दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपना चुनावी मैनिफेस्टो जारी कर दिया है। इस बार बीजेपी का मैनिफेस्टो आते ही सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने इसे 'केजरीवाल पत्र' करार दे दिया। उन्होंने आरोप लगाए कि बीजेपी ने AAP के वादों की ही नकल कर ली है। इसकी वजह यह रही कि बीजेपी ने इस बार गरीब महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने, मौजूदा कल्याणकारी योजनाएं चालू रखने, महिलाओं को 500 रुपये में एलपीजी सिलिंडर देने और मेडिकल इंश्योरेंस जैसे वादे किए हैं। बीजेपी ने इस बार अपने मैनिफेस्टो का नाम 'विकसित दिल्ली संकल्प पत्र' रखा है। इस बार बीजेपी ने अपने कुछ पुराने वादों को हटा दिया है तो कुछ नए वादे शामिल किए हैं।
2020 के चुनाव में बीजेपी ने लड़कियों को साइकिल और इलेक्ट्रिक स्कूटी देने, टैक्सी-ऑटो स्टैंड बनाने, स्टार्टअप को बढ़ावा देने, अस्थायी कर्मचारियों को पक्का करने और महिला सुरक्षा के लिए लक्ष्मी बाई सुरक्षा योजना जैसे वादे किए थे। वहीं, 2025 के चुनाव बीजेपी के ध्यान नकद लाभ देने वाली योजनाओं पर ज्यादा है। साथ ही, बीजेपी बार-बार दोहरा रही है कि वह मौजूदा योजनाओं को भी जारी रखेगी। दरअसल, अरविंद केजरीवाल बार-बार आरोप लगाते रहे हैं कि अगर दिल्ली में बीजेपी की सरकार बन गई तो फ्री बिजली और फ्री पानी जैसी योजनाएं बंद कर दी जाएंगी।
2025 के चुनाव के लिए बीजेपी के बड़े वादे:-
- हर गरीब महिला को हर महीने 2500 रुपये
- हर गर्भवती महिला को हर 21 हजार की आर्थिक मदद और 6 पोषण किट
- गरीब परिवार की महिला को 500 रुपये में LPG सिलिंडर, होली-दीपावली पर मुफ्त सिलिंडर
- आयुष्मान योजना दिल्ली में लागू करने का वादा
- वरिष्ठ नागरिकों को 10 लाख तक का मुफ्त इलाज
- वृद्धा पेंशन 2000 से बढ़ाकर 2500 करने का वादा
- अटल कैंटीन स्थापित करके सिर्फ 5 रुपये में खाना

2020 के चुनाव के लिए बीजेपी के बड़े वादे:-
- गरीबों के लिए 2 रुपये किलो के हिसाब से आटा
- टैंकर मुक्त दिल्ली, हर घर में नल से साफ पानी
- आयुष्मान योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, किसान सम्मान निधि लागू करेंगे
- 10 नए कॉलेज और 200 नए स्कूल बनाएंगे
- विधवा की बेटी की शादी के लिए 51 हजार रुपये
- 10 लाख लोगों को रोजगार
- कचरा मुक्त दिल्ली का निर्माण
- दिल्ली यमुना विकास बोर्ड
- झुग्गियों में और 280 वार्ड में लाइब्रेरी
इस बार बीजेपी ने क्या बदला?
2020 और 2025 के वादों की तुलना करें तो इस बार बीजेपी ने कुछ हद तक AAP की रणनीति को अपनाया है। बीजेपी ने ऐसे वादे किए हैं जिनका सीधे तौर पर मतदाता को लाभ मिलता दिखे। वहीं, पिछली बार बीजेपी ने जो वादे किए थे वे सामाजिक स्तर पर तो ठीक थे लेकिन मतदाता उनसे सीधे तौर पर प्रभावित होते नहीं दिखते। पिछले कई राज्यों के चुनावों में देखा गया है कि प्रत्यक्ष लाभ का वादा करने वाली पार्टियों को चुनाव में मदद मिली है। पिछली बार बीजेपी ने जो वादे किए भी थे, उन्हें वह इस तरह से प्रचारित नहीं कर पाई थी कि वे उसे चुनावी माहौल बनाने में मदद कर पाएं।
इस बार बीजेपी ने महिलाओं को साधने के लिए 2500 रुपये महीने, बुजुर्गों को साधने के लिए पेंशन बढ़ाने, गरीब परिवारों के लिए 500 रुपये में गैस सिलिंडर देने और 5 रुपये में खाना देने वाली योजना का ऐलान किया है। 2020 की तुलना में ये योजनाएं टारगेटिंग के मामले में ज्यादा असरदार मालूम पड़ती हैं। हालांकि, ये योजनाएं बीजेपी को वोट कितना दिला पाएंगी इसका नतीजा तो 8 फरवरी को ही दिखेगा। इसकी वजह यही है कि सामने सत्ताधारी AAP है जो ऐसे ही वादे करके सत्ता में आई थी और उसने फ्री बिजली-पानी जैसी योजनाएं पर काम भी किया है। हालांकि, विपक्षी पार्टियां गंदे पानी, बिजली के बिल ज्यादा आने, मोहल्ला क्लीनिक के बंद रहने जैसे मुद्दे उठाती रहती हैं लेकिन 2020 के चुनाव में ऐसे दावों से AAP को कोई विशेष नुकसान नहीं हुआ।

2020 के चुनाव में दिल्ली बीजेपी ने 'देश बदला अब दिल्ली बदलो' जैसा नारा दिया था। तब उसका जोर पूर्वांचली मतदाताओं पर ज्यादा था और मनोज तिवारी प्रचार के केंद्र में थे। इस बार भले ही वीरेंद्र सचदेवा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हैं लेकिन वह चुनाव का केंद्र नहीं हैं। बीजेपी ने इस स्तर पर अपनी रणनीति में बदलाव किया है।