28 नवंबर को झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस बीच कांग्रेस पार्टी ने उपमुख्यमंत्री और चार कैबिनेट मंत्रियों के पद की मांग कर डाली है। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इस बात से इनकार कर रहे हैं कि पार्टी ने डिप्टी सीएम पद की कोई मांग की है।
बता दें कि झारखंड की पिछली कैबिनेट में भी कांग्रेस के चार मंत्री थे। मंत्रियों का कोटा विधानसभा में पार्टी के विधायकों की संख्या के आधार पर तय किया जाता है। इस बार सीपीआई (एमएल) के I.N.D.I गठबंधन में शामिल होने के बाद एक नई स्थिति पैदा हो गई है।
झारखंड का डिप्टी सीएम कौन होगा?
झारखंड का डिप्टी सीएम कौन होगा, इसको लेकर गठबंधन की बैठक में ही सब तय किया जा सकता है। अगर कांग्रेस का उपमुख्यमंत्री पद पर जोर दिए जाने की अटकलें सही साबित हुई तो पार्टी में विवाद बढ़ सकता है। बताते चले की झारखंड में उपमुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा चल रही है।
इस मामले में कांग्रेस महासचिव और पार्टी के प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा, 'हमारी तत्काल प्राथमिकता गठबंधन के नेता का चुनाव करना है। एक बार सदन का नेता चुने जाने के बाद, एक अधिकृत प्रतिनिधिमंडल गठबंधन नेताओं के साथ मिलकर मंत्री पद सहित अन्य मामलों पर चर्चा करेगा।'
कांग्रेस को 4 मंत्री पद मिलने की उम्मीद
माना जा रहा है कि कांग्रेस को चार मंत्री पद मिलने की उम्मीद है। इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 16 सीटें जीती हैं। फॉर्मूले बताता है कि हर चार विधायकों पर एक पार्टी को मंत्री पद दिया जा सकता है। छह में से चार सीटें जीतने वाली आरजेडी भी इस बार दो मंत्री पद चाहती है।
झारखंड विधानसभा चुनाव में जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी और सीपीआई एमएल के इंडिया ब्लॉक ने 56 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी, एजेएसयू, जेडीयू और एलजेपी (आरवी) के एनडीए ने 24 सीटें जीतीं। एक सीट झारखंड क्रांतिकारी लोकतांत्रिक मोर्चा (जेकेएलएम) ने जीती, जो किसी भी गठबंधन का सदस्य नहीं है।