झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और बीजेपी के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है। राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीजेपी को कायर बताते हुए कहा है कि अगर हिम्मत है तो सामने से लड़ो- कायर अंग्रेजों की तरह लगातार पीछे से वार क्यों कर रहो हो? उन्होंने बीजेपी से कहा कि अंग्रेजों की तरह पीछे से हमला करने के बजाय सामने से उनसे लड़ो।
जेएमएम नेता हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट शेयर करते हु्ए समाचार की एक हेडलाइन शेयर की है। इसमें उन्होंने दावा किया है कि उनकी छवि खराब करने के लिए बीजेपी ने बहुत पैसे खर्च किए हैं।
ईडी-सीबीआई की कार्रवाई पर सवाल
पोस्ट में सीएम हेमंत ने कहा, 'कभी ईडी, कभी सीबीआई, कभी कोई एजेंसी-कभी कोई और। अब मेरी छवि बिगाड़ने के लिए अरबों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। अजब हालात है।'
क्या बोले सीएम सोरेन
सोरेन ने बीजेपी की डबल इंजन की सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार के पास राज्य में 5 साल पहले सत्ता थी और उसने हजारों स्कूलों को बंद कर दिया। 11 लाख लोगों के राशन कार्ड रद्द कर दिए। पांच साल में झारखंड राज्य सेवा आयोग (JPSC) की परीक्षाएं भी आयोजित नहीं की गईं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि 11 साल से केंद्र में बीजेपी की सरकार है, 5 साल राज्य में रही- खुद को डबल इंजन सरकार बोलती रही फिर रघुबर सरकार ने पांच सालों में 13000 स्कूल क्यों बंद कर किए? सीएम सोरेन ने इसके बाद भी बीजेपी से कई तीखे सवाल पूछे हैं।
बीजेपी पर बोला तीखा हमला
सोरेन ने कहा कि पांच सालों में वृद्धा/विधवा पेंशन नहीं बढ़ाया। पांच साल में राज्य में भूख से सैंकड़ों मौतें हुई। क्यों पांच साल में युवाओं को साइकिल बनाने, केला बेचने की सलाह दी गई। बीजेपी के पांच साल के साशन में सरकारी कर्मियों को ओल्ड पेंशन स्कीम नहीं दी गई। झारखंड की बिजली बांग्लादेश में बेची गई। सेविका/सहिया/पारा शिक्षकों पर लगातार लाठियां बरसायी गईं। बच्चियों की पढ़ाई के लिए कोई योजना नहीं लाई गई। बीजेपी के पांच साल के साशन में बहनों के लिए मंईयां सम्मान योजना नहीं लाई गई। लोगों का लगातार बिजली बिल बढ़ाया गया।
झारखंड में दो चरणों में मतदान
बता दें कि झारखंड की 81 विधानसभा सीटों के लिए 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान होता। चुनावी नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। चुनाव आयोग के मुताबिक राज्य के कुछ 2.6 करोड़ मतदाता लोकतंत्र के इस त्यौहार में भाग लेंगे। इसमें से 1.31 करोड़ पुरुष और 1.29 करोड़ महिला मतदाता शामिल हैं।