महिषी बिहार की 243 सीटों में से एक विधानसभा सीट है। यह सामान्य श्रेणी का विधानसभा क्षेत्र है। महिषी विधानसभा में नौहट्टा और सत्तरकटैया प्रखंड आते हैं। महिषी से सहरसा शहर की दूरी मात्र 17 किलोमीटर है। यह इलाका कोसी नदी के बाढ़ प्रभावित मैदानों में स्थित है। बरसात के समय में अक्सर यहां बाढ़ आ जाती है। महिषी सांस्कृतिक रूप से मिथिला क्षेत्र का हिस्सा है। यहां मैथिली भाषा बोली जाती है। यह ग्रामीण इलाका है, जिसकी वजह से यहां के लोग कृषि को आजीविका के तौर पर करते हैं। इलाके में पानी की प्रचुर मात्रा होने की वजह से यहां धान की अच्छी फसल होती है। महिषी के दक्षिण में खगड़िया और मुंगेर जिले आते हैं, तो वहीं पूरब में मघेपुरा और उत्तर में समस्तीपुर स्थित है। विधानसभा में उग्रतारा स्थान मंदिर और हनुमान मंदिर प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं।
मौजूदा समीकरण?
महिषी एक सामान्य सीट है। इस सीट पर लगभग 21 फीसदी मुस्लिम और 19 फीसदी यादव हैं। इसके अलावा यहां पासवान, ब्राह्मण, राजपूत, दलित और अन्य पिछड़ी जातियां हैं। इस सीट पर साल 2005 से जेडीयू और आरजेडी का कब्जा रहा है। महिषी से पिछला चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जीती थी, गुंजेश्वर साह जेडीयू के विधायक बने थे। गुंजेश्वर साह ने आरजेडी के गौतम कृष्णा को करीबी मुकाबले में हराया था। जबकि उनके सामने जेडीयू-बीजेपी का मजबूत गठबंधन था। गुंजेश्वर महिषी से इससे पहले 2005 से 2010 तब विधायक रह चुके हैं। पिछले चुनाव में करीबी मुकाबले को देखते हुए इस बार आरजेडी को इस सीट पर जीत की उम्मीद है।
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2020 में क्या हुआ था?
महिषी विधानसभा सीट पर 2020 में जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने जीत दर्ज की थी। आरजेडी दूसरे नंबर पर रही थी। 2020 में जेडूयू के गुंजेश्वर साह ने आरजेडी के गौतम कृष्णा बहुत ही करीबी मुकाबले में हराया था। हार का अंतर महज 1,630 वोटों का था। जेडीयू के गुंजेश्वर साह ने 37.83 फीसदी वोट पाते हुए 66,316 वोट हासिल किया था, जबकि गौतम कृष्णा को 64,686 वोट मिले थे। वहीं, इस सीट पर लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के अब्दुल रज्जाक 22,110 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
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विधायक का परिचय
मौजूदा विधायक गुंजेश्वर साह महिषी से दो बार के विधायक हैं। वह यहां से सबसे पहले 2005 में जेडीयू के टिकट पर ही विधायक बने थे। 71 साल के गुंजेश्वर साह सहरसा जिले के दिग्गज नेता माने जाते हैं। उनकी पढ़ाई की बात करें तो वह ग्रेजुएट हैं। उन्होंने 1966 में भागलपुर विश्वविद्यालय से संबंध सहरसा कॉलेज से बीए किया था। 2020 के उनके चुनावी हलफनामों के मुताबिक, उनकी आय का मुख्य स्रोत विधायकी रूप में उनका वेतन और समाज सेवा है। पिछले हलफनामों के मुताबिक उनके पास 1.52 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
1967- परमेश्वर कुमार (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी)
1969- लहटन चौधरी (कांग्रेस)
1972- लहटन चौधरी (कांग्रेस)
1977- परमेश्वर कुमार (जनता दल)
1980- लहटन चौधरी (कांग्रेस)
1985- लहटन चौधरी (कांग्रेस)
1990- आनंद मोहन सिंह (जनता दल)
1995- अब्दुल गफ्फूर (जनता दल)
2000- अब्दुल गफ्फूर (आरजेडी)
2005- सुरेंद्र यादव (निर्दलीय)
2005- गुंजेश्वर साह (जेडीयू)
2010- अब्दुल गफ्फूर (आरजेडी)
2015- अब्दुल गफ्फूर (आरजेडी)
2020- गुंजेश्वर साह (जेडीयू)