में स्थित एक विधानसभा क्षेत्र है। गौरा बौराम के पूरब में सुपौल, मधेपुरा और सहरसा जिले आते हैं। गौरा बौराम विधानसभा के बगल से ही कमला नदी बहती है। यहां भगवती अस्थान और चोटी जामा मस्जिद प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं। यह पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्र है और इसमें कोई शहरी मतदाता नहीं हैं। गौरा की मुख्य भाषा मैथिली है।

 

बौराम में रहने वाले ज्यादातर लोग खेती से जुड़े हैं, जहां मुख्य फसलों में गेहूं, जौ, धनिया, मक्का, मूंग, अरहर हैं। गौरा बौराम से दगभंगा जिला मुख्यालय की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है। हालांकि, इन सबके बीच गौरा बौराम विधानसभा में मूलभूत सुविधाओं की कमी के साथ में यहां उच्च शिक्षा के लिए ढांचे की मांग होती रही है।

 

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मौजूदा समीकरण?

गौरा बौराम विधानसभा मुस्लिम और अनुसूचित जाति बाहुल्य सीट है। यहां 2020 के विधानसभा चुनाव के मुताबिक यहां 62,571 मुस्लिम मतदाता (24.80%) और 43,926 अनुसूचित जाति (17.41%) शामिल थे। गौरा बौराम विधानसभा सीट 2010 में जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने जीती थी। 2015 में जेडीयू-आरजेडी के गठबंधन की वजह से यहां से जेडीयू के मदन सहनी ने जीत दर्ज की थी।

2020 में क्या हुआ था?

2020 में जब जेडीयू ने NDA में वापसी की तो गठबंधन में शामिल मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने गौरा बौराम से चुनाव जीता। VIP की स्वर्णा सिंह ने आरजेडी के अफजल अली खान को 7,280 वोटों से हरा दिया। स्वर्णा सिंह को 41.26 मत के साथ 59,538 वोट मिले थे, जबकि अफजल अली को 36.21 मत के साथ में 52,258 वोट मिले। वहीं, यहां से लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के राजीव कुमार ठाकुर को 9,123 वोट मिले थे। हालांकि, मई 2022 में VIP की स्वर्णा सिंह बीजेपी में शामिल हो गईं।

 

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विधायक का परिचय

मौजूदा विधायक स्वर्णा सिंह गौरा बौराम से पहली बार विधायक चुनी गई हैं। स्वर्णा का जन्म बिहार के गया में हुआ था। उनकी मां का नाम लीलावती देवी है और उनके पिता, बिरकेश्वर प्रसाद सिंह बीजेपी के विधायक रहे हैं। माना जाता है कि 2022 में उनके बीजेपी में शामिल होने के पीछे उनके पिता ही थे।

 

51 साल की स्पर्णा सिंह ने साल 1996 में मगध विश्वविद्यालय के एएन कॉलेज से राजनीति विज्ञान में बीए (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की थी। इसके अलावा उन्होंने साउथ दिल्ली पॉलिटेक्निक से फैशन डिजाइन की भी पढ़ाई की है। 2020 के उनके चुनावी हलफनामों के मुताबिक, उनके पास 4 करोड़ 90 लाख रुपये की संपत्ति है।

विधानसभा सीट का इतिहास

गौरा बौराम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र संसदीय एवं विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन आदेश के बाद साल 2008 में अस्तित्व में आई थी। इस पर अभी तक कुल 3 ही चुनाव हुए हैं। इस सीट की संख्या 79 है। विधानसभा में गौरा बौराम और किरतपुर सामुदायिक विकास खंड हैं। गौरा बौराम विधानसभा सीट दरभंगा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है।

 

2010- इजहार अहमद (JDU)

2015- मदन सहनी (JDU)

2020- स्वर्णा सिंह (VIP)

 

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