दिल्ली में ऐसी कई सीटें ऐसी हैं, जहां पर तीनों सियासी दलों के बीच मुकाबला देखने को मिल रहा है। ऐसी ही एक सीट करावल नगर विधानसभा सीट है। यह सीट दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली 70 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। इस सीट पर आम आदमी पार्टी ने मनोज कुमार त्यागी, भारतीय जनता पार्टी ने कपिल मिश्रा और कांग्रेस ने डॉ. पीके मिश्रा को टिकट दिया है। करावल नगर एक घनी आबादी वाला क्षेत्र है जहां बिहार, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के लोग रहते हैं।
करावल नगर दिल्ली मेट्रो, डीटीसी बसों, कैब, ऑटो-रिक्शा और ग्रामीण सेवा के माध्यम से दिल्ली के अन्य हिस्सों से जुड़ा हुआ है। बता दें कि करावल नगर 2020 के दिल्ली दंगों के केंद्र में भी रहा था।
करावल नगर की समस्याएं
करावल नगर में शराब के बढ़ते ठेके, सड़क, पीने का पानी और गंदगी की समस्या मुख्य मुद्दे हैं। यहां की महिलाएं शराब ठेके से परेशान हैं। जहां पहले एक ठेके हुआ करते थे अब वहां एक ही जगह पर 4 शराब के ठेके हैं। लोग सड़कों पर नशे में गिरे पड़े रहते है। लोगों को डर है कि यहां फिर से दंगे न भड़क जाए।
2020 में क्या हुआ था?
साल 2020 के विधानसभा चुनाव में आप पार्टी ने दुर्गेश पाठक पर भरोसा जताया था। वहीं, भाजपा ने मोहन सिंह बिष्ट को चुनावी मैदान में उतारा था। 2020 में भाजपा के उम्मीदवार मोहन सिंह बिष्ट 96,721 मत हासिल कर करावल नगर से विधायक चुने गए। वहीं, AAP पार्टी के दुर्गेश पाठक को 88,498 वोट मिले थे। इसी तरह वर्ष 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP के कपिल मिश्रा 1,01,865 वोट हासिल कर चुनाव जीते थे। वहीं, भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट को 57,434 वोट मिले। इसके अलावा कांग्रेस के शैतान पाल दायमा को 5,362 वोट मिले थे।
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करावल नगर का इतिहास
करावल नगर सीट के पहले चुनाव में भाजपा के रामपाल ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद BJP के ही मोहन सिंह बिष्ट ने इस सीट पर 5 बार चुनाव जीता। इस सीट पर हमेशा से भाजपा का दबदबा बना रहा। उत्तर-पूर्व जिले में स्थित यह क्षेत्र 1993 में विधानसभा सीट के रूप में स्थापित हुआ। यह सीट राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है।
करावल नगर का जातीय समीकरण
घनी आबादी वाले इस क्षेत्र में पहाड़ी के अलावा ज्यादातर लोग बिहार, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हैं। राजपूतों में चौहान और परिहार, गुर्जरों के चार गोत्र पीलवान, वैसला, भाटी और डेढ़ा यहां के मूल निवासी हैं। अनुसूचित जाति के लोग भी यहां रहते हैं।