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5 साल में 7 साल बड़े कैसे हो गए हेमंत सोरेन? BJP ने उठाए सवाल

हेमंत सोरेन कुछ महीने पहले ही भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार हुए थे और बाद में जेल से बाहर आ गए। अब वह एक नई मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं।

Hemant Soren during a public rally

हेमंत सोरेन, Source: Hemant Soren X Handle

झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता हेमंत सोरेन इन दिनों एक नए विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं। हाल ही में झारखंड की बरहेट विधानसभा सीट से अपना नामांकन भरने वाले हेमंत सोरेन ने अपने हलफनामे में जो जानकारी दी है उसी को लेकर वह विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के निशाने पर आ गए हैं। बीजेपी उन्हें आड़े हाथ ले रही है। वहीं, झारखंड में बीजेपी के रणनीतिकार के तौर पर काम कर रहे असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने तो यह भी कहा है कि हेमंत सोरेन का पर्चा रद्द नहीं होना चाहिए, जनता ही उन्हें हरा देगी। 

दरअसल, हेमंत सोरेन ने अपने साल 2019 के और 2024 के चुनावी हलफनामे में अपनी जो उम्र बताई है उसी को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। 2019 के हलफनामे में हेमंत सोरेन ने अपनी उम्र 42 साल बताई थी। इस हिसाब से इस बार उनकी उम्र 47 साल होनी चाहिए थी। हालांकि, हेमंत सोरेन इस बार के अपने नामांकन में अपनी उम्र 49 साल बताई है। इसी को लेकर बीजेपी उन पर बरस पड़ी है। इसी बहाने हेमंत सोरेन पर तंज कसते हुए बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा है, 'JMM का मतलब है झोल, मुस्लिम तुष्टीकरण और माफिया।'

क्या है पूरा विवाद?

 

शहजाद पूनावाला ने JMM और हेमंत सोरेन की आलोचना करते हुए कहा, 'इस झोल वाली JMM की सरकार ने पहले ही भ्रष्टाचार के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। अब यह एफिडेविट में भी घोटाला कर रही है। हेमंत सोरेन पिछले 5 साल में 7 साल बड़े हो गए हैं। 2019 में उन्होंने 42 साल उम्र बताई और 2024 में उनकी उम्र 49 साल हो गई। देखिए यहां पर कितना झोल है, इसी तरह इन लोगों ने और भी झोल किए। इनकी पूरी सरकार भ्रष्टाचार और मुस्लिम तुष्टीकरण में लिप्त रही है।'

 

झारखंड में बीजेपी के प्रभारी हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है, 'मैं कहता हूं कि हेमंत सोरेन का नामांकन रद्द नहीं होना चाहिए। जनता ही उनको हराएगी।' इस मामले पर JMM के नेता मनोज पांडेय का कहना है, 'JMM कुछ भी छिपाती नहीं है। सारे कागजात दिए हैं। जब सारे कागज दिए तो रिटर्निंग ऑफिसर चुप थे। अब बीजेपी अपनी हार देखकर साजिश कर रही है।'

 

बता दें कि बीजेपी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ मगालियम हेम्ब्रम को चुनाव में उतारा है। पिछली बार वह आजसू के टिकट पर चुनाव लड़े थे और बुरी तरह हारे थे। हेमंत सोरेन फिलहाल इसी सीट से विधायक भी हैं। 2019 में वह दुमका और बरहेट दोनों सीटों से जीते थे और बाद में दुमका सीट छोड़ दी थी। बरहेट में दूसरे चरण में 20 नवंबर को वोटिंग होनी है। चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे।

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