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झारखंड की सियासी लड़ाई, स्कूलों पर आई, कैसे? खुद पढ़ लीजिए

झारखंड की सियासी लड़ाई में नरेंद्र मोदी के बाद अगर कोई सबसे बड़ा चेहरा, सुर्खियों में है तो वह हिमंता बिस्वा सरमा का है। कैसे, आइए समझते हैं।

Himanta Biswa Sarma

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा। (तस्वीर- फेसबुक, हिमंता बिस्वा सरमा)

झारखंड की सियासी लड़ाई में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से अगर कोई चुनाव प्रचार का मुद्दा तय कर रहा है तो वह नाम असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का है। 'मुसलमान' से लेकर 'घुसपैठ' तक की सियासी पिच अगर किसी ने जमीन पर तैयार की है तो वह हिमंता बिस्वा सरमा ही हैं। अब उन्होंने चुनाव प्रचार का एक और मुद्दा ढूंढ लिया है और वह है स्कूल बंदी। 

हिमंत बिस्व सरमा ने एक चुनावी सभा के दौरान कहा कि हेमंत सोरेन शुक्रवार को स्कूल बंद रखना चाहते हैं। उनके मुताबिक झारखंड सरकार ने साल 2022 में एक फैसला किया था, जिसमें अल्पसंख्यक इलाकों में स्कूलों की छुट्टी रविवार के दिन शुक्रवार को की गई थी। 

हालांकि तथ्य ये है कि हेमंत सोरेन सरकार ने इस फैसले के जांच के आदेश दिए थे। उर्दू स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी होती है। कई दूसरे स्कूलों के नामों में आगे उर्दू जोड़कर शुक्रवार को छुट्टी देनी की परंपरा शुरू कर दी गई। सरकार ने इसकी जांच के आदेश दिए थे। 

मुख्यमंत्री हिमंता ने इसकी याद दिलाते हुए कहा, 'मैं हेमंत सोरेन से पूछना चाहता हूं कि अगर आप शुक्रवार को उनके लिए स्कूल बंद रखना चाहते हो तो क्यों नहीं मंगलवार को हमारे बच्चों के लिए स्कूल बंद रखते हो जिससे वे भगवान हनुमान की पूजा कर सकें?'  झारखंड के दुमका विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार करते हुए शुक्रवार को हिमंता बिस्वा सरमा ने ये बातें कहीं।

आखिर शुक्रवार बनाम मंगलवार की लड़ाई क्या है?
साल 2020 में जामताड़ा जिले के 43 स्कूलों में, जहां बहुसंख्यक आबादी मुस्लिम है, वहां रविवार की जगह, शुक्रवार को छुट्टियां देने का फैसला किया गया था। यह झारखंड सरकार का आधिकारिक आदेश नहीं था। कई स्कूलों ने इसे अपना लिया था। यह फैसला विवादों में रहा, इसे रद्द किया गया था। वजह आधिकारिक छुट्टी का दिन रविवार ही है।  



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ महीने पहले हेमंत सोरेन सरकार की इसी आधार पर आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि ईसाइयों से जंग में वे रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी करना चाहते हैं। उन्होंने कहा था, 'पहले उन्होंने हिंदुओं से लड़ाई की और अब ईसाइयों से। चल क्या रहा है?'

शुक्रवार छुट्टी वाले फैसले का हुआ क्या? 
जामताड़ा जिला शिक्षा अधिकारी अभय शंकर बताते हैं कि ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों ने जांच की तो कुछ समितियों को भंग कर दिया गया। जामताड़ा जिले के अल्पसंख्यक समुदाय बाहुल इलाकों में कुछ स्कूलों ने शुक्रवार को अपना साप्ताहिक अवकाश घोषित किया था। उसे रद्द कर दिया गया है। 

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